CM घोषित होते ही मोहन यादव … मां सीता पर दिया था विवादित बयान ?

छात्र राजनीति से शुरुआत, अब होंगे MP के CM, मां सीता पर दिया था विवादित बयान; पढ़ें मोहन की कहानी

मप्र के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव का नाम चौंकाने वाला रहा। इसके साथ ही मध्यप्रदेश का सीएम बनने की दौड़ से सभी नाम बाहर हो गए। अब मप्र की कमान मोहन यादव के हाथ में रहेगी। यानी प्रदेश में अब शिव का राज नहीं मोहन राज होगा। मोहन यादव ने अपने राजनीति सफर की शुरुआत छात्र जीवन से की थी। अब वे प्रदेश के सत्ता के शीर्ष पर विराजमान हो गए हैं। आइए, उनके बारे में विस्तार से जानते हैं…

छात्र राजनीति से करियर की शुरुआत करने वाले डॉ. मोहन यादव को भाजपा ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। अगले पांच साल के लिए डॉ. मोहन यादव को जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनके अलावा जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला प्रदेश के नए उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालेंगे। वहीं नरेंद्र सिंह तोमर को एमपी विधानसभा स्पीकर की जिम्मेदारी दी गई है।

तीन दिसंबर को विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे घोषित होने के बाद से ही लगातार इस बात को लेकर सस्पेंस चल रहा था कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री आखिर कौन होगा इस दौड़ में वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ ही कहीं वरिष्ठ नेताओं के नाम चल रहे थे, लेकिन सोमवार को भोपाल में मध्य प्रदेश भाजपा विधायक दल के बैठक के दौरान की गई घोषणा ने अचानक सभी को उस समय चौंका दिया, जब उज्जैन दक्षिण के विधायक और शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहे डॉ. मोहन यादव को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की घोषणा कर दी गई। यहां याद रहे की उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव वर्तमान में उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं, जो की वर्ष 2013 में पहली बार इस क्षेत्र से विधायक बने थे, जिसके बाद वर्ष 2018 में फिर इसी विधानसभा सीट से विजय श्री हुए। उन्होंने 2 जुलाई 2020 को शिवराज सरकार मे उच्च शिक्षा मंत्री की शपथ ली थी। जिसके बाद 3 दिसंबर 2023 को वे लगभग 13000 मतों से उज्जैन दक्षिण क्षेत्र से विजय श्री घोषित हुए थे। डॉ. मोहन यादव का जन्म 25 मार्च 1965 को मध्य प्रदेश के उज्जैन में हुआ था। उनके पिता पूनमचंद यादव और माता लीलाबाई यादव हैं। उनकी पत्नी सीमा यादव हैं। 

मुख्यमंत्री बनने तक कुल 41 वर्षों का रहा संघर्ष
डॉ. मोहन यादव को मंत्री पद तक पहुंचने के लिए 41 वर्षों तक संघर्ष करना पड़ा है। उन्होंने माधव विज्ञान महाविद्यालय से छात्र राजनीति की शुरुआत की थी। पार्टी में कई पदों पर रहने के बाद सरकार में उन्हें मंत्री बनने का मौका मिला है। कई बार वह बयानों को लेकर प्रदेश की राजनीति में चर्चा में रहे हैं। 1982 में वे माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह-सचिव और 1984 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने वर्ष 1984 मे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री और 1986 मे विभाग प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली। यही नहीं वर्ष 1988 में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्यप्रदेश के प्रदेश सहमंत्री और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे हैं। 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री और सन 1991-92 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री रह चुके हैं।1993-95 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, उज्जैन नगर के सह खंड कार्यवाह, सायं भाग नगर कार्यवाह और 1996 में खण्ड कार्यवाह और नगर कार्यवाह रहे हैं। संघ में सक्रियता की वजह से मोहन यादव 1997 में भाजयुमो प्रदेश समिति में अपनी जगह बनाई। 1998 में उन्हें पश्चिम रेलवेबोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य भी बने। इसके बाद उन्होंने संगठन में रहकर अलग-अलग पदों पर काम किया। 2004-2010 के बीच वह उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष (राज्यमंत्री दर्जा) रहें। 2011-2013 में मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम, भोपाल के अध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री दर्जा) भी बने। पहली बार 2013 में वह विधायक बने। 2018 में भी पार्टी ने उनपर भरोसा किया और वह चुनाव जीतने में सफल रहे। 2020 में जब बीजेपी की सरकार बनी तो मोहन यादव फिर से मंत्री बने।

मोहन यादव की शिक्षा और करियर
डॉ. मोहन यादव माधव विज्ञान महाविद्यालय से पढ़ाई की। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री रहे हैं। 1982 में छात्र संघ के सह-सचिव चुने गए थे। भाजपा की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य और सिंहस्थ मध्य प्रदेश की केंद्रीय समिति के सदस्य रहे हैं। मध्य प्रदेश विकास प्राधिकरण केप्रमुख, पश्चिम रेलवे बोर्ड में सलाहकार समिति के सदस्य भी रहे हैं।

