बंगाल में ED की टीम पर 200 लोगों का हमला .. अफसरों के सिर फोड़े, CRPF को खदेड़ा

बंगाल में ED की टीम पर 200 लोगों का हमला ..TMC नेता के घर रेड डालने पहुंचे थे; अफसरों के सिर फोड़े, CRPF को खदेड़ा

कोविड के दौरान हुए राशन घोटाले मामले में ED की टीम टीएमसी नेता के घर रेड डालने पहुंची थी। इसी दौरान ग्रामीणों ने उन पर हमला कर दिया। ईडी अधिकारियों को गंभीर चोट आई है।

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के संदेशखली गांव में ईडी की एक टीम पर शुक्रवार सुबह (5 जनवरी) को हमला किया गया। हमलावरों ने टीम के वाहनों की भी तोड़फोड़ की है। साथ ही सीआरपीए जवानों को खदेड़ दिया।

हमला उस दौरान हुआ जब टीम राशन घोटाला मामले में टीएमसी नेता शेख शाहजहां और बोनगांव के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष शंकर आध्या के बोनगांव स्थित आवास पर छापेमारी करने पहुंची थी।

ईडी के अधिकारी के मुताबिक, 200 लोगों की भीड़ ने अचानक टीम को घेरकर हमला किया। हमारे वाहनों में तोड़फोड़ भी की।

अधिकारी के मुताबिक, रेड मारने आई टीम में ईडी के असिस्टेंड डायरेक्टर भी शामिल थे। भीड़ ने उनकी गाड़ी भी तोड़ दी। हालांकि, टीएमसी नेता एस.के शाहजहां को गिरफ्तार कर लिया गया है।

ग्रामीणों ने अधिकारियों और सीआरपीएफ की गाड़ियां भी तोड़ दी हैं।
ग्रामीणों ने अधिकारियों और सीआरपीएफ की गाड़ियां भी तोड़ दी हैं।

पहले वन मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक हो चुके हैं गिरफ्तार

ईडी ने कथित राशन घोटाले मामले में 26 अक्टूबर 2023 को ममता सरकार के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक के ठिकानों पर रेड की थी। इसके बाद 27 अक्टूबर को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। ज्योतिप्रिय मलिक वन मंत्री बनने से पहले खाद्य मंत्री का कार्यभार संभाल रहे थे।

ईडी ने 27 अक्टूबर को ज्योतिप्रिय मलिक को गिरफ्तार किया था।
ईडी ने 27 अक्टूबर को ज्योतिप्रिय मलिक को गिरफ्तार किया था।

ज्योतिप्रिय की गिरफ्तारी के पहले ईडी ने इसी मामले में चावल मिल मालिक बकीबुर रहमान को गिरफ्तार किया था। 2004 में एक चावल मिल मालिक के रूप में अपना करियर शुरू करने वाले रहमान ने अगले दो वर्षों में तीन और कंपनियां खड़ी कर लीं थीं।ईडी अधिकारियों के मुताबिक, रहमान ने कथित तौर पर कई सारी शेल कंपनियां बनाईं और पैसे निकाले।

शिक्षक भर्ती घोटाले में अरेस्ट हुए TMC नेता
23 जुलाई 2022 को ED ने कोलकाता के सरकारी आवास से पार्थ को शिक्षक भर्ती घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। पार्थ पर आरोप है कि मंत्री रहते हुए उन्होंने नौकरी देने के बदले गलत तरीके से पैसे लिए। पार्थ की गिरफ्तारी के 5 दिन बाद ममता बनर्जी ने उन्हें कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया था।

पार्थ की करीबी अर्पिता के 2 फ्लैट पर 23 जुलाई और 28 जुलाई को ED ने छापेमारी की थी। इस कार्रवाई में उनके फ्लैट्स से 49 करोड़ रुपए कैश बरामद हुए थे। फिलहाल दोनों जेल में हैं।

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