सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की संसद में भी सुनाई दी थी गूंज !
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की संसद में भी सुनाई दी थी गूंज, इन ऐतिहासिक फैसलों के कारण साल 2023 रहेगा हमेशा यादगार
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के तहत शीर्ष अदालत ने 1 जनवरी से 15 दिसंबर 2023 के बीच लगभग 52191 मामलों का निपटारा करके रिकॉर्ड बनाया। हालांकि मोदी सरकार को अनुच्छेद 370 को रद्द करने और 1000 और 500 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट से जोरदार समर्थन मिला। सुप्रीम कोर्ट के वो अहम फैसले जिस पर सभी देशवासियों की रहीं निगाहें।
नई दिल्ली। वर्ष 2023 संविधान पीठों द्वारा दिये गये कई महत्वपूर्ण फैसलों का गवाह बना। चाहे वह आर्टिकल 370 की संवैधानिक वैधता हो, विवाह समानता याचिकाएं, केंद्र की 2016 की नोटबंदी योजना को चुनौती या महाराष्ट्र और दिल्ली में राजनीतिक संकट।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के तहत, शीर्ष अदालत ने 1 जनवरी से 15 दिसंबर, 2023 के बीच लगभग 52,191 मामलों का निपटारा करके एक नया रिकॉर्ड बनाया। हालांकि, मोदी सरकार को अनुच्छेद 370 को रद्द करने और 1000 और 500 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट से जोरदार समर्थन मिला। तो आइये जान लेते है सुप्रीम कोर्ट के वो अहम फैसले जिस पर सभी देशवासियों की रहीं निगाहें।
आर्टिकल 370
इस साल का सबसे अहम फैसला सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 को लेकर लिया। केंद्र ने आर्टिकल 370 को हटाने पर कानूनी लड़ाई जीत ली, पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से इसके प्रावधानों को निरस्त करने के अपने फैसले को बरकरार रखा। हालांकि, शीर्ष अदालत ने वर्तमान केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के लिए ‘जल्द से जल्द’ राज्य का दर्जा बहाल करने और 30 सितंबर, 2024 तक राज्य विधानसभा चुनाव कराने का आदेश दिया हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह पर दिया था फैसला
भारत की शीर्ष अदालत ने 17 अक्टूबर को समलैंगिक विवाह को वैध बनाने से इनकार कर दिया और एक फैसले में जिम्मेदारी संसद को सौंप दी, जिससे देश में एलजीबीटीक्यू अधिकारों के लिए प्रचारकों को निराशा हुई।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार से समलैंगिक समुदाय के अधिकारों को बनाए रखने और उनके खिलाफ भेदभाव को समाप्त करने का भी आग्रह किया।
भोपाल गैस त्रासदी
सु्प्रीम कोर्ट ने 14 मार्च को केंद्र सरकार को झटका देते हुए, भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को यूनियन कार्बाइड कंपनी से 7400 करोड़ के अतिरिक्त मुआवजे दिलाने वाली क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों के मुआवजे में हुई बड़ी लापरवाही पर फटकार लगाते हुए आदेश दिया कि लंबित दावों को पूरा करने के लिए भारत सरकार द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक के पास पड़े 50 करोड़ रुपये की राशि का इस्तेमाल किया जाएगा। बता दें कि 1984 की भोपाल गैस त्रासदी में 3,000 से अधिक लोग मारे गए और बड़े पैमाने पर पर्यावरणीय क्षति हुई थी।
अदाणी-हिंडनबर्ग
अदाणी समूह से जुड़े एक मामले में, शीर्ष अदालत ने स्टॉक मूल्य में हेरफेर के आरोपों पर अदाणी-हिंडनबर्ग विवाद पर एक जनहित याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने विशेषज्ञ समिति का गठन किया है और सेबी को इस बात की जांच करने का निर्देश दिया है कि क्या सेबी के नियमों का उल्लंघन और स्टॉक की कीमतों में हेरफेर किया गया था।
SC ने नोटबंदी को रखा बरकरार
नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट की संविधान पीठ ने 4:1 बहुमत से केंद्र सरकार के छह साल पहले 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले को बरकरार रखा। बहुमत की राय में कहा गया कि केंद्र की 8 नवंबर 2016 की अधिसूचना वैध है और आनुपातिकता के मानदंडों को पूरा करती है।
SC ने जल्लीकट्टू को दी इजाजत
18 मई को, सुप्रीम कोर्ट ने जानवरों के प्रति क्रूरता निवारण (पीसीए) अधिनियम, 1960 में तमिलनाडु, महाराष्ट्र और कर्नाटक की विधानसभाओं द्वारा किए गए संशोधनों को बरकरार रखा। ये संशोधन जल्लीकट्टू, कंबाला और बैलगाड़ी दौड़ जैसे बैल-खेलों की अनुमति देते हैं।
राहुल गांधी के मानहानि मामले पर SC
सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी थी। 2019 में एक राजनीतिक रैली के दौरान उनकी कथित ‘मोदी’ उपनाम वाली टिप्पणी से संबंधित ये मामला था।