इंदौर : 14 ब्लैक स्पॉट पर सुधार, फिर भी 10 फीसदी बढ़ी दुर्घटनाओं से जिंदगी लाचार
14 ब्लैक स्पॉट पर सुधार, फिर भी 10 फीसदी बढ़ी दुर्घटनाओं से जिंदगी लाचार
इनवेस्टिगेशन: बायपास के 6 ब्लैक स्पॉट पर 3 सालों में 41 लोगों ने गवां दी अपनी जान
शहर की अवाम जाम से हलाकान है तो प्रमुख रोड और बायपास पर दुर्घटनाओं का ग्राफ कम नहीं हो रहा है। पिछले 3 सालों से सडक़ दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रयास तो हो रहे हैं, लेकिन मैदानी असर नहीं दिख रहा है। पुलिस ने अन्य विभागों के साथ मिलकर सडक़ दुर्घटनाओं के 14 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए, इनमें सुधार भी किए गए, फिर भी दुर्घटनाएं लगातार जारी है। तमाम दावों के बाद भी दुर्घटनाएं व मौतें लगातार बढ़ रही है। 14 ब्लैक स्पॉट पर सुधार के बाद भी 10 फीसदी बढ़ी दुर्घटनाओं ने जिंदगी को लाचार कर दिया है।
ये महज आंकड़े नहीं, थमती धडकऩों का सच
वर्ष 2023 में पुलिस ने लगातार हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए रिजलाय फाटा, आइटी पार्क व बायपास के तीन नए ब्लैक स्पॉट जोड़े थे। कुल 14 ब्लैक स्पॉट तय हुए थे। ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों से साफ है कि ब्लैक स्पॉट चिन्हित करने के बाद भी दुर्घटनाएं व मौतें रोकने में सफलता नहींं मिली है। वर्ष 2022 में जहां जनवरी से अक्टूबर माह तक 2732 दुर्घटनाएं हुई थी, वहीं 2023 में बढकऱ 2989 हो गई। वर्ष 2022 में इस दौरान 223 मौतें हुई और 2265 लोग घायल हुए। वर्ष 2023 में मौतें 225 हो चुकी है, 2362 लोग घायल हुए है। 257 दुर्घटनाएं ज्यादा हुई है, यानी करीब 10 प्रतिशत ज्यादा। मौत पिछले साल के मुकाबले 2 ज्यादा हुई है।
बायपास पर तीन सालोंं में हुई है 41 मौतें
शहर के विस्तार का असर है कि बायपास भी दुर्घटनाओं का ब्लैक स्पॉट बन गया है। ट्रैफिक पुलिस ने बायपास पर छह ब्लैक स्पॉट बना रखे हैं, जहां पिछले तीन साल में 41 मौतें हो चुकी है। बायपास पर भारी वाहनों की आवाजाही ज्यादा रहती है, हाईवे पर स्पीड भी बहुत होती है। चूंकि आसपास रहवासी इलाका डेवलप हो रहा है जिसके कारण छोटे वाहन चालक चपेट में आ जाते है। क्रॉसिंग पर ज्यादा दुर्घटनाएं होती है।
शहर के विस्तार का असर है कि बायपास भी दुर्घटनाओं का ब्लैक स्पॉट बन गया है। ट्रैफिक पुलिस ने बायपास पर छह ब्लैक स्पॉट बना रखे हैं, जहां पिछले तीन साल में 41 मौतें हो चुकी है। बायपास पर भारी वाहनों की आवाजाही ज्यादा रहती है, हाईवे पर स्पीड भी बहुत होती है। चूंकि आसपास रहवासी इलाका डेवलप हो रहा है जिसके कारण छोटे वाहन चालक चपेट में आ जाते है। क्रॉसिंग पर ज्यादा दुर्घटनाएं होती है।
ब्लैक स्पॉट – दुर्घटनाएं – तीन साल में हुई मौतेंलवकुश चौराहा – 13 -12
रिजलाय फाटा धार रोड -7 -7तलावली चांदा पुराना एबी रोड -5 -4
देवास नाका चौराहा -9 -7बेस्ट प्राइज के पास बायपास -7 – 7
रिजलाय फाटा धार रोड -7 -7तलावली चांदा पुराना एबी रोड -5 -4
देवास नाका चौराहा -9 -7बेस्ट प्राइज के पास बायपास -7 – 7
ओमेक्स सिटी बायपास – 8 -6डेक्थलॉन के सामने बायपास – 5 -5
संपत हिल्स के सामने बायपास -6 -6बिचली मर्दाना ब्रिज बायपास -7 –
लैंटर्न चौराहा – 6 -2तीन इमली चौराहा -10 -9
संपत हिल्स के सामने बायपास -6 -6बिचली मर्दाना ब्रिज बायपास -7 –
लैंटर्न चौराहा – 6 -2तीन इमली चौराहा -10 -9
रालामंडल चौराहा बायपास -7-7राऊ गोल चौराहा -11 -10
आइटी पार्क चौराहा -7 -5दुर्घटनाओँ की स्थिति
अवधि – दुर्घटनाएं – मौतें – कुल घायलजनवरी से अक्टूबर 2022 – 2732 – 223 -2265
जनवरी से अक्टूबर 2023 -2989 – 225 -2362——–
आइटी पार्क चौराहा -7 -5दुर्घटनाओँ की स्थिति
अवधि – दुर्घटनाएं – मौतें – कुल घायलजनवरी से अक्टूबर 2022 – 2732 – 223 -2265
जनवरी से अक्टूबर 2023 -2989 – 225 -2362——–
वर्जन…डीसीपी ट्रैफिक मनीष अग्रवाल के मुताबिक, दुर्घटनाएं रोकने के लिए ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर सुधार कराए जाते है ,नए ब्लैक स्पॉट भी जोड़े गए। सभी विभागों के साथ मिलकर प्रयास करते है। शहर के अंदर दुर्घटनाओं में कमी आई है, एक्सीडेंट रोकने के लिए आगे भी प्रयास जारी रहेंगे।
टॉपिक एक्सपर्ट
इंजीरिंगविंग की कमी से सुधार के प्रयास नहीं हो पाते सार्थक
अतुल सेठ, इंजीनियर
इंजीरिंगविंग की कमी से सुधार के प्रयास नहीं हो पाते सार्थक
अतुल सेठ, इंजीनियर
– ट्रैफिक सुधार व दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नगर निगम व ट्रैफिक पुलिस में इंजीनियरिंग विंग होना बहुत आवश्यक है। ब्लैक स्पॉट के चयन के बाद उसमें सुधार के लिए तकनीकी आधार पर अनुसंधान कर सुधार करना जरुरी है। जहां कमी है वहीं तकनीकी आधार पर सुधार से ही फायदा होता है, इंजीनियरिंग विंग नहीं होने से तमाम प्रयास ज्यादा सार्थक नहींं हो पाते है। दुर्घटनाएं रोकने के लिए इंजीनियरिंग विंग बनाकर काम करना होगा।