ग्वालियर : इधर भी ध्यान दें सरकार ?
इधर भी ध्यान दें सरकार:न अग्निशमन यंत्र न ही इमरजेंसी गेट, कागजों में फिट कंडम बसें
- बस स्टैंड पर सीमित यात्री बैठाए और रास्ते में गेट पर भी टांग ली सवारी
गुना में हुए बस हादसे के बाद भी शायद जिला प्रशासन, पुलिस और परिवहन महकमे ने कोई सबक नहीं लिया है। शहर की सड़कों पर शुक्रवार को भी ओवरलोड बसें दौड़ती नजर आईं। अधिकतर बसों में न अग्निशमन यंत्र थे और न ही इमरजेंसी गेट। गुरुवार को शहर में हुई चेकिंग का असर शुक्रवार को जरूर दिखाई दिया। शहर के झांसी रोड बस स्टैंड पर बसों की संख्या में कमी नजर आई।
इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ा। कम बसें होने की वजह से कम दूरी का सफर करने वाले यात्रियों को सबसे बाद में प्रवेश दिया गया। जो किराया यात्रियों से सीट पर बैठने के बाद लिया जाता है। शुक्रवार को किराया बस में चढ़ने से पहले लिया गया।
वहीं रेलवे स्टेशन के पास बस स्टैंड पर भी बसों की संख्या में कुछ कमी नजर आई। बस स्टाफ ने भी चालाकी दिखाई। बस स्टैंड पर कम संख्या में यात्री बैठाए और कुछ दूर आते ही बसें ओवरलोड भर लीं। भास्कर टीम ने शहर के अलग-अलग बस स्टैंड पर देखे हालात। जहां ओवरलोड चलती मिली बसें।
जानिए कहां पर क्या मिला…
पुलिस को देख खड़ी कर दीं बसें
झांसी रोड बस स्टैंड पर शुक्रवार दोपहर 1.04 बजे रोज की अपेक्षा बसों की कम संख्या थी। कुछ बसें ऐसी थीं जो देखने में कंडम नजर आ रहीं थी। इन बसों को चेकिंग की वजह से रवाना ही नहीं किया। दतिया, भांडेर, दबोह सहित कई रूटों पर कम बसें चलने से यात्रियों को परेशानी हुई। छात्रा सोनिया ने बताया कि बस कंडक्टर ने उसे इंतजार करने की कहा है। उसका कहना है कि पहले लंबी दूरी की सवारी भरेंगे, बाद में कम दूरी की।
कंडक्टर बोला- यहां चेकिंग, आगे चलो बैठा लेंगे
गोले का मंदिर चौराहा से आगे भिंड रोड पर खड़े यात्री बस के इंतजार में थे। भिंड जाने वाली बस क्रमांक एमपी 07 पी 1345 यहां पर रुकती है। कंडक्टर हिदायत देता है चेकिंग चल रही है इसलिए सीट से अधिक सवारियां नहीं बैठेंगी। 10 मिनट रुकने के बाद जैसे ही बस चलती है। कंडक्टर बोला-आगे चलो, सभी बैठ जाना। इसके बाद गेट पर लटकाकर सवारियां ले गया। भिंड जाने वाली बस क्रमांक एमपी 07 पी 1017 की फिटनेस जरूर निकली, लेकिन देखने में कंडम जैसी थी।
कार्रवाई से बचने के यह उपाय
शहर के दोनों बस स्टैंड पर कई बसों के पहिए में जैक लगे थे। बस संचालकों ने इसके माध्यम से दिखाया कि यह बस खराब हैं, जो चल नहीं रही हैं। वहीं दूसरी जगह से आने वाली बस के स्टाफ ने चेकिंग की जानकारी एक-दूसरे को साझा की। जैसे ही चेकिंग प्वॉइंट हटे यह कबाड़ बसें चलने लगी।
56 बसों को पकड़ा, एक जब्त, एक की फिटनेस नहीं
आरटीओ एचके सिंह की देखरेख में दो जगह बसों की चेकिंग की गई। डबरा और भितरवार मे चेकिंग के दौरान 56 बसों के दस्तावेज को जांचा गया। इसमें ग्वालियर से डबरा मार्ग पर चल रही बस एमपी 07 पी 8444 को बिलौआ में रोका गया। जब उसके कागज चेक किए तो बस चालक पर परमिट ही नहीं निकला।
