इंदौर : भूमाफियाओं के हौसले बुलंद …?
एक साल में 124 माफियाओं पर केस, 330 आरोपी बनाए फिर भी हर माह 300 शिकायतें…
जिन चंपू-चिराग के खिलाफ प्रशासन ने जमीन घोटालों की जांच शुरू की थी, उनमें से 53 प्रतिशत पीड़ितों को ही अब तक न्याय मिला है। दूसरी ओर राशन माफियाओं के घोटाले जरूर कम हुए हैं। हालांकि यह काम पहली बार नहीं हुआ है, लेकिन अभी भी नागरिक ठगे जा रहे हैं। अधिकारी मानते हैं कि हम अलर्ट कर सकते हैं, कार्रवाई कर सकते हैं, लेकिन ऐसे कई माफिया हैं जो माल बेचकर बाहर हो गए, अब उन्हें जेल तो भेजा जा सकता है, लेकिन वास्तविक समाधान मिलना भी जरूरी है। जानकारी के मुताबिक सीएम हेल्पलाइन पर जो हर महीने 15 से 17 हजार शिकायतें आती हैं, उनमें 300 से ज्यादा शिकायतें किसी न किसी माफिया से ठगे जाने की हैं। एडीएम डॉ. अभय बेड़ेकर के मुताबिक हमने खनन, मिलावट, राशन माफियाओं और भूमाफियाओं पर कार्रवाई की है। हमारा मकसद इन्हें एफआईआर करवाकर जेल भिजवाने के अलावा आम लोगों को राहत दिलवाना है। प्रशासनिक आंकड़ों को देखें तो भूमाफियाओं के बाद सबसे ज्यादा आरोपी राशन घोटालों में सामने आए हैं।
मद्दा बाहर, चिराग अब भी फरार
बड़े माफियाओं पर हुई कार्रवाई में मद्दा को जमानत मिल चुकी है तो चंपू सहित अन्य को सुप्रीम कोर्ट से बेल इस शर्त पर मिली कि वे लोगों को प्लॉट लौटा दें। चिराग शाह अब भी गिरफ्त से बाहर है।
जमीनों की शिकायतें अब कम हुई हैं। हमारा मकसद है राशन जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे। मिलावट न हो। भांग माफियाओं पर भी कार्रवाई इसी का हिस्सा है, ताकि निचला तबका इसका आदी न हो। मुख्यमंत्री के निर्देश हैं, इसलिए सभी तरह के माफिया पर कार्रवाई जारी रहेगी।
-मनीष सिंह, कलेक्टर