ग्वालियर : यह हैं खाकी को कलंकित करने वाले चेहरे….
दुष्कर्म और अड़ीबाजी में फंसे, इन्हें ही पकड़ने में पुलिस नाकाम ?
ग्वालियर पुलिस के चार चेहरे.इन्होंने पूरे प्रदेश में ग्वालियर पुलिस की बदनामी कराई। किसी ने दुष्कर्म जैसी वारदात की तो कोई सट्टेबाजों से अड़ीबाजी में फंसा। इन पर आपराधिक प्रकरण दर्ज हो चुके हैं।
- लंबा समय बीत जाने के बाद भी आरोपितों की गिरफ्तारी न होना पूरे सिस्टम को कटघरे में खड़ा कर रहा है
- इस आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता, पुलिस महकमे से ही इन्हें सहयोग मिल रहा हो।
ग्वालियर. ग्वालियर पुलिस के चार चेहरे.इन्होंने पूरे प्रदेश में ग्वालियर पुलिस की बदनामी कराई। किसी ने दुष्कर्म जैसी वारदात की तो कोई सट्टेबाजों से अड़ीबाजी में फंसा। इन पर आपराधिक प्रकरण दर्ज हो चुके हैं। एफआइआर होने के बाद से फरार चल रहे हैं। लंबा समय बीत जाने के बाद भी इनकी गिरफ्तारी न होना पूरे सिस्टम को कटघरे में खड़ा कर रही है। अब महकमे में ही इन्हें लेकर अलग-अलग चर्चाएं होने लगी हैं। किसी भी अपराध में अपराधी को पकड़ने के लिए पुलिस जितनी तत्परता दिखाती है, उतनी तत्परता उन मामलों में नहीं दिखाई गई, जिनमें खाकी वर्दी वाले ही आरोपित हैं। इनकी गिरफ्तारी को लेकर प्रयास करने का दावा अफसर भले ही करें, लेकिन जिस तरह अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है, यह स्थिति कई सवाल खड़े करती है। इस आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता, पुलिस महकमे से ही इन्हें सहयोग मिल रहा हो।
यह हैं खाकी को कलंकित करने वाले चेहरे….
तिमेश छारी: निरीक्षक
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- किस मामले में आरोपित: दुष्कर्म
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- कब हुई एफआइआर: 5 नवंबर
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- क्या है आरोप: तिमेश छारी पर भिंड के लहार की रहने वाली युवती ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है। इस मामले में एफआइआर दर्ज हुई। फेसबुक पर युवती की दोस्ती हुई थी। फिर निरीक्षक तिमेश छारी ने मिलने के बहाने बुलाया। उसे हजीरा थाने के पीछे स्थित सरकारी आवास पर ले गए। यहां उसके साथ दुष्कर्म किया। फिर अगले दिन पड़ाव थाने में युवती व उसके साथियों पर ही एक्सटार्शन की एफआइआर दर्ज करवा दी। हनीट्रेप में फंसाने की एफआइआर निरीक्षक तिमेश छारी ने करवाई थी। इसके बाद पीड़िता की शिकायत पर एफआइआर हुई।
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- स्थिति: एफआइआर होने की खबर मिलते ही तिमेश छारी फरार हो गया। जिस एफआइआर में तिमेश छारी फरियादी है, उस मामले में युवती व उसके साथियों की गिरफ्तारी कर ली गई और जेल भेज दिया गया। जबकि तिमेश छारी को अब तक पुलिस नहीं पकड़ सकी।
आरोपित पुलिस कर्मी जो फरार हैं।
मुकुल यादव: उपनिरीक्षक, विकास तोमर: हवलदार, राहुल यादव: सिपाही
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- कब हुई एफआइआर: 18 सितंबर
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- क्या है आरोप: तीनों पुलिसकर्मियों ने सिरोल स्थित एमके सिटी हाउसिंग सोसायटी के फ्लैट में क्रिकेट पर आनलाइन सट्टा लगवाते हुए सट्टेबाजों को पकड़ा। यहां सट्टेबाजों को धमकाकर इन लोगों ने राजस्थान और गुजरात के अलग-अलग बैंक खातों में 23.35 लाख रुपये भेजे। सट्टेबाजों से अड़ीबाजी की। जब यह मामला खुला तब एफआइआर हुई।
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- स्थिति: इस मामले में ग्वालियर पुलिस की ओर से 10-10 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया गया। शुरुआत में क्राइम ब्रांच और सिरोल थाने की टीम इनकी तलाश में लगाई गई, लेकिन फिर पूरा मामला ठंडा हो गया। अभी तक यह लोग पकड़े नहीं जा सके हैं।
- अड़ीबाजी के मामले में पर्दे के पीछे के किरदारों का खुलासा भी नहीं: सट्टेबाजों से अड़ीबाजी के मामले में पर्दे के पीछे के किरदारों के भी नाम सामने नहीं आए। जबकि इस मामले में कुछ और लोगों की भूमिका बताई जा रही थी। इसे लेकर शुरुआत में अफसर भी सख्त थे, फिर यह मामला ठंडा पड़ गया।