नई पुलिस सत्यापन रिपोर्ट ही जाएगी भोपाल, स्वीकृति के बाद जांचा जाएगा चरित्र
नई पुलिस सत्यापन रिपोर्ट ही जाएगी भोपाल, स्वीकृति के बाद जांचा जाएगा चरित्र
Arms License In Gwalior: गृह विभाग, भोपाल से जारी होने वाले हथियार लाइसेंस आदेश के बाद भी आवेदक का चरित्र सत्यापन जरूरी होगा। लाइसेंस के लिए जिले में आवेदन देने के बाद से लेकर जारी होने तक उस पर कोई आपराधिक प्रकरण तो दर्ज नहीं हो गया
- हथियारों के शौकीनों के लिए बढ़ सकता है समय
- चरित्र सतयापन की प्रक्रिया से गुजरना होगा
- गृह विभाग ने सभी जिलों के कलेक्टरों को पत्र भेजा
ग्वालियर। गृह विभाग, भोपाल से जारी होने वाले हथियार लाइसेंस आदेश के बाद भी आवेदक का चरित्र सत्यापन जरूरी होगा। लाइसेंस के लिए जिले में आवेदन देने के बाद से लेकर जारी होने तक उस पर कोई आपराधिक प्रकरण तो दर्ज नहीं हो गया, इसी कारण पुलिस सत्यापन रिपोर्ट ली जाएगी। इसके साथ ही प्रदेश के जिलों में ऐसी लाइसेंस आवेदन फाइलें जिसमें पुलिस सत्यापन रिपोर्ट छह माह पुरानी हो चुकी है, वह फाइल अब गृह विभाग को नहीं भेजी जा सकेगी। जो फाइल पुरानी पुलिस रिपोर्ट होने पर भी जिले अपनी मर्जी से भोपाल भेज देते थे वह अब नहीं भेज सकेंगे। गृह विभाग ने सभी जिलों के कलेक्टरों को पत्र जारी कर दिए हैं।
रिवाल्वर-पिस्टल के लिए अधिकतर लाइसेंस के लिए गृह विभाग से लाइसेंस जारी किया जाता है जिसकी अनुशंसा गृहमंत्री करते हैं, अब लाइसेंस आदेश जारी होने के बाद जो लाइसेंस 10 से 15 दिन में बन जाता था, उसमें अब चरित्र सत्यापन का समय बढ़ जाएगा। बता दें कि गृह विभाग के पास ऐसे केस भेजे जा रहे थे, जिसमें पुलिस सत्यापन रिपोर्ट की अवधि छह माह से भी ज्यादा थी, शिकायतें हुईं तो यह पूरा मामला संज्ञान में आया। इसके बाद गृह विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टरों को गृह विभाग के सचिव संजय तिवारी की ओर से पत्र जारी किया गया है। आचार संहिता हटने के बाद जिलों को इस नए नियमों का पालन करना होगा। जिलों को गृह विभाग के इन नए निर्देशों का पालन करना होगा जिसमें समय और बढ़ेगा। नवीन सत्यापन रिपोर्ट की प्रक्रिया में समय लग जाता है और कई जिलों में लाइसेंसों के आवेदनों के ढेर लगे हैं। खासकर ग्वालियर चंबल संभाग के जिलों में हथियार का शौक काफी है यही कारण है कि यहां अधिक संख्या लाइसेंसों की है। पांच से आगे बढ़ेंगी फाइलें: प्रदेश में पांच दिसंबर को आचार संहिता निष्प्रभावी होते ही कलेक्टर कार्यालयों से लेकर गृह विभाग में लंबित पड़ी फाइलें आगे बढ़ना शुरू हो जाएंगी। वहीं यह भी सभी को पता है कि शस्त्र लाइसेंस के आवेदन से लेकर आदेश तक सिफारिशों का दौर चलता है।
यह दो निर्देश: जिलों को मानने होंगे
1. जिले में किसी आवेदक ने रिवाल्वर-पिस्टल के लिए आवेदन दिया तो उसकी फाइल प्रक्रिया में चलती रहती है इसके बाद कलेक्टर व संभागायुक्त की अनुशंसा के बाद भोपाल भेजी जाती है, अब भोपाल भेजने से पहले पुलिस सत्यापन रिपोर्ट छह माह से ज्यादा पुरानी नहीं चलेगी, अगर अवधि निकल गई या निकलने वाली है तो नवीन सत्यापन होगा।
2. भोपाल में गृह विभाग की ओर से पूरी प्रक्रिया के बाद जो लाइसेंस आदेश प्रदेश या आल इंडिया स्तर का जारी किया जाता है उसका आदेश जिले को पहुंचता है फिर लाइसेंस डायरी बनती है, अब डायरी तभी जारी होगी जब नवीन चरित्र सत्यापन होगा, इससे यह पता चल जाएगा कि आवेदन के बाद से आवेदक ने कोई अपराध तो नहीं कर दिया, ऐसी स्थिति में लाइसेंस जारी नहीं होगा।