कांग्रेस के इन आरोपों का कर चुके हैं सामना
उज्जैन के मास्टर प्लान को लेकर कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाए थे। कहा था कि मोहन यादव ने अपने परिवार को लाभ पहुंचाने के लिए मास्टर प्लान को गलत तरीके से पास कराया है। यादव ने इन आरोपों को खारिज कर दिया। लोगों ने भी इनआरोपों को गंभीरता से नहीं लिया और मोहन यादव को ही दोबारा विधायक बनाकर भोपाल भेजा है। 

इन मामलों में रहे चर्चा में
माता सीता को लेकर एक विवादित बयान भी चर्चा में रहा है। उन्होंने कहा था कि मर्यादा के कारण भगवा राम को सीता को छोड़ना पड़ा था। उन्होंने वन में बच्चों को जन्म दिया। कष्ट झेलकर भी राम की मंगलकामनना करती रहीं। आज के दौर में ये जीवन तलाक के बाद की जिंदगी जैसा है।

डॉ. मोहन यादव का जीवन परिचय
छात्र राजनीति: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में प्रदेश के विभिन्न पदों पर रहे। राष्ट्र्रीय महामंत्री के पद के दायित्वों का निर्वाहन, माधव विज्ञान महाविद्यालय में 1982 में छात्र संघ के संयुक्त सचिव तथा 1984 में छात्रसंघ अध्यक्ष निर्वाचित।

सामाजिक क्षेत्र: 2006 में भारत स्काउट एवं गाइड के जिलाध्यक्ष, मध्यप्रदेश ओलंपिक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष, 2007 में अखिल भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रहे। वर्ष 1992, 2004 एवं 2016 सिंहस्थ उज्जैन केन्द्रीय समिति के सदस्य रहे। वर्ष 2000-2003 तक विक्रम विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद (सिंडीकेट) सदस्य के दायित्व का निर्वाहन तथा शिक्षा, स्वास्थ्य, विकलांग पुर्नवास केन्द्रों में सक्रिय भागीदारी की।

राजनीतिक क्षेत्र: सन 1982 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह-सचिव एवं 1984 में अध्यक्ष रहे। सन 1984 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री एवं 1986 में विभाग प्रमुख रहे। सन 1988 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्यप्रदेश के प्रदेश सहमंत्री एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री तथा सन 1991-92 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री सन 1993-95 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, उज्जैन नगर के सह खंड कार्यवाह रहे। सायं भाग नगर कार्यवाह एवं 1996 में खंड कार्यवाह और नगर कार्यवाह रहे। सन 1997 में भारतीय जनता युवा मोर्चा की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य रहे। सन 1998 में पश्चिम रेलवे बोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य रहे। सन 1999 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के उज्जैन संभाग प्रभारी रहे। सन् 2000-2003 में भा.ज.पा. के नगर जिला महामंत्री एवं सन 2004 में भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य रहे। सन 2004 में सिंहस्थ, मध्यप्रदेश की केन्द्रीय समिति के सदस्य रहे। सन 2008 से भारत स्काउट एण्ड गाइड के जिलाध्यक्ष रहे। 

धार्मिक क्षेत्र: विक्रमोत्सव-चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य द्वारा आरंभ विक्रम संवत पर प्रारंभ होने वाले भारतीय नववर्ष मनाने की परंपरा, विगत 11 वर्षों से प्रतिवर्ष भव्य उत्सव शिप्रा तट पर आयोजित किया जाता है, धार्मिक आयोजनों में सक्रिय भागीदारी निभाते हुए भारतीय संस्कृति, तीज, त्यौहार, रीति-रिवाज के पारंपरिक आयोजनों में शामिल होकर साहित्यिक, सांस्कृतिक, कला, विज्ञान, पुरातत्व, वेद ज्योतिष से जुडने हेतु जनमानस को अभिप्रेरित किया। 

साहित्य: विक्रमादित्य शोधपीठ का गठन। 

लेखन: उज्जैयनी का पर्यटन, विश्वकाल गणना के केंद्र डोंगला का लेखन, संकल्प शुभकृत, क्रोधी, विश्वावसु, पराभव आदि पुस्तकों का प्रकाशन।
 
विदेश यात्रा: अमेरिका, इंग्लैंड, जर्मनी, जापान, बैंकाक, थाईलैंड, चीन, नेपाल, बर्मा, भूटान, म्यांमार, अरब देशों की यात्रा।

पूर्व दायित्व:

  • जुलाई 2020 से कैबिनेट मंत्री, उच्च शिक्षा विभाग।
  • तीसरी बार उज्जैन दक्षिण विधानसभा से लगातार निर्वाचित।
  • उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में देश में पहली बार मप्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का सफल क्रियान्वयन किया। 54 नए महाविद्यालय खोले।
  • सन 2004-2010 में उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष (राज्य मंत्री दर्जा) रहे। 
  • सन 2011-2013 में मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम, भोपाल के अध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री दर्जा) रहे। 
  • भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य रहे। सन् 2013-2016 में भाजपा के अखिल भारतीय सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के सह-संयोजक रहे। 
  • उज्जैन के समग्र विकास हेतु अप्रवासी भारतीय संगठन शिकागो (अमेरिका) द्वारा महात्मा गांधी पुरस्कार और इस्कॉन इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा सम्मानित हुए।
  • मध्यप्रदेश में पर्यटन के निरंतर विकास हेतु सन 2011-2012 एवं 2012-2013 में राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत हुए। 
  • सन 2013 में चौदहवीं विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। सन 2018 में दूसरी बार विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए। 
  • 2 जुलाई 2020 को मंत्री बने। 2023 में तीसरी बार विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए और आज मुख्यमंत्री बने।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने दी मोहन यादव को बधाई

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर बधाई देते हुए लिखा, ‘भारतीय जनता पार्टी विधायक दल का नेता निर्वाचित होने पर श्री मोहन यादव को शुभकामनाएं। मैं आशा करता हूं कि वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में विधिपूर्वक और राग-द्वेष से रहित होकर शासन करेंगे।’


मुख्यमंत्री निवास पहुंचने पर शिवराज ने दी बधाई
भाजपा विधायक दल के नेता डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री निवास पहुंचने पर कार्यवाहक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फूलों का गुलदस्ता भेंट कर बधाई दी।

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माता सीता की तुलना तलाकशुदा महिला से…CM घोषित होते ही मोहन यादव के 3 बयान वायरल
CM Mohan Yadav Statement: सोमवार को मध्‍य प्रदेश के नए मुख्‍यमंत्री के नाम की घोषणा हो गई है। डॉ मोहन यादव प्रदेश के मुख्‍यमंत्री होंगे। मोहन यादव के बयान पहले सुर्खियों में रहे हैं। उन्‍होंने माता सीता को लेकर भी विवादित बयान दिया था।
भोपाल: मध्‍य प्रदेश में मुख्‍यमंत्री के नाम को लेकर सस्‍पेंस खत्‍म हो गया है। डॉ मोहन यादव प्रदेश के मुख्‍यमंत्री होंगे। वहीं, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने राजभवन पहुंचकर अपना इस्‍तीफा राज्‍यपाल को सौंप दिया है। नए मुख्‍यमंत्री मोहन यादव पहले कई बार विवादों में रहे हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान उनका एक विवादित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसके पहले मोहन यादव ने माता सीता को लेकर भी एक विवादित बयान दिया था।
तीन बार काफी विवादों में रहे सीएम मोहन यादव

उज्‍जैन दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक मोहन यादव को प्रदेश का मुख्‍यमंत्री बनाया गया है। मोहन यादव अपने बयानों से कई बार सुर्खियों में रहे है। सीएम मोहन यादव ने माता सीता को लेकर भी विवादित बयान दिया था। इसके अलावा विधानसभा चुनाव के दौरान यादव का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें वे मंच से अभद्र और अशोभनीय भाषा का प्रयोग करते नजर आ रहे थे।

तलाकशुदा महिला से की थी माता सीता की तुलना

मध्‍य प्रदेश के नए सीएम मोहन यादव का एक विवादित बयान सामने आया था। नागदा खाचरोद के कारसेवकों के सम्‍मान समारोह में मोहन यादव ने तलाकशुदा महिला की तुलना माता सीता से की थी। मोहन यादव ने कारसेवकों के सम्‍मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा उन्‍होंने पहले श्री राम के जीवन के बारे में फिर माता सीता के जीवन को कष्‍ट से भरा बताया।

उन्‍होंने माता सीता की तुलना तलाकशुदा महिला से कर दी थी। उन्‍होंने कहा था कि इतना संकट और कष्‍ट झेलने के बावजूद माता सीता श्री राम के प्रति हमेशा अच्‍छा ही सोचती रहीं, बच्‍चों को भी अच्‍छी परवरिश दी। उन्‍होंने आज के समाज से तुलना करते हुए कहा था कि ऐसे जीवन को आज के समय तलाक के बाद वाला जीवन समझा जा सकता है।

हालांकि इस बयान के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जमकर विवाद हुआ, इसके बाद मोहन यादव ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मेरे बयान को गलत तरीके से प्रसारित किया गया है।

चुनाव के दौरान सामने आया था वीडियो

मध्‍य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान उज्‍जैन दक्षिण विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे बीजेपी प्रत्‍याशी मोहन यादव का एक वीडियो सामने आया था। जिसमें वे मंच से अभद्र और अशोभनीय भाषा का प्रयोग करते नजर आ रहे थे।

वीडियो में देखा मोहन यादव रैली को संबोधित करते हुए बीजेपी नेता ने आपा खो दिया और स्व. राम यादव और कांग्रेस प्रत्याशी चेतन यादव के पिता स्व. प्रेमनारायण यादव के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया। मोहन यादव ने कहा कि सुन लो रे कांग्रेसियों तुम्हारी औकात ही क्या है…? अभी भी तुम्हारी औकात ठिकाने नही आई है।

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