ग्वालियर. अवैध बस स्टैंड: दबंगाई ऐसी कि हर कोई परेशान ?

अवैध बस स्टैंड: दबंगाई ऐसी कि हर कोई परेशान, आए दिन होती है नोकझोंक
Gwalior News: पुलिस, परिवहन और प्रशासन की अनदेखी के चलते शहर में अवैध बस स्टैंडों का संचालन नहीं थम रहा है। शहर में सड़क से लेकर चौराहों तक अवैध स्टैंड बन गए हैं। जहां आए दिन यातायात बाधित होता ह

ग्वालियर. पुलिस, परिवहन और प्रशासन की अनदेखी के चलते शहर में अवैध बस स्टैंडों का संचालन नहीं थम रहा है। शहर में सड़क से लेकर चौराहों तक अवैध स्टैंड बन गए हैं। जहां आए दिन यातायात बाधित होता है। पड़ाव थाना से चंद कदम की दूरी पर डफरिन सराय के पास देर शाम वीडियो कोच बसों का जमघट लग जाता है। बसों द्वारा यहां से लगेज उठाया जाता है। लगेज के साथ सवारी भी मिल जाती है।

प्रशासनिक अफसरों की अनदेखी के चलते अवैध बस स्टैंड का दायरा बढ़ता जा रहा है। हाल यह है कि जहां रोजाना जिम्मेदार अधिकारियों की आवाजाही है, वहीं अवैध स्टैंड का संचालन हो रहा है। सड़क किनारे अवैध स्टैंड संचालित होने जाम लगता है। जिला प्रशासन सहित यातायात पुलिस अभियान चलाने की बात कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं। परिवहन विभाग अमले की कमी बताकर चुप्पी साध जाता है। ऐसे में खामियाजा आमजन भुगतने हैं।

नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने पर आमजन से जुर्माना

आमजन अगर नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी कर दे तो पुलिस जुर्माना लगाने के साथ गाड़ी उठा ले जाती है। लोगों का कहना है कि प्राइवेट बस ऑपरेटर्स पर पुलिस मेहरबान है। प्राइवेट बस संचालकों ने शहर की मुख्य सड़कों को बस स्टैंड में बदल दिया है लेकिन पुलिस इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। कंपू, गोला का मंदिर, पड़ाव, बहाेड़ापुर आदि स्थानों पर बस ऑपरेटर्स ने अघोषित रूप से बस स्टैंड बना लिए हैं। बस ऑपरेटर्स की मनमानी के चलते आम लोगों का यहां से गुजरना मुश्किल हो जाता है।

दुर्घटनाओं की बनी रहती है आशंका

मुख्य सड़क पर देर तक बसों के खड़े रहने से दुर्घटनाओं की भी आशंका रहती है। आलम यह है कि अवैध तरीके से खड़ी होने वाली बसों पर किसी की नजर नहीं पड़ती। बस कई बार सड़क पर पूरा ट्रैफिक रुक जाता है लेकिन पुलिस को यह सब नजर नहीं आता। नियमों के मुताबिक यदि गाड़ी नो पार्किंग में पार्क हो जाए तो पुलिस जुर्माना लेती है। पुलिस बाकायदा इसके लिए शहर के चौराहों पर लगे कैमरों से इसकी मॉनीटरिंग करती है। नो पार्किंग में वाहन खड़े करने पर चालान की रसीद घर के पते पर भेज दी जाती है। लेकिन बस आपरेटरों पर कोई कार्रवाई नहीं होती।

अवैध तरीके से सड़क किनारे और सड़क पर खड़ी होने वाली बसों के खिलाफ जल्द ही अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।

अजीत सिंह चौहान, डीएसपी, यातायात

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