भाजपा ने यादव, देवड़ा और शुक्ला को क्यों सौंपी कमान?
भाजपा ने यादव, देवड़ा और शुक्ला को क्यों सौंपी कमान? 2024 पर है फोकस, यह है इनसाइड स्टोरी
भाजपा ने एक बार फिर सभी को चौंकाया है। भाजपा ने मध्यप्रदेश की कमान मोहन यादव को सौंपी है। जबकि उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा को बनाया है। भाजपा ने इन तीनों नेताओं के जरिए कई समीकरण साधने की कोशिश की है। मोहन यादव दक्षिण उज्जैन से विधायक हैं, जबकि देवड़ा मल्हार गढ़ से विधायक हैं। वहीं राजेंद्र शुक्ला रीवा से आते हैं।
भाजपा ने मोहन यादव, जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला के जरिये 2024 से पहले जातिगत समीकरण साधने की कोशिश की है। एक दिन पहले ही छत्तीसगढ़ में आदिवासी चेहरे को कमान देकर भाजपा ने जहां अनुसूचित जनजाति वर्ग को खुश करने की कोशिश की है, वहीं मध्यप्रदेश में ओबीसी समाज से आने वाले मोहन यादव को कमान दी है। मोहन यादव ओबीसी वर्ग से आते हैं। मध्यप्रदेश में ओबीसी की आबादी 52 फीसदी से ज्यादा है। जबकि ब्राह्मण वर्ग विंध्य अंचल और मध्य भारत अंचल में बहुलता रखता है। इसके अलावा पूरा मालवा-निमाड़ अंचल में एससी वर्ग की बहुतायत है। एससी वर्ग के लिए राज्य की 35 विधानसभा सीटें आरक्षित हैं। जगदीश एससी वर्ग से आते हैं। इनके अलावा शुक्ला को डिप्टी सीएम बनाकर सवर्णों को संतुष्ट किया है। ऐसे में पार्टी ने तीन नेताओं के जरिए पूरा जातिगत समीकरण साधा है।
इसलिए चुना राजेंद्र शुक्ला को
रीवा विधानसभा क्षेत्र में विधायक राजेंद्र शुक्ला को कद्दावर नेता के तौर पर जाना जाता है। साल 2003 में उन्होंने पहली बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीता था। इसके बाद लगातार वह रीवा से चुनाव जीतते आए हैं। साल 2018 में वह चौथी बार और अब 2023 में पांचवी बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। एमपी के डिप्टी सीएम की कुर्सी पाने वाले राजेंद्र शुक्ला सबसे पहले उमा भारती की सरकार में मंत्री बने। इसके बाद बाबूलाल गौर सरकार में भी उन्हें मंत्री पद मिला। शिवराज सिंह चौहान की सरकार में भी वह राज्य में कैबिनेट मंत्री रहे। वह अब तक 2003, 2008, 2013 और 2023 में मंत्री रह चुके हैं। राजेंद्र शुक्ला की छवि ‘रीवा के विकास पुरुष’ की है।