बच्चियों को मेंटली और फिजिकली स्ट्रांग बनाएं ! .महिलाएं खुद कर सकती हैं अपनी सुरक्षा, याद रखें 10 सेफ्टी टिप्स
दिल्ली महिलाओं के लिए सबसे अनसेफ….10 सेफ्टी टिप्स से खुद की करें सुरक्षा, बच्चियों को मेंटली और फिजिकली स्ट्रांग बनाएं
मध्य प्रदेश में एक साल में महिलाओं के खिलाफ 2092 अपराध बढ़े। 2022 में 32765 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2021 में 30673 मामले दर्ज हुए थे।
ये आंकड़े राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने जारी किए हैं।
NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित है। यहां रोजाना रेप के 3 मामले दर्ज होते हैं।
अपराधों पर एकदम से लगाम लगा पाना तो किसी के लिए संभव नहीं है। लेकिन चाहे लड़की हो या लड़का हर किसी को अपने लिए कैपेबल होना चाहिए। यानी अपनी रक्षा खुद करना आना चाहिए।
आज खबर में हम बात करेंगे कि अपराध की दुनिया में लड़कियां खुद की सुरक्षा कैसे करें, सेल्फ कॉन्फिडेंस कैसे बढ़ाएं। साथ ही जानेंगे कि पेरेंट्स अपनी बेटी को बचपन में पढ़ने के अलावा सेल्फ डिफेंस के लिए कैसे ट्रेंड करें।
ग्लोबल जेरोंटोलॉजी रिसर्च ग्रुप की माने तो महिलाएं इतनी स्ट्रांग होती हैं कि हर कंडीशन में सर्वाइव कर सकती हैं। चाहे प्राकृतिक आपदाएं हों, सामाजिक मुसीबतें हों या घरेलू दिक्कतें ही क्यों न।
लेकिन समाज में लड़कियाें को कुछ तबका ऐसा भी है, जहां लड़की को बचपन से ही दूसरों पर निर्भर रहना सिखाया जाता है। लड़कियां भी खुद को दूसरों के सामने कमजोर समझती हैं।
आज के माहौल को ध्यान में रखते हुए लड़कियों को इस सोच और बिहेवियर से बाहर निकलकर खुद को सक्षम बनाना चाहिए।
महिलाएं खुद कर सकती हैं अपनी सुरक्षा, याद रखें 10 सेफ्टी टिप्स
- इमोशनली स्ट्रॉन्ग हों। अपनी आत्मरक्षा को वरीयता दें।
- मोबाइल में वुमन सेफ्टी ऐप्स रखें। जरूरत पड़ने पर ऐप खोलते ही लाल बटन दबाएं।
- अनजान जगह जाने पर अपनी लोकेशन किसी फैमिली मेंबर से शेयर करें।
- कैब से ट्रैवल करते समय कैब ड्राइवर की गाड़ी का नंबर और बाकी डीटेल घरवालों से शेयर करें।
- सुनसान और अंधेरे रास्तों पर जाना अवॉइड करें।
- रास्ते में कुछ अटपटा या अजीब लगे तो परेशान न हों, तुरंत शोर मचाएं।
- खतरा लगने पर तुरंत वुमन हेल्पलाइन नंबर 1091 डायल करें।
- कहीं भी जाएं तो मोबाइल हमेशा फुल चार्ज रखें।
- ड्राइवर गलत रास्ते पर ले जा रहा है तो उसे टोकें और तुरंत पुलिस की मदद लें।
- सेल्फ डिफेंस के लिए हर लड़की और महिला हैंड और लेग मूवमेंट सीखे।
ये सोच लें कि मुसीबत पड़ने पर अब घबराना नहीं है। क्योंकि अपनी सुरक्षा अपने हाथ में ही है। इसके लिए आप कहीं भी आएं-जाएं या घर पर ही क्यों न रहें, लेकिन अपने साथ आत्मरक्षा के हथियार जरूर रखें।
इसके अलावा कोई भी मुसीबत आने पर या मुसीबत का एहसास होने पर मदद के लिए तुरंत पुलिस को फोन लगाएं।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए वुमन सेल है, जो कि 24 घंटे महिलाओं की सेवा के लिए तैनात रहती है।
मुसीबत में फंसने पर लड़कियां हमेशा याद रखें ये कॉन्टैक्ट नंबर
- वुमन हेल्पलाइन नंबर- 1091
- इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर- 112
अब बात करते हैं, छेड़खानी या सेक्सुअल हैरेसमेंट होने पर एक्शन लेने की।
पब्लिक प्लेसेस या पब्लिक ट्रांसपोर्ट में कोई छेड़छाड़ या सेक्सुअल हैरेसमेंट की कोशिश करें, तो लड़कियां इन बातों को फॉलो करें-
