क्या फ्रांस में 303 भारतीयों को पकड़े जाने का मामला वाकई मानव तस्करी का है,
क्या फ्रांस में 303 भारतीयों को पकड़े जाने का मामला वाकई मानव तस्करी का है,
दुनिया में ऐसी कई जगहे हैं, जहां मजदूरों की आवाजाही कम और प्रतिबंधित है। ऐसे में कोई आश्चर्य की बात नहीं कि लोग ऐसी जगहों के लिए यात्रा करते समय भारी जोखिम उठाते हैं और विकसित देशों में मौकों की तलाश करते हैं, इसीलिए ऐसे देशों में अवैध रूप से घुसने की कोशिश करते हैं।
इस साल अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच लगभग एक लाख भारतीय अवैध रूप से घुसने की कोशिश की और पिछले साल की तुलना में पांच गुना ज्यादा भारतीयों ने अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश की।
इनमें से आधे से ज्यादा लोग बहुत ज्यादा सुरक्षित यानी मैक्सिकन बॉर्डर के जरिए घुसने की कोशिश की थी, जहां सुरक्षा कड़ी होती है। वहीं बाकी लोगों ने कनाडा बॉर्डर से घुसने की कोशिश की जहां सुरक्षाकर्मी कम होते हैं।
इसी वजह से ट्रम्प सरकार ने अमेरिका कोड टाइटल 42 लागू कर दिया, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ा एक नियम है। जिससे बॉर्डर एजेंसियों को बिना सुनवाई के भी शरण मांगने वालों को दूर करने का अधिकार होता है।
COVID-19 के और बाइडेन सरकार के सत्ता में आने के बाद से इस तरह की कोशिश फिर से लगातार बढ़ने लगी हैं। जहां भारतीय, अमेरिका में सिर्फ अवैध अप्रवासी बनने के लिए जोखिम और भारी कठिनाइयों को उठाने के लिए तैयार हैं।
इस तरह अवैध रूप से बॉर्डर क्रॉस करना बताता है कि ये लोग या तो निराश होने की वजह से ये सब कर रहे हैं या फिर इन्हें गुमराह किया जा रहा है।
हाल ही में फ्रांस में हुई घटना (फ्लाइट फ्यूल भरवाने के लिए फ्रांस की राजधानी पेरिस से 150 किमी दूर छोटे से एयरपोर्ट वैट्री पर लैंड हुई तो वहां इसे रोक लिया गया) की शुरुआती रिपोर्टें में ऐसे मामलों के बारे में जो कुछ भी बताया गया है,उससे साफ होता है कि इसमें ज्यादातर लोग पंजाब,हरियाणा और गुजरात के लोग थे और इनमें से लगभग एक दर्जन लोग अकेले जाने वाले और नाबालिग थे।
कुछ सिखों ने इस तरह दूसरे देश जाने की वजह धार्मिक उत्पीड़न बताया है, वहीं, बाकी लोगों ने खेती संकट की वजह से दूसरे देश जाने की बात कही।
हालांकि, कारण चाहे जो भी हो अब समय आ गया है कि भारत सरकार तस्करी रैकेट पर ध्यान दे, जो विशेष रूप से ग्रामीण पंजाब और हरियाणा के हिस्सों में व्यापक रूप से फैला हुआ है।
जहां भोले-भाले लोग अमेरिका में अच्छे भविष्य के झूठे वादों को लेकर धोखे का शिकार हो जाते हैं।
इनकम कम होने और खत्म कम होने के कारण उनके भविष्य का संकट और भी बढ़ गया है। ऐसे में श्रम बाजार में शोषणकारी बिचौलियों पर कार्रवाई की जानी बेहद जरूरी है , जो सिर्फ इसकी एक शुरुआत हो सकती है।