इस बस को जब्त कर लिया गया है। दूसरी कार्रवाई भितरवार में एमपी13 पी 1463 पर हुई। यह बस डबरा से भितरवार जा रही थी। बस के कागज चेक करने पर फिटनेस नहीं मिली। बस मालिक के ऊपर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इधर जिन दो बसों पर कार्रवाई हुई है उनके वेबसाइट पर मालिक के नाम का उल्लेख नहीं था।
……………………
ग्वालियर ट्रैफिक पुलिस का एक्शन:सड़क पर बिना परमिट, फिटनेस और अग्निशामक यंत्र के दौड़ती बसों को पकड़ा, जप्त कर की चालानी कार्रवाई
ग्वालियर में मध्य प्रदेश के पड़ोसी जिले गुना में बीती रात हुई दर्दनाक बस दुर्घटना के बाद ग्वालियर ट्रैफिक पुलिस एक्शन मूड में आ गई है। जहां ट्रैफिक पुलिस सड़क पर उतरी और शहर के हर चौराहे पर चेकिंग की। चेकिंग के दौरान पुलिस उस वक्त चौंक उठी जब बिना परमिट, फिटनेस, वैध दस्तावेज और बिना अग्निशामक यंत्र के स्कूल बसें सड़क पर दौड़ती मिली, पुलिस ने ऐसे वाहनों के खिलाफ चालानी कार्रवाई की और कई बसों को जब्त कर थाने पहुंचा दिया।
गुना बस हादसे के बाद नवनिर्वाचित भाजपा के सीएम मोहन यादव ने RTO को निलंबित किया है
गुना की सेमरी घाटी पर बीती रात डंपर की टक्कर के बाद आग के गोले में बदली सवारी बस में जलकर 13 यात्रियों की जान चली गई थी और 17 यात्री घायल हो गए थे जिनका इलाज जारी है, घटना के बाद सीएम मोहन यादव ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे, साथ ही गुना आरटीओ, सीएमओ को निलंबित कर दिया था और परिवहन विभाग और अन्य सम्बंधित विभागों के अधिकारियों की भूमिका की जाँच कर उनपर कार्रवाई की निर्देश मुख्य सचिव को दिए थे।
शहर में सड़क पर बिना परमिट और फिटनेस की दौड़ती मिली बसें
सीएम के सख्त तेवरों को देखते हुए ग्वालियर प्रशासन एक्शन में आ गया, ग्वालियर पुलिस ने सड़क पर उतरकर वाहनों खासकर बसों की चैकिंग शुरू कर दी, ट्रैफिक पुलिस ने सवारी बसों और स्कूल बसों को जब चेक किया तो वह आश्चर्य में पड़ गई, क्योंकि पुलिस को चेकिंग के समय कई ऐसी स्कूल और सवारी बसें मिली जिसके पास फिटनेस सर्टिफिकेट,पोल्यूशन सर्टिफिकेट और परमिट तक नहीं था, इतना ही नहीं सबसे जरूरी बसों में अग्निशामक यंत्र भी नहीं था।
अग्निशामक यंत्र स्कूल बस से गायब था, सवारी बस में जंग लगे मिले अग्निशामक यंत्र
चेकिंग पॉइंट पर मौजूद ट्रैफिक सूबेदार हिमांशु तिवारी ने कहा कि आज हमने अभी तक करीब 100 बसें चेक की और सभी में कुछ न कुछ कमी मिली जिनके खिलाफ हमने चालान काटे, बच्चों के लेकर जा रही डीपीएस स्कूल की एक बस को जब चेक किया गया तो उसमें अग्निशामक यंत्र नहीं था , स्कूल के सभी बच्चों को अन्य वाहनों से भिजवाकर बस को थाने पर खड़ा करवा दिया गया है, कुछ सवारी वाहनों में जंग लगे एक्सपाइरी डेट के अग्निशामक यंत्र भी मिले है।
उधर डीपीएस की बस चला रहे बुजुर्ग ड्राइवर कृष्णकांत शर्मा ने कहा कि मैं दूसरी बस चलाता हूँ आज इस बस पर आया हूँ, उसने कहा कि अग्निशामक यंत्र भरने के लिए गया है इसलिए वो स्टैंड पर नहीं है, उससे जब सवाल किया गया कि यदि ऐसे में बस में कोई हादसा हो जाये तो आप क्या करोगे तो ड्राइवर ने बडी ही मासूमियत के साथ जवाब दिया कि सुपरवाइजर और मैनेजमेंट जानें हम तो सिर्फ स्कूल बस के ड्राइवर हैं।
……………………….
