मध्यप्रदेश के सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को अमानक दवाएं बांट दी ?
ये कैसी जांच:सरकारी अस्पतालों से तीन लाख मरीजों को दवाएं बंट गईं , महीनेभर बाद रिपोर्ट आई कि ये अमानक हैं
अहम बात तो यह है कि जिन कंपनियों ने इनकी सप्लाई की है, उन्होंने इनकी रिपोर्ट में सभी को मानक के अनुरूप बताया है, लेकिन खरीदी के बाद मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कॉपोरेशन लिमिटेड से अनुबंधित लैब से जांच कराई गई तो इनमें से कई बैच अमानक निकले।
दैनिक भास्कर के पास एैसी 20 से ज्यादा रिपोर्ट उपलब्ध हैं। यह रिपोर्ट आने से पहले ही भोपाल के हमीदिया, जेपी, गैस राहत अस्पताल, इंदौर के एमवायएच जैसे अस्पतालों तक ये दवाएं पहुंच गईं और लाखों मरीजों तक भी पहुंच गईं। अब तक 69 दवाओं के बैच अमानक पाए जा चुके हैं। लेकिन, कार्रवाई के नाम पर सिर्फ स्टॉक रोका गया है।
लाइलाज सिस्टम- कार्रवाई के नाम पर सिर्फ स्टॉक रोका, बैच ब्लैक लिस्ट होगा
1.अल्बेंडाजोल – 400 टैबलेट
पेट में परजीवी संक्रमण रोकने में इस्तेमाल होती है। अक्टूबर अंत में खरीदी हुई। डिंडौरी सीएमएचओ को 8 नवंबर को जांच रिपोर्ट मिली। उन्होंने जानकारी पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कॉर्पोरेशन को दी। इसके बाद दवाओं के वितरण पर रोक लगा दी गई।
ये परेशानी : पेट दर्द बढ़ने के साथ-साथ यूरिन में इन्फेक्शन हो सकता है।
2.एम्लोडीपेन- 5 एमजी टैबलेट
ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने की दवा है। भोपाल, रायसेन और बैतूल सीएमएचओ ने मई 2023 में ऑर्डर दिया। जून 2023 में इन टैबेलेट के नमूने जांच में फेल हो गए। तीन जिलों में 7 लाख से ज्यादा टैबलेट की खरीदी की गई थी। 3 लाख से ज्यादा बंट गईं।
ये परेशानी : मरीज का बीपी कंट्रोल नहीं होगा। इससे ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है।
3.सिप्रोफ्लॉक्सासिन आई ड्रॉप
आंखों में इन्फेक्शन की दवा। 4 अगस्त को सिस्टोकेम लैब से 10 हजार ड्रॉप खरीदे। एनएबीएल की जांच में यह अमानक मिले। रिपोर्ट सितंबर में ही छिंदवाड़ा सीएमएचओ डॉ. जीसी चौरसिया को मिली, लेकिन उन्होंने यह जानकारी एक महीने बाद दी।
ये परेशानी : आंखों का इन्फेक्शन बढ़ सकता है। अन्य समस्या भी संभव।
ड्रिप तक खराब… इससे हार्ट अटैक, ब्लॉकेज का खतरा
प्लास्टिक की ड्रिप की खरीदी के लिए सीएमएचओ जबलपुर ने अक्टूबर 2023 में ऑर्डर दिया था। नवम्बर में सप्लाई मिली। 6 नवंबर को जांच रिपोर्ट में प्लास्टिक की क्वालिटी खराब पाई गई। इसके खराब होने से मरीज को हार्ट अटैक, ब्लॉकेज और ब्रेन स्ट्रोक आ सकता है। फिलहाल इस्तेमाल रोका गया है।
………..
एमडी, एमपीपीएचएस कॉ. लि.
मेरी जानकारी में नहीं है कि अमानक दवाएं बंटीं
अमानक दवाएं बंट गई हैं, इन्हें रोकने की जिम्मेदारी किसकी होती है?
– अमानक दवाएं न बंटें, इसको रोकने की जिम्मेदारी दवा स्टोर के फार्मासिस्ट की होती है। सभी को यह बताया जाता है कि जब तक दवाओं की रिपोर्ट न आ जाए, तब तक दवाओं की सप्लाई न करें।
जांच रिपोर्ट आने से पहले दवाएं क्यों बांटीं, फिर जांच का क्या मतलब?
– मेरी जानकारी में नहीं है कि अमानक दवाएं बांटी गईं। अभी तक किसी तरह की कोई शिकायत हमारे पास नहीं आई है। न ही किसी मरीज को परेशानी होने की जानकारी मिली है।
जो दवाएं अमानक पाई गई हैं, उन कंपनियों पर क्या कार्रवाई होगी?
– तीन बार से ज्यादा एक ही सैंपल फेल होने पर प्रोडक्ट और कंपनी के बैच को ब्लैक लिस्ट करते हैं।