मुआवजा वितरण मामले में SIT की जांच शुरू …, 15 साल की फाइलों की लिया जा रहा डेटा !

मुआवजा वितरण मामले में SIT की जांच शुरू ….SC के आदेश के बाद बनी थी टीम, 15 साल की फाइलों की लिया जा रहा डेटा

सेक्टर-6 नोएडा प्राधिकरण का प्रशासनिक खंड का कार्यालय ….

नोएडा प्राधिकरण में मुआवजा वितरण में हुए कथित फर्जीवाड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक निर्देश के बाद स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने जांच शुरू कर दी है। कोर्ट ने 15 साल के मुआवजा वितरण और जमीन अधिग्रहण की जांच करने को कहा है। SIT को अपनी रिपोर्ट चार सप्ताह में कोर्ट में देनी है। जांच विस्तार से होती है तो इसमें प्राधिकरण के भू लेख, वित्त से लेकर आला अधिकारियों के फंसने की नौबत आ सकती है।

SIT के एक प्रतिनिधि ने प्राधिकरण दफ्तर में आकर फाइलों की जांच शुरू की। एक सप्ताह के अंदर एसआईटी के सभी सदस्यों के भी नोएडा आने की उम्मीद है। इसके बाद जांच में और तेजी आएगी। इस साल सितंबर में प्रदेश सरकार ने गेझा मुआवजा से संबंधित प्रकरण में तीन सदस्यीय एसआईटी गठित की थी।

इनमें बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के चेयरमैन हेमंत राव, एडीजी मेरठ राजीव सभरवाल और मेरठ मंडल की कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे को जांच की जिम्मेदारी दी गई। एसआईटी ने चार दिन तक नोएडा प्राधिकरण में रहकर मामले की जांच की थी।

सुप्रीम कोर्ट सांकेतिक फोटो
सुप्रीम कोर्ट सांकेतिक फोटो

SC के आदेश के बाद अब दोबारा से जांच शुरू की गई। इसके लिए संबंधित रिकार्ड और डेटा के लिए मेरठ मंडल की कमिश्नर के प्रतिनिधि के रूप में अपर आयुक्त बच्चू सिंह को नोएडा भेजा गया है। प्राधिकरण अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि अपर आयुक्त की तरफ से मुआवजा प्रकरण से संबंधित ग्राम और साल के हिसाब से जो फाइलें मांगी जा रही हैं, उनको मुहैया कराना शुरू कर दिया है। प्राधिकरण के बोर्ड रूम में अधिकारी ने जांच शुरू की है।

2010 से मंगाई गई फाइल
दरअसल, पूर्व के शासन के काल में अतिरिक्त मुआवजे का खेल किया गया। करीब 100 करोड़ अतिरिक्त मुआवजा प्राधिकरण अधिकारियों ने किसानों के साथ मिलकर बांटा और आर्थिक लाभ कमाया। ये मामला 2015 के आसपास का है। जांच का दायरा अब बड़ा होगा।

बात करे 30 मार्च 2002 से लेकर अब तक एसआईटी को मुआवजा और जमीन अधिग्रहण से जुड़े करीब 12 हजार से ज्यादा फाइलों की जांच करनी होगी। फिलहाल अभी 2010 की फाइलों को मंगाया गया है।

प्राधिकरण के बोर्ड रूम में बोर्ड बैठक करते चेयरमैन व अन्य अधिकारी
प्राधिकरण के बोर्ड रूम में बोर्ड बैठक करते चेयरमैन व अन्य अधिकारी

2002 से अब तक किसानों से खरीदी और अधिग्रहीत जमीन के बदले दिया गया मुआवजा
प्राधिकरण ने 30 मार्च 2002 से अब तक 32 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया। ये जमीन 10 हजार 73 किसानों की है। इसके एवज में प्राधिकरण ने किसानों को 11 अरब 78 करोड़ 63 लाख से ज्यादा का मुआवजा बांटा। इसी तरह प्राधिकरण ने समझौते के आधार पर करीब 39 गांवों के 2480 किसानों से 3 अरब 12 करोड़ 55 लाख से ज्यादा मुआवजा 64.7 की दर से वितरित किया। इन सभी किसानों की फाइलों की जांच की जाएगी।

किन-कि गांवों में कितने किसानों की जमीन की गई अधिग्रहीत इसे देखे
इन 15 सालों और 2002 तक बादौल बांगर के 169, बादौली खादर के 344, सुथियाना के 469, कोंडली बांगर के 353 , छजारसी के 417 , रोहिल्लापुर के 455, सुल्तानपुर के 230, याकूबपुर के 193, बेगमपुर के 344, छपरौली बांगर के 278, सदरपुर के 981, लखनावली के 58, बहलोलपुर के 300, चोटरपुर के 187, नगलीनगला के 41, सलारपुर के 322, हल्दोनी के 118, झट्‌टा के 103, शाहपुर गोवर्धन खादर के 371, बसी बहाउद्दीनगर के 241, वाजिपुर के 373, शाहपुर गोवर्धन बांगर के 290, गुलावली के 327, रायपुर के खादर के 130, छलैरा बांगर के 13, गेझा तिलपताबाद के 3, गढ़ृी चौखंडी के 59 , पर्थला खंजरपुर के 327, नलगढ़ा के 6, शहदरा के 795 , सोरखा जाहिदाबाद के 1371, अगरपुर जागीर के 405 किसान शामिल है। जिनको फाइलों को एसआईटी खंगालेगी।

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