भिंड में ट्रैफिक पुलिस ने बसों पर की कार्रवाई…
50 बसों के इमरजेंसी गेट मिले लॉक, सीटें थी उखड़ी, छह को खड़ा कराया
गुना में बस हादसे के बाद अब भिंड शहर में दौड़ने वाली बसों की फिटनेस की जांच को लेकर ट्रैफिक पुलिस ने मोर्चा संभाला। यहां परिवहन अफसर नदारद रहे। बसों पर होने वाली कार्रवाई को देख बस ऑपरेटर्स में हड़कंप मच गया। यहां पचास से अधिक बसें अनफिट मिली। इन बसों पर चालानी कार्रवाई की गई। इसके अतिरिक्त बसों की सीटें उखड़ी हुई मिली जिन पर यात्रियों को बैठाकर सफर तय किया जाता था।इस दौरान सबसे खास बात यह भी हैकि दो स्कूली बसें भी पकड़ ली गईं।
भिंड ट्रैफिक प्रभारी राघवेंद्र भार्गव ने गुना हादसे के बाद बस स्टैंड पर खड़ी होने वाली बसों को चेकिंग अभियान चलाया। यहां अधिकांश बसें नियमों को तोड़कर सफर तय करती हुई दिखी। जब ट्रैफिक टीआई द्वारा बसों की फिटनेस कागजों को चेक किया गया तो वे पहली ही दृष्टि में अनफिट दिखी। इन बसों में सबसे ज्यादा बसें लहार रूट, ग्वालियर रूट की थी। इन बसों के अंदर एक सीट से दूसरी सीट की दूरी तय मापदंड से कम मिली।
पचाास सीटर बसों के अंदर 55 सीटें फीट कराई गई। इस दौरान कई सीटें उखड़ी हुई मिली। कुछ बसों की खिड़की के कांच भी टूटे मिले। सबसे ज्यादा हद उस समय हो गई जब बस का इमरजेंसी गेट लॉक मिला या इमरजेंसी सीट के पास सीट लगाकर रास्ता बंद कर दिया गया। अधिकांश बसों की स्टेपनी की हालत खराब मिली।
अग्निशमन यंत्र भी नहीं मिले
जब ट्रैफिक पुलिस द्वारा बसों की फिटनेस चेकिंग के दौरान इक्का दुक्का बसों को छोड़कर अधिकांश बसों में फायर उपकरण नहीं मिले। इतना नहीं बसों के अंदर से फास्ट एड भी गायब थे। बसों के ड्राइवर, क्लीनिर व कंडक्टर बिना ड्रेस कोड से बसों का संचालन करते मिले। बसों के टायरों की स्थिति भी ठीक नहीं मिली। बसों में स्पीड गर्वनर भी गायब मिले। पेनिक बटन कई बसों में अब तक नहीं लगाए गए।
रसूख की दम पर दौड़ रही बसें
भिंड में राजनीतिक रसूख की दम पर बिना कागजी कार्रवाई पूरी करे बसों का संचालन किया जा रहा है। ये बसें सीधे बस स्टैंड से अलग-अलग इलाकों में दौड़ रही है। सबसे खासियत यह हैकि इन बसों को रोकने पर बीजेपी, कांग्रेस पार्टी से जुड़े नेताओं के भाई-भतीजे, नाते-रिश्तेदार अपनी रसूख दिखाते है।
डीटीओ के पास नहीं समय
भिंड में लंबे समय से जिला परिवहन अधिकारी के पद पर स्वाति पाठक काबिज है। उन्हें दतिया जिले के साथ ही भिंड का प्रभार दिया गया है। डीटीओ मेडम सप्ताह में एक या दो दिन ही भिंड जिले में रूकती है। ऐसे में बसों की फिटनेस को लेकर उनके पास समय का आभाव बना हुआ है। ………… द्वारा जब डीटीओ से बातचीत करनी चाही फोन पर संपर्क करना चाहा तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।
आधा दर्जन बसें पकड़ी
ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई के दौरान कई राजनीति लोग रसूख का हवाला देने लगे। यह जानकारी लगते ही भिंड एसपी डॉ असित यादव मौके पर पहुंंचे। इस दौरान छह बसों के दस्तावेज पूरे न मिलने पर परिवहन कार्यालय ग्राउंड में खड़ी कराई गईं।