नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सवाल उठाया है कि क्या किसी महिला को भारतीय दंड संहिता धारा-375 के तहत दुष्कर्म के मामले में आरोपी बनाया जा सकता है? दरअसल, कोर्ट एक महिला द्वारा दाखिल उसे उसके बेटे के खिलाफ झूठे दुष्कर्म मामले में दाखिल जमानत याचिका पर सुनवाई करने को सहमत हुआ है।

दुष्कर्म के झूठे केस में फंसाया

शीर्ष अदालत ने पंजाब सरकार से 61 वर्षीय महिला द्वारा अपने बेटे से जुड़े दुष्कर्म के मामले में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर करने के बाद सुप्रीम कोर्ट इस सवाल पर विचार करने के लिए सहमत हो गया है। दरअसल, महिला को उसके बेटे के खिलाफ दायर झूठे दुष्कर्म मामले में फंसाया गया है।

जिस पर कोर्ट ने महिला से जवाब मांगा है। इस मुद्दे की जांच करने के लिए सहमत होते हुए, जस्टिस ऋषिकेश रॉय और संजय करोल की पीठ ने महिला को गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की और उसे जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया।

चार सप्ताह में मांगा जवाब

पीठ ने कहा, “नोटिस जारी हो गया है, चार सप्ताह में जवाब दिया जाए। इस बीच, याचिकाकर्ता को गिरफ्तारी से बचाया गया है, लेकिन उससे अपराध की जांच में सहयोग की उम्मीद की जाती है।” शुरुआत में, महिला की ओर से पेश हुए वकील ऋषि मल्होत्रा ने तर्क दिया कि आईपीसी की धारा 376(2)(N) (बार-बार दुष्कर्म) के आरोप को छोड़कर FIR में अन्य सभी दंडात्मक धाराएं जमानती हैं।

मालूम हो कि इस धारा के तहत दोषसिद्धि पर लगभग 10 साल की कैद का प्रावधान है और इसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है।

‘महिला पर नहीं लगा सकते दुष्कर्म का आरोप’

शीर्ष अदालत के एक फैसले का हवाला देते हुए मल्होत्रा ने कहा कि किसी महिला पर दुष्कर्म का आरोप नहीं लगाया जा सकता। मामले के मुताबिक, शिकायतकर्ता शुरू में महिला के अमेरिका स्थित बड़े बेटे के साथ लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में थी, लेकिन वे कभी व्यक्तिगत रूप से नहीं मिले थे। एफआईआर में कहा गया है कि शिकायतकर्ता ने एक वर्चुअल विवाह समारोह में अपने बेटे के साथ विवाह करने के बाद उसके साथ रहने लगी थी।

क्या है पूरा मामला?

बाद में, महिला का छोटा बेटा पुर्तगाल से उनसे मिलने आया। महिला ने दावा किया है कि उसके छोटे बेटे के आने के बाद शिकायतकर्ता और उसके परिवार ने उस पर अपने बड़े बेटे के साथ अनौपचारिक विवाह को खत्म करने का दबाव डाला। जब छोटा बेटा पुर्तगाल जाने वाला था, तो शिकायतकर्ता ने जोर देकर कहा कि वह उसे अपने साथ ले जाए, लेकिन वह अकेला ही चला गया।

जब दोनों परिवारों के बीच तनाव बढ़ गया, तो एक समझौता हुआ और महिला ने शिकायतकर्ता को अपने बड़े बेटे के साथ शादी खत्म करने के लिए 11 लाख रुपये दिए। इसके बाद शिकायतकर्ता ने स्थानीय पुलिस से संपर्क किया और महिला और उसके छोटे बेटे के खिलाफ दुष्कर्म और अन्य आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई।