MP में नेतागिरी में दौड़ रही अनफिट बसें ?

MP में नेतागिरी में दौड़ रही अनफिट बसें …..
50% के मालिक भाजपा-कांग्रेस के नेता; जांचने के लिए 53 जिलों में सिर्फ 56 लो

28 दिसंबर को हुए गुना बस हादसे में 13 लोग जिंदा जल गए। जिस बस में हादसा हुआ वह 15 साल से ज्यादा पुरानी थी और अनफिट थी। इसके बावजूद वह सड़कों पर दौड़ रही थी। वजह- बस मालिक भानुप्रताप सिंह सिकरवार का भाई भाजपा का जिला पदाधिकारी है।

……. पड़ताल की तो सामने आया कि बसों के संचालन में ‘नेतागिरी’ हावी है। प्रदेश में 50% से अधिक बसों के मालिक भाजपा-कांग्रेस के बड़े नेता या उनके रिश्तेदार हैं। इनमें से 68 बस ऑपरेटर तो भाजपा के पूर्व विधायक, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष से लेकर तमाम तरह के पदों पर पदस्थ रहे हैं।

इसी तरह कांग्रेस से जुड़े करीब 10 बस ऑपरेटर हैं। इनकी कई बसें प्रदेश में चल रही हैं। प्रदेश में 37,276 बसें परिवहन विभाग के रिकाॅर्ड में दर्ज हैं। इनमें से 19 हजार का संचालन शैक्षणिक संस्थानों में होता है। बाकी जो 18, 276 बसें यात्रियों के लिए हैं, उनमें से 9 हजार से ज्यादा बसें नेताओं की हैं। इनमें भी 45% से ज्यादा बसों का संचालन भाजपा व 5% का कांग्रेस से जुड़े लोग कर रहे हैं। इन्हीं में सबसे ज्यादा फिनेटस, परमिट, बीमा न होने की शिकायतें आती हैं।

नेताओं की बसें, इसलिए मनचाहे पर​मिट

नेताओं की बसें चलती हैं, इसलिए मनचाहे रूट पर चलाने का परमिट भी आसानी से मिल जाता है। प्राइम रूट पर आने-जाने वाले यात्रियों की बड़ी संख्या। हजारों लोग रोज सफर करते हैं।

…इसलिए सरकारी बसें भी घाटे में

सड़क परिवहन निगम कर्मचारी कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्याम सुंदर शर्मा का कहना है कि मप्र राज्य परिवहन निगम को 2010 में यह कहते हुए बंद कर दिया कि इससे सरकार को करोड़ों रुपयों की हानि हो रही है। इसके बाद निजी बसों की संख्या बढ़ती गई, लेकिन इन्हीं रूटों पर निजी ऑपरेटर फायदे में हैं।

ऐसे करते हैं नियमों का उल्लंघन

  • बसों में आम आदमी के लिए किराया सूची तक नहीं।
  • ड्राइवर-कंडक्टर वर्दी नहीं पहनते। नेम प्लेट भी नहीं होती।
  • बसों में डबल गेट नहीं। इमरजेंसी एिग्जट बेकार।

कमर्शियल वाहनों की जांच ऑटोमेटिक की जाए…

1. दिल्ली जैसे शहरों में कर्मिशयल वाहनों की जांच ऑटोमैटिकली हो रही है। किस गाड़ी का फिटनेस खत्म हो गया है, ये खुद पता चल जाता है। यह सुविधा यहां क्यों नहीं?

2. दुनिया में रोड एक्सीडेंट 5% तक कम हुए हैं, जबकि भारत में 10% बढ़े हैं। यानी सीधे तौर पर रोड इंजीनियरिंग पर ठीक तरीके से काम नहीं हो रहा है।

3. परिवहन विभाग में पर्याप्त स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए पुलिस के जवानों को प्रतिनियुक्ति पर हो सकती है।

गुना बस हादसे का आरोपी बस मालिक फरार हो गया था। आरोपी बस मालिक के घर पर बुलडोजर चला तो वो पानीपत से गुना लौट आया।
गुना बस हादसे का आरोपी बस मालिक फरार हो गया था। आरोपी बस मालिक के घर पर बुलडोजर चला तो वो पानीपत से गुना लौट आया।
गुना के जज्जी बस स्टैंड पर खड़ी बस। नंबर प्लेट की जगह पीली पट्टी - Dainik Bhaskar
गुना के जज्जी बस स्टैंड पर खड़ी बस। नंबर प्लेट की जगह पीली पट्टी

परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह से ……….

Q. सड़कों पर ऐसी बसें चल रही हैं, जिनका न फिटनेस है, न बीमा?
हमारा प्रयास है कि सभी जिलों में ऑटोमैटिक फिटनेस सेंटर शुरू हो सकें। स्टाफ पूरा करने के लिए रिव्यू करेंगे।

Q. क्या प्रदेश में यात्री बसों की जांच इसलिए नहीं हो पाती, क्योंकि 50% बसें नेताओं की या उनके रिश्तेदारों की हैं?
मैंने हाल ही में परिवहन विभाग का चार्ज लिया है। बसें किन नेताओं की चल रही हैं या नहीं, इस बारे में अभी नहीं बता पाऊंगा।

प्रभारी परिवहन आयुक्त अरविंद सक्सेना से सीधी बात…

Q. बेधड़क खटारा बसों का संचालन हो रहा है, जांच क्यों नहीं होती?
प्रदेश में 10 संभागीय उड़नदस्ते हैं। इसमें सिर्फ 56 लोग तैनात हैं। ज्यादातर गाड़ियों की जांच यही करते हैं।
Q. भाजपा और कांग्रेस से जुड़े नेताओं की बसों की जांच नहीं की जाती?
किस नेता की कौन सी बस है, ये देखकर कार्रवाई नहीं होती है। जिसकी गड़बड़ी सामने आती है, उसकी जांच कर कार्रवाई की जाती है।

नेताओं के रिश्तेदारों के नाम पर भी ट्रैवल कंपनियां

भोपाल : वर्मा ट्रैवल्स : दीपक वर्मा, अनिल वर्मा भाजपा से जुड़े हुए हैं। इनके पास करीब 15 से ज्यादा लग्जरी बसें हैं। भोपाल से इंदौर के बीच संचालित होती हैं। प्रीत ट्रैवल्स वीरेंद्र तिवारी भाजपा नेता हैं और नगर निगम में पीआरओ रहे हैं। इनकी 8 से ज्यादा बसें हैं। गुप्ता बस सर्विस मोहन अग्रवाल दक्षिण-पश्चिम से पूर्व विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री उमाशंकर गुप्ता के चचेरे भाई हैं। 10 से ज्यादा बसें हैं। शक्ति ट्रैवल्स- पूर्व विधायक गुरुचरण सिंह के बेटे संचालन कर रहे हैं। इनका कारोबार विदिशा और भोपाल दोनों शहरों से संचालित होता है। इनके पास करीब 100 से ज्यादा बसें हैं। रायश्री ट्रैवल्स-वर्तमान महापौर मालती राय के देवर वीरेंद्र राय इसका संचालन कर रहे हैं। उनके पास करीब 20 से ज्यादा बसें हैं। पैगवार ट्रैवल्स- गोपाल पैगवार भाजपा परिवहन प्रकोष्ठ के सह संयोजक रहे हैं।

कांग्रेस : सुल्तान ट्रैवल्स, सलमान इसका संचालन करते हैं। उनके पास करीब 5 बसें हैं।

दमोह : भाजपा जिला मीडिया प्रभारी राघवेंद्र सिंह परिहार के पिता करन सिंह परिहार के नाम 1 बस। भाजपा नेता बंटी राय के परिजन (5 बसें)।

टीकमगढ़ : बलदेवगढ़ नगर परिषद अध्यक्ष के पति विश्वदीपक मिश्रा के परिवार के पास 15 बसें। पूर्व पार्षद गजेंद्र उर्फ लुईस चौधरी के परिवार के पास 13 बसें। निवाड़ी जिला पंचायत सदस्य संगीता के पति भूपेंद्र अग्रवाल के पास 3 बसें।

छतरपुर : भाजपा के जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष करुणेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर 7 बसें। पूर्व जिला कोषाध्यक्ष एवं पार्षद पति विवेक चौरसिया के बड़े भाई अरविंद चौरसिया के नाम पर 2 बसें हैं।

सागर : मनोज ठाकुर सहावन बीजेपी नेता के परिजन (13 बसें)। भाजपा नेता राजकुमार बरकोटी (18 बसें)। पूर्व एमआईसी सदस्य विनोद तिवारी के परिजन छुट्टन तिवारी (35 बसें)। पूर्व पार्षद संजीव पांडे (5 बसें)। साईंराम ट्रैवल्स के अशोक श्रीवास्तव कांग्रेस नेता हैं ये सागर के रहने वाले हैं।

गुना : सिकरवार ट्रैवल्स भानुप्रताप सिंह सिकरवार के नाम पर है। वे भाजपा के पू्र्व जिलाध्यक्ष विश्वनाथ सिंह सिकरवार उर्फ छुन्ना सिकरवार के भाई हैं।

राजगढ़ : दिनेश पुरोहित : भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष व नगर परिषद जीरापुर के पूर्व अध्यक्ष हैं। इनके पास 35 बसें। राधेश्याम माहेश्वरी : सारंगपुर में भाजपा नेता हैं (5 बसें)। दिनेश शर्मा : नरसिंहगढ़ में संघ से जुड़े हैं (8 बसें)।

आलीराजपुर : जिले के तीन भाजपा नेता 39 बसों का संचालन करते हैं। इसमें पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष रितेश डावर व पिंटू जायसवाल की करीब 32 बसें हैं। आम्बुआ निवासी भाजयुमो जिलाध्यक्ष विकास माहेश्वरी की 7 बसें हैं।

खरगोन : राजकुमार मेव- महेश्वर विधायक हैं। (1 बस)। विपिन गौर, पूर्व नपा अध्यक्ष (गौर ट्रैवल्स, 13 बसें)। रणजीत डंडीर- पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष (5 बसें)। प्रभात उपाध्याय (भाजपा नेता सनावद- 13 बसें)। शैलेंद्र रघुवंशी- भाजपा से जुड़े हैं, (मानसी ट्रैवल्स, 30 बसें)

शिवपुरी : मुकेश सिंह चौहान, सांसद प्रतिनिधि और भाजपा पदाधिकारी जिला मंत्री सिंह ब्रदर्स। भाजपा नेता और पूर्व विधायक ओमप्रकाश खटीक के परिजन की बसें गगन ट्रैवल्स के नाम से चलती हैं। मट्टू खटीक- पार्षद और भाजपा नेता। यादव बस- योगेंद्र यादव, भाजपा नेता।

नर्मदापुरम : राकेश कटकवार (भाजपा कार्यकर्ता), एक बस। विपिन जायसवाल (भाजपा कार्यकर्ता), दाे बसें।

बैतूल : पूर्व नपाध्यक्ष अनिल ठाकुर, एक बस। प्रदीप सिंह, पूर्व जिला उपाध्यक्ष, एक बस।

विदिशा : भाजपा के पूर्व विधायक गुरु चरण सिंह के बेटे तेजेंद्र सिंह बन्नू की विदिशा से भोपाल, विदिशा से सागर और जिलेभर में 110 बसें।

सीहोर : सीहोर नगर पालिका अध्यक्ष और भाजपा नेता प्रिंस राठौर के ताऊ सतीश राठौर के नाम से पांच बसें।

रायसेन : बरेली के पूर्व पार्षद एवं भाजपा नेता राजेश वर्मा की 6 बसें। बरेली के भाजपा नेता सीता गोविंद की दो बसें।

मुरैना : हरिसिंह सिकरवार-भाजपा पार्षद- सिंह ट्रैवल्स। अनूप सिकरवार- भाजयुमो नेता। सत्यपाल सिंह सिकरवार- भाजपा के पूर्व विधायक, अभी निष्कासित। राजेश सिकरवार- (पूर्व विधायक व भाजपा नेता)। रन सिंह सिकरवार- भाजपा नेता। महेंद्र प्रताप जादौन- सबलगढ़ के भाजपा नेता। कैलारस में लल्ला सिकरवार की तीन बसें। अंबाह के सुदीप धाकरे की दो बसें।

ग्वालियर : भाजपा नेता अशोक शर्मा के बेटे व भाई के नाम पर 3 बसें रजिस्टर्ड। कांग्रेस पार्टी के पूर्व सांसद रामसेवक बाबू जी के परिजन की 7 से 8 बस हैं। पूर्व उप महापौर रामनिवास के बेटे व परिजनहैं। कांग्रेस नेता और पूर्व पार्षद बलवीर तोमर की पत्नी वर्तमान पार्षद कमलेश तोमर सहित अन्य परिजन के नाम पर 8 बसें रजिस्टर्ड हैं। कांग्रेस नेता सुरेंद्र सिंह तोमर के भाई राघवेंद्र तोमर की 7 से 8 बसें हैं। भाजपा के जिला महामंत्री रहे हरीश मेवा फरोश के भाई के नाम पर बस रजिस्टर्ड है। कांग्रेस नेता यदुनाथ सिंह तोमर का नाम कई बसों पर लिखा है। उनके नाम पर कोई बस रजिस्टर्ड नहीं है।

………………………………………….

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *