ग्वालियर : ट्रैफिक मैनेजमेंट….सिग्नल वाले चौराहों-तिराहों पर ट्रैफिक आयलैंड की जरूरत नहीं

ट्रैफिक मैनेजमेंट:सिग्नल वाले चौराहों-तिराहों पर ट्रैफिक आयलैंड की जरूरत नहीं, 40% हिस्से में सड़क-चैंबर की लेवलिंग ठीक नहीं

पुलिस ने एमआईटीएस के आर्किटेक्ट एवं प्लानिंग विभाग की एचओडी अंजली पाटिल से यह सर्वे करवाया है। 10 दिन सर्वे करने के बाद उन्होंने ट्रैफिक सुधार के 12 बिंदुओं की रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 40%हिस्से में रोड पर बने चैंबर की लेवलिंग ठीक नहीं है। जो हादसे की वजह हैं। रिपोर्ट में पार्किंग, आईटीएमएस पोल सहित चीजों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

एक्सीडेंट का कारण: डिवाइडर के कट , वन-वे पर गलत दिशा से वाहन चलाना

मेंटेनेंस: सिग्नल का मेंटेनेंस जरूरी है। कई बार चौराहे और तिराहे के सिग्नल ब्लिंक करने लगते हैं। ऐसे में उस चौराहे या तिराहे से चालक तेज रफ्तार में निकलते हैं। कई बार यह हादसे का कारण बनता है।

ड्रेनेज चैंबर की लेवलिंग: सड़कों पर बने ड्रेनेज चैंबर की सही लेवलिंग खराब है। शहर के जिन हिस्सों में सर्वे हुआ। वहां 40% चैंबर की लेवलिंग सही नहीं मिली। इनसे वाहन दुर्धटना होती हैं।

ट्रैफिक आयलैंड: शहर के सिग्नल वाले चौराहों पर इनकी जरूरत नहीं है। जिस जगह सिग्नल नहीं है, वहां इनका आकार छोटा किया जाना चाहिए। इससे वाहन का आवागमन आसान होगा।

आईटीएमएस पोल: इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के कई पोल गलत ढंग से लगाए हैं। कई जगहों पर इन्हें उन स्थानों पर लगाया गया है, जहां पुराने सिग्नल लगे थे।

बड़े ट्रैफिक आयलैंड: शहर में कई जगह बने ट्रैफिक आयलैंड आकार में बड़े हैं। इस वजह से सामने वाला ट्रैफिक नहीं दिखता। इन आयलैंड की ऊंचाई ढाई-तीन फीट से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

वन-वे: बेहतर यातायात के लिए शहर के सभी वन-वे की प्रॉपर मॉनीटरिंग होना आवश्यक है। कई चालकों को गलत दिशा में आते देखा जा सकता है। इन पर कार्रवाई जरूरी है।

डिवाइडर: डिवाइडर का आकार बदलना होगा। डिवाइडर की ऊंचाई एक जैसी होने से कट का पता नहीं चलता है। कट आने से 10 से 15 मीटर पहले डिवाइडर स्लोब में बनाया जाए।

रेलिंग: डिवाइडर पर लगाई गई रेलिंग की वजह से एक लेन पर चलने वाले वाहन चालक दूसरी तरफ का ट्रैफिक नहीं देख पाते हैं। डिवाइडर के कट और मोड़ पर मुड़ते समय वाहन टकरा जाते हैं।

फुटपाथ: कई जगह फुटपाथ क्लियर नहीं है। कमर्शियल क्षेत्रों में फुटपाथ पर दुकानदारों का कब्जा देखा जा सकता है। लोग फुटपाथ पर चलेंगे तभी सड़क का ट्रैफिक सही ढंग से चलेगा।

ऐसी हो पार्किंग व्यवस्था

पार्किंग: कमर्शियल क्षेत्रों में शोरूम और दुकान संचालक अपने आगे की पार्किंग में खुद के वाहन पार्क न करें। वह ग्राहकों के लिए यह जगह खाली रखें।

पेड पार्किंग: ज्यादा भीड़ वाली मार्केट के पास पेड पार्किंग जरूरी है। शहर में जगहों के हिसाब से 30 से 35 पार्किंग की जरूरत ताकि वाहनों को व्यवस्थित रखा जा सके।

डिटेल रिपोर्ट आने पर निगम को भेजेंगे

एक्सपर्ट ने अभी शॉर्ट में रिपोर्ट दी है। अब इसकी डिटेल रिपोर्ट का इंतजार है। इसमें जिस स्पॉट पर बदलाव की जरूर बताई गई होगी। उसके बारे में हम नगर निगम और स्मार्ट सिटी को जानकारी देंगे। … डीएसपी ट्रैफिक

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