ऐसी सिचुएशन में बिल्कुल भी घबराए नहीं। साथ ही आरोपी की हरकतों को इग्नोर या अनदेखा न करें। तुरंत एक्शन लें। हो सकता है, आपके एक एक्शन से आने वाले समय में लड़कियों को इस अपमान से बचाया जा सकता है।
इसमें आप दो तरह से एक्शन ले सकती हैं-
सोशल एक्शन: आप जहां भी होें, तुरंत शोर मचाएं, लोगों को इकट्ठा करें, और समाज की मदद इस तरह से लें।
लीगल एक्शन: लड़की का पीछा करने, छेड़छाड़, गंदी हरकतें करने, पोर्न वीडियो दिखाने के मामले में आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के तहत मुकदमा दर्ज कर सकते हैं। इसमें भी अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा का प्रावधान है।
अब बात करते हैं उन लड़कियों के लिए जो खुद को नाजुक, कमजोर और दूसरों पर निर्भर समझती हैं, वे अपनी इस सोच से बाहर निकलें।
अपनी ताकत को पहचानों लड़कियों
इसमें आपकी कोई गलती नहीं है। क्योंकि बचपन से लड़कियों को ऐसे ही ट्रीट किया जाता है। जिससे वे अपने अंदर छिपी ताकत से वास्तव में रूबरू नहीं हो पाती हैं। लेकिन आज दुनिया बदल रही है, तेजी से हाईटेड होती हैं दुनिया में हमें भी सेल्फ डिपेंडेंट होना है। सिर्फ करियर की फील्ड में नहीं, बल्कि सेल्फ डिफेंस में भी। लड़कियों की ताकत को आसान और सरल शब्दों में समझते हैं-
शुरुआत करते हैं कि पार्लर जाकर थ्रेडिंग, वैक्स कराने की। तो पहली बार कराने में जो दर्द होता है उसमें वाकई में जान निकल जाती है। महिलाएं इन दर्द को आराम से सहन कर लेती हैं।
हर महीने होने वाला पीरियड्स का पेन हो या फिर बेबी डिलिवरी। दर्द के साथ शरीर में होने वाले बदलावों को महिला ही सहन सकती है। ये सब पुरुषों को सहना होता तो, न जाने क्या ही होता।
इस बात पर कई स्टडीज भी हो चुकी है कि अगर डिलिवरी वाला दर्द पुरुष को सहना पड़े तो उसकी मौत हो जाएगी।
महिलाएं पुरुषों से ज्यादा बुद्धिमान
स्टडीज के मुताबिक पुरुषों के दिमाग का वजन भले ही ज्यादा हो। लेकिन जब बात IQ लेवल की करें, तब महिलाएं उन्हें पीछे छोड़ देती हैं। महिलाओं के दिमाग में मोटा कॉरटिक्स होता है। जो बुद्धिमत्ता और बेहतर परफॉर्मेंस देने का काम करता है।
पेरेंट्स भी अपनी बच्चियों को बचपन से शेर बनाएं। उन्हें खुद को रक्षा स्वंय करना सिखाएं। आइए जानतें हैं उन्हें मेंटली और फिजिकली स्ट्रांग बनाने के टिप्स।
सवाल: लड़कियों को मेंटली स्ट्रांग कैसे करें?
जवाब: इसके लिए कई बातों को समझने की जरूरत है।
- खुद को किसी से कमतर न समझें। न ही दूसरों से तुलना करें।
- घरेलू हिंसा को नजरअंदाज न करें।
- सेल्फ डाउट पनपने न दें। खुद पर भरोसा रखें।
- ओवर थिंक करने से बचें।
- मुश्किलों से भागें नहीं। डटकर सामना करें।
- दूसरों द्वारा की जाने वाली आलोचना को खुद पर हावी न होने दें।
- कुछ भी गलत होने पर हमेशा खुद को न कोसें न जिम्मेदार ठहराएं।
सवाल: लड़कियों को फिजिकली स्ट्रांग कैसे बनाएं?
जवाब: हर किसी अपनी सुरक्षा के लिए शरीर मजबूत और खुद को अलर्ट रखना चाहिए। खासकर कमजोर समझी जाने वाली महिलाओं को। आजकल फिटनेस सेंटर और हेल्थ क्लब्स में महिलाओं के लिए तरह-तरह के सेल्फ डिफेंस वर्कआउट्स होते हैं।
जूडो, कराटे, ताइक्वांडो, जुजित्सू, कुंगफू कई ऐसी कलाएं जिनका इस्तेमाल मुश्किल समय में सेल्फ डिफेंस कर सकता है। ऐसी स्थिति में जब आप बिल्कुल निहत्थे हों।
महिलाओं के लिए कुछ खास सेल्फ डिफेंस मूव्स
- हैमर स्ट्राइक
- ग्रोइन किक
- एलबो स्ट्राइक
- हील पाम स्ट्राइक
- बियर हग अटैक
- इस्केप विद हैंड ट्रैप्ड