हवाई यात्रा से जुड़े 6 जरूरी सवालों के जवाब जानेंगे…?
फ्लाइट लेट पर 10 हजार तक मिलते हैं:पायलट को मुक्का मारने वाले पैसेंजर का क्या होगा; जानिए 6 जरूरी नियम
अभिनेता सोनू सूद की फ्लाइट 3 घंटे से ज्यादा लेट हुई तो उन्होंने सोमवार को एयरपोर्ट की तस्वीर शेयर करते धैर्य रखने की अपील की। उन्होंने लिखा कि मौसम इंसानों के कंट्रोल में नहीं है। ये मुश्किल है, लेकिन एयरलाइंस क्रू के साथ विनम्र रहें। हर कोई सम्मान का पात्र है।
हालांकि, दिल्ली से गोवा जाने वाली इंडिगो की एक फ्लाइट में पैसेंजर का धैर्य जवाब दे गया। फ्लाइट कई घंटे लेट हुई तो एक गुस्साए पैसेंजर ने झपटकर पायलट को मुक्का मार दिया। वायरल हुए वीडियो में पैसेंजर बोल रहा है- चलाना है चला, नहीं चलाना तो मत चला, खोल गेट।
भारत में खराब मौसम और घने कोहरे की वजह से पिछले कुछ दिनों से फ्लाइट ऑपरेशन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जिसके बाद हजारों ऐसी घटनाएं देखने को मिल रही हैं। …..में हवाई यात्रा से जुड़े 6 जरूरी सवालों के जवाब जानेंगे…
सवाल-1: फ्लाइट में देरी होने पर पैसेंजर्स की सुविधा के जुड़े क्या नियम हैं?
जवाबः डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन यानी DGCA ने फ्लाइट में देरी होने की स्थिति में कुछ नियम बना रखे हैं, जिससे पैसेंजर्स को सहूलियत रहे। एयरलाइन यात्रियों को खाना-पीना मुहैया कराएगा अगर…
- अगर किसी फ्लाइट का सफर ढाई घंटे का है और वो दो घंटे से ज्यादा डिले हो जाए
- अगर किसी फ्लाइट का सफर ढाई घंटे से 5 घंटे के बीच है और वो 3 घंटे से ज्यादा डिले हो जाए
- अगर कोई फ्लाइट 4 घंटे या उससे ज्यादा डिले हो जाए
हालांकि, अगर कोई फ्लाइट 6 घंटे से भी ज्यादा लेट हो जाती है तो नियमों के मुताबिक पैसेंजर्स को एयरलाइन 24 घंटे पहले सूचना देगी। इस स्थिति में पैसेंजर के पास अपना पूरा रिफंड हासिल करने या किसी अन्य फ्लाइट में सीट पाने का विकल्प रहेगा।
दूसरा, अगर कोई फ्लाइट 6 घंटे से ज्यादा लेट है और उसे रात 8 बजे से सुबह 3 बजे के बीच उड़ान भरनी है तो पैसेंजर के ठहरने की मुफ्त व्यवस्था एयरलाइन को करनी होगी। अगर कोई फ्लाइट 24 घंटे से भी ज्यादा डिले है तो भी ठहरने की मुफ्त व्यवस्था करनी होगी।
सवाल-2: फ्लाइट कैंसिल होने पर पैसेंजर्स की सुविधा के जुड़े क्या नियम हैं?
जवाबः अगर कोई फ्लाइट कैंसिल होती है तो एयरलाइन को डिपार्चर टाइम से कम से कम 24 घंटे पहले पैसेंजर्स को सूचित करना होगा। पैसेंजर्स से पूछा जाता है क्या वो ऑल्टरनेट फ्लाइट में सीट लेना चाहते हैं या अपना फुल रिफंड चाहते हैं।
अगर एयरलाइन 24 घंटे पहले फ्लाइट रद्द होने की सूचना नहीं दे पाती तो उसे रिफंड के साथ कुछ मुआवजा भी देना होता है। ये फ्लाइट के समय के आधार पर तय होता है।
जैसे- अगर फ्लाइट का समय 1 घंटे का है तो टिकट का पूरा रिफंड+ 5 हजार रुपए देने होंगे। इसी तरह 2 घंटे तक फ्लाइट के लिए 7,500 रुपए मुआवजा और 2 घंटे से ज्यादा की फ्लाइट के लिए टिकट के पूरे रिफंड के साथ 10 हजार रुपए मुआवजा दिया जाएगा।
अगर फ्लाइट किसी विशेष परिस्थिति में रद्द होती है, जो एयरलाइन के कंट्रोल के बाहर है तो पैसेंजर को कोई मुआवजा नहीं मिलेगा। विशेष परिस्थितियों में प्राकृतिक आपदा, गृह युद्ध, राजनीतिक अस्थिरता, सिक्योरिटी रिस्क वगैरह शामिल हैं। विशेष परिस्थितियां अच्छी तरह परिभाषित नहीं हैं, जिसका फायदा एयरलाइंस उठाती हैं।
अगर आप एयरपोर्ट पहुंच गए हैं और वहां फ्लाइट कैंसिल होने का पता चला। आपने ऑल्टरनेट फ्लाइट का ऑप्शन चुन लिया और उसकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। इस स्थिति में एयरलाइन को खाना और नाश्ता मुहैया कराना होगा।
अगर एक ही टिकट पर दो कनेक्टिंग फ्लाइट बुक हैं। एक फ्लाइट में देरी होने की वजह से दूसरी भी छूट जाती है तो उस स्थिति में भी यही नियम लागू होंगे।
सवाल-3: फ्लाइट में देरी या रद्द होने पर एयरलाइंस से रिफंड मिलने के क्या नियम हैं?
जवाबः DGCA के मुताबिक सामान्य परिस्थितियों में अगर कार्ड से टिकट बुक किया गया है तो पैसेंजर के रिफंड का आवेदन करने के 7 दिनों के अंदर पेमेंट करना होता है। अगर टिकट ट्रैवल एजेंट या थर्ड पार्टी वेबसाइट से बुक किया जाता है, तो भी 30 दिनों के अंदर रिफंड प्रॉसेस करना होगा।
रिफंड अमाउंट किसी भी एयरलाइन के वॉलेट में डिफॉल्ट जमा नहीं किया जाएगा। ये पैसेंजर्स से पूछ कर तय किया जाएगा कि वो रिफंड कहां चाहता है। पैसेंजर्स के लिए ध्यान रखना जरूरी है कि इंसीडेंट से 1 महीने के अंदर रिफंड क्लेम करना जरूरी है।
सवाल-4: अगर फ्लाइट भरी होने की वजह से पैसेंजर को बोर्डिंग से रोका जाता है, तो क्या नियम हैं?
जवाबः कई बार एयरलाइन फ्लाइट की क्षमता से ज्यादा टिकट बुक कर लेती हैं। ऐसा इसलिए ताकि अगर कोई पैसेंजर बोर्डिंग नहीं करता तो सीट खाली न रह जाएं। कई बार ऐसी परिस्थिति बनती है कि सभी पैसेंजर मौजूद होते हैं और एयरलाइन कुछ पैसेंजर को सीट न होने की वजह से बोर्डिंग करने से रोक देती है।
DGCA के मुताबिक एयरलाइन की जिम्मेदारी है कि वो 1 घंटे के अंदर की किसी दूसरी फ्लाइट में पीड़ित पैसेंजर के जाने का इंतजाम करें। अगर एयरलाइन ऐसा नहीं कर पाती तो पैसेंजर मुआवजे का हकदार है।
अगर ऑल्टरनेट फ्लाइट 24 घंटे के अंदर बुक की जा रही है तो 10 हजार रुपए मुआवजा और अगर 24 घंटे के बाद की है तो 20 हजार रुपए मुआवजे के तौर पर दिए जाएंगे।
सवाल-5: फ्लाइट में खराब व्यवहार को लेकर क्या हैं नियम?
जवाब: DGCA इंडियन एयरक्राफ्ट रूल्स 1937 के प्रोविजन 22, 23 और 29 के तहत विमान में हुड़दंग करने, ज्यादा शराब पीने या गाली गलौज करने पर यात्रियों को यात्रा करने से रोक सकता है और उन्हें विमान से उतार सकता है।
प्रोविजन 23 कहता है कि शराब या ड्रग्स के नशे में यात्री अगर प्लेन या किसी शख्स की सुरक्षा को खतरे में डालता है, तो उसे विमान से उतारा जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट विराग गुप्ता कहते हैं कि ऐसे मामलों में कार्रवाई जगह के हिसाब से तय होती है। जैसे…
- एयरपोर्ट की घटना पर संबंधित पुलिस थाना या जिम्मेदार सुरक्षा एजेंसी
- एयरपोर्ट पर खड़े विमान पर DGCA
- किसी देश के एयरस्पेस के भीतर संबंधित देश के कानून के आधार पर।
इंडिगो के पायलट पर हाथ उठाने वाले पैसेंजर को फौरन विमान से उतार कर सिक्योरिटी फोर्सेज के हवाले कर दिया गया। फ्लाइट के पायलट ने पुलिस में FIR भी दर्ज कराई है। दिल्ली पुलिस मामले की जांच कर रही है।
सवाल-6: क्या सरकार ऐसे पैसेंजर को हवाई यात्रा से रोक सकती है?
जवाब: सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने 2017 में नई गाइडलाइंस जारी करते हुए बार-बार दुर्व्यवहार करने वाले पैसेंजर को नो-फ्लाई लिस्ट में डालने की बात कही थी। दुनिया के कई देशों में यह सिस्टम है। इसमें बदसलूकी या हिंसा करने वाले एयर पैसेंजर्स को नो फ्लाई लिस्ट में डाल दिया जाता है।
इस लिस्ट में आने का मतलब है वो शख्स दोबारा उस एयरलाइन से ट्रैवल नहीं कर सकता है। यह बैन हमेशा के लिए या कुछ साल या महीनों के लिए हो सकता है। इसी नियम के तहत 30 दिन के लिए फिलहाल बैन लगाया है।
भारत की सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने बुरे बर्ताव को 3 कैटेगरी में बांटा है। इसके तहत बैन की सीमा 3 महीने से लेकर 2 साल या अनिश्चित समय के लिए भी हो सकती है।
- गलत तरीके से इशारा करना, गाली-गलौज और शराब पीना। ऐसा करने वाले पैसेंजर पर तीन महीने का बैन लगाया जा सकता है।
- शारीरिक रूप से अपमानजनक व्यवहार जैसे धक्का देना, लात मारना, गलत ढंग से छूना। ऐसा करने वाले यात्रियों पर 6 महीने का बैन लगाया जा सकता है।
- प्लेन को नुकसान पहुंचाना, किसी को जान से मारने की धमकी देना और मारपीट करने जैसे अपराध शामिल हैं। ऐसा करने वाले यात्रियों पर कम से कम 2 साल या अनिश्चित समय तक के लिए बैन लगाया जा सकता है।
इसके लिए पायलट-इन-कमांड को एयरलाइन अधिकारियों से इसके बारे में शिकायत करनी होगी। फिर एक आंतरिक समिति 10 दिनों में इसकी जांच करती है। उसके बाद यात्री के व्यवहार की गंभीरता तय होती है।
जांच जारी रहने के दौरान ऐसे लोगों पर 10 दिनों के लिए बैन लगाया जा सकता है। जांच के नतीजे आने पर एयरलाइन नो-फ्लाई लिस्ट में उस शख्स को डाल सकती है।