खाली खजाने से होगा नई सरकार का स्वागत !

पॉलिसीधारकों को राहत, बीमा लोकपाल ₹50 लाख तक के मामले निपटा सकेंगे ..

भोपाल. तीन दिसंबर को मतगणना के बाद राज्य में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू होगी। नई सरकार शपथ तो लेगी, लेकिन उनका स्वागत खाली खजाने से होगा। ऐसा इसलिए कि राज्य में बजट से ज्यादा कर्ज हो चुका है। यह बोझ बढ़ता जा रहा है। वहीं, विधानसभा चुनाव में मुफ्त की घोषणाओं को पूरा करने में बजट का ज्यादातर हिस्सा खर्च होगा। इसका प्रबंधन नई सरकार के लिए चुनौती होगा। सत्ता के लिए भाजपा-कांग्रेस ने मुफ्त की कई घोषणाओं का दांव खेला था। कांग्रेस ने सरकार बनने पर नारी सम्मान योजना लागू कर महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह और 500 रुपए में गैस सिलेंडर देने के वादे किए। दूसरी ओर भाजपा सरकार ने तो लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं को प्रति माह 1000 रुपए देना शुरू किया। यह राशि बढ़ाकर 1250 भी कर दी। फिर 3 हजार रुपए करने का वादा भी किया।

खाली खजाना….

वहीं, महिलाओं को 450 रुपए में गैस सिलेंडर में भी देने लगी। कांग्रेस ने अपने वचन पत्र और भाजपा ने संकल्प पत्र में ऐसे कई वादे किए।

कांग्रेस सरकार बनने पर वचनों को पूरा करेंगे। हर वजन के लिए बजट का ध्यान रखा जाएगा। सरकार चरणबद्ध तरीके से पूरा करेगी। प्लान तैयार करेगी। शपथ ग्रहण के साथ ही मुख्यमंत्री मुख्य सचिव को वचन पत्र सौंपेगे।

– राजेन्द्र सिंह, अध्यक्ष, कांग्रेस वचन पत्र समिति

घोषणा पत्र पांच साल का होता है। उसी हिसाब से शार्ट व लॉग टर्म काम उसमें दिए जाते हैं। वित्तीय हिसाब से काम किए जाते हैं। भाजपा जो कहती है, वह करती है। सभी वादों को पूरा करने के लिए चरणबद्ध की प्लानिंंग है। भाजपा की सरकार निश्चित तौर पर बनेगी। हर वादा पूरा करेंगे।

– जयंत मलैया, घोषणा पत्र समिति के प्रमुख

एक्सपर्ट कमेंट

भाजपा-कांग्रेस में मुफ्त की घोषणाओं पर होड़ मची है। खजाने की ओर देखे बिना घोषणाएं कर दी जाती हैं। इन्हें पूरा करने में बजट का अधिकांश हिस्सा खर्च होगा। इसका सीधा असर अन्य योजनाओं पर पड़ेगा। विकास कार्य करने में आर्थिक बाधा आ सकती है। केंद्र और राज्य में एक ही दल की सरकार होने पर तो ठीक है, लेकिन अलग-अलग दलों की सरकार हुई तो राज्य को अधिक दिक्कत होगी। ऐसी स्थिति में केन्द्र से अधिक आर्थिक सहयोग मिलने की संभावना कम होती है। मुफ्त की घोषणाओं पर लगाम जरूरी है। इसके लिए सख्त कानून होना चाहिए।

– राघवजी, वित्तीय मामलों के जानकार एवं पूर्व वित्त मंत्री

भाजपा के प्रमुख संकल्प से कितना भार

लाड़ली बहना योजना: 1.30 करोड़ महिलाओं को हर माह 1000 रुपए। सालाना 19,500 करोड़ खर्च।

₹450 में गैस सिलेंडर: उज्ज्वला में 300 व लाड़ली बहना पर 500 रुपए सब्सिडी। हर माह करीब 280 करोड़ का खर्च।

किसान सम्मान निधि: राशि 4 हजार से बढ़ाकर 6 हजार रुपए की। खजाने पर 5220 करोड़ भार।

बिजली सब्सिडी: उपभोक्ताओं को 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली। इस पर 6 हजार करोड़ सब्सिडी।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की वेतनवृद्धि: 96028 कार्यकर्ता व 83183 सहायिकाओं के मानदेय में बढ़ोत्तरी से करीब 35.04 करोड़ का भार हर माह।

कांग्रेस के प्रमुख वचन से कितना बोझ …

नारी सम्मान: हर पात्र महिला को प्रतिमाह ₹1500 मिलेगा। सालाना 23760 करोड़ का बोझ।

500 में गैस सिलेंडर: अनुमान के मुताबिक 1.82 करोड़ गैस कनेक्शनधारकों को 500 रुपए में सिलेंडर। हर माह 819 करोड़ रुपए सब्सिडी पर खर्च होंगे।

युवाओं के लिए: हर माह 1500 रुपए से 3000 रुपए तक दिए जाएंगे। इस पर करीब 10 हजार करोड़ खर्च होने की संभावना।

छात्रवृित्त: 89 लाख विद्यार्थियों को हर माह 500 से 1500 रुपए। सालाना 7850 करोड़ का भार।

किसान कर्जमाफी: दो लाख तक कर्जमाफी, इस पर 10 हजार करोड़ खर्च का अनुमान।

बिजली सब्सिडी: 100 यूनिट बिजली मुफ्त और 200 यूनिट का बिल हाफ होगा। इससे सालाना 8000 करोड़ तक का भार आएगा।

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