नोएडा प्राधिकरण की इमारत 12 जगहों पर कमजोर …
नोएडा प्राधिकरण की इमारत 12 जगहों पर कमजोर …
दिल्ली IIT की रिपोर्ट में खुलासा, 131 करोड़ रुपए हो चुके हैं खर्च
नोएडा प्राधिकरण की बनाई जा रही बिल्डिंग की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं। प्राधिकरण के जिस नए ऑफिस की बिल्डिंग का निर्माण करोड़ों रुपए खर्च करके सेक्टर-96 में करवाया जा रहा है। वो इमारत 12 जगहों से कमजोर है। ये खुलासा दिल्ली आईआईटी कि रिपोर्ट में हुआ है।
आईआईटी ने इमारत से 12 हिस्सों से सैंपल लिए थे और सभी हिस्सों में कमजोरी पाई गई है। जिसकी रिपोर्ट प्राधिकरण को सौंप दी है। जबकि इस इमारत के लिए प्राधिकरण अब तक 131 करोड़ रुपए खर्च कर चुका है। इससे पहले नोएडा प्राधिकरण के सलाहकार ने भी इस इमारत की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे।
प्राधिकरण के CEO को भी कमी नजर आई थी
प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी का ट्रांसफर होने के बाद वर्तमान सीईओ डॉ. लोकेश एम ने इस इमारत का जायजा लिया था। इनको भी काम की गुणवत्ता में कमी नजर आई थी। सीईओ डॉ. लोकेश एम ने पाया था कि बिल्डिंग की स्ट्रक्चरल डेवलेपमेंट में बहुत खामियां हैं। उन्हें बिल्डिंग की फिनिशिंग, पिलर की स्थिति, डिजाइन स्ट्रक्चर स्टेबिलिटी सही नहीं मिली। सीईओ ने आईआईटी दिल्ली से स्ट्रक्चर स्टेबिलिटी सहित अन्य बिन्दुओं पर जांच कराने के निर्देश दिए थे।
इसके बाद आईआईटी ने जांच की और अब रिपोर्ट प्राधिकरण को सौंप दी है। अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान आईआईटी ने इस इमारत के अलग-अलग 12 हिस्सों से सैंपल लिए थे। टीम ने पिलर, कॉलम, छत से सैंपल लिए थे। सैंपल के आधार पर सामने आया कि इनकी मजबूती थोड़ी कमजोर है। इसके अलावा बेसमेंट में पानी भरने से भी काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में आईआईटी ने सभी बीम और कॉलम की बारीकी से जांच कराने का सुझाव दिया है। इसके लिए किसी रेट्रो स्पेक्टिव का काम करने वाली संस्था की मदद ली जाए।
131 करोड़ खर्च करने के बाद पता चला कमजोर है इमारत
सेक्टर-96 में बन रहे प्राधिकरण की नई इमारत की डेड लाइन एक जनवरी 2024 तय की गई है। इसके निर्माण को तीन बार एक्सटेंशन मिल चुका है। इमारत का 62 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। इसकी पहली निर्माण कंपनी प्रतिभा इंडस्ट्री लिमिटेड को ब्लैक लिस्ट किया जा चुका है। नए एग्रीमेंट के तहत एमएस एसटी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड इसका निर्माण कर रही है। जोकि प्रिंट रेट से 8.88 प्रतिशत अधिक है। प्रतिभा इंडस्ट्री लिमिटेड को 2019 तक निर्माण पूरा करना था। तीन बार एक्सटेंशन देने के बाद निर्माण कार्य की गति काफी धीमी रही।
जिस समय कंपनी ने काम करना बंद किया, उस समय तक वो टावर-1 में ग्राउंड प्लस तीन फ्लोर और टावर-2 में ग्राउंड प्लस सात फ्लोर और ऑडिटोरियम का स्ट्रक्चर कार्य पूरा कर चुकी थी। यही नहीं टावर-1 में तीसरे फ्लोर तक प्लास्टर कार्य और स्टोन फ्लोरिंग दूसरे फ्लोर तक हो चुका था। बिल्डिंग को बनाने के लिए कुल अनुमानित लागत 367 करोड़ रुपए रखी गई थी। जबकि अब तक 131 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं।
दो साल तक काम रहा बंद फिर रिस्क एंड कास्ट पर जारी हुए टेंडर
दो साल तक काम बंद रहने के बाद प्राधिकरण ने अक्टूबर में दोबारा से कार्य के लिए निविदा जारी की। इस बार 11 अक्टूबर 2022 को एसटी कंस्ट्रक्शन के साथ प्राधिकरण ने एग्रीमेंट साइन किया। कंपनी ने बचे हुए काम को 92 करोड़ 37 लाख रुपए में पूरा कर रही है। ये काम 2024 जनवरी तक पूरा करना है। खास ये है कि ये टेंडर रिस्क कास्ट पर जारी किए गए। अब आईआईटी की रिपोर्ट के बाद फिर से इमारत के निर्माण पर प्रश्न चिन्ह लगा दिए है।
यहां जानिए इमारत में क्या है खास
- परियोजना का निर्माण 24 हजार वर्गमीटर किया जा रहा है।
- इसमें दो टावर बनाए जा रहे है।
- पहला टावर ग्राउंड प्लस 3 यानी चार मंजिल पहले ये 18 मंजिल का बनना था।
- इसका एरिया 11 हजार 340 वर्गमीटर
- दूसरा टावर ग्राउंड प्लस सात फ्लोर कुल आठ फ्लोर का।
- कुल कवर्ड एरिया 14 हजार 840 वर्गमीटर
- आडिटोरियम 1780 वर्गमीटर क्षमता 488 नग
- प्रथम बेसमैंट पार्किंग 19678 वर्गमीटर
- सेकेंड बेसमैंट पार्किंग 19678 वर्गमीटर
- परियोजना का कुल बजट 367 करोड़
- सिविल कार्य के लिए 231.11 करोड
- विद्युत के लिए 72.81 करोड़
इन क्षेत्रीय ऑफिस को किया जाएगा शिफ्ट
सेक्टर-19 सिविल और मेंटेनेंस सेक्टर-39 इलेक्ट्रिकल और मेंटेनेंस विभाग सेक्टर-20 सर्किल ऑफिस सेक्टर-5 जल खंड और बाह्य एजेंसी सेक्टर-6 मुख्य प्रशासनिक खंड का कार्यालय सेक्टर-39 जन खंड के अन्य ऑफिस