नोएडा : 8 सोसाइटी की एओए ने कमजोर इमारत का हवाला देकर प्राधिकरण में किया आवेदन
डीजीएम की कमेटी देगी अप्रूवल तब होगा स्ट्रक्चर ऑडिट …
8 सोसाइटी की एओए ने कमजोर इमारत का हवाला देकर प्राधिकरण में किया आवेदन
प्राधिकरण की स्ट्रक्चर ऑडिट पॉलिसी बन चुकी है। इसे अप्रैल से लागू भी कर दिया गया है। लेकिन एक भी सोसाइटी का स्ट्रक्चर ऑडिट अब तक नहीं हो सका है। अब इसके नियम में कुछ बदलाव किया गया है। सोसाइटी की ओर से आवेदन करने के बाद पहले डीजीएम स्तर पर बनी एक कमेटी नियोजन विभाग के साथ सोसाइटी का निरीक्षण करेगी। इस कमेटी में डीजीएम सिविल, डीजीएम जल और डीजीएम जन स्वास्थ्य को शामिल किया गया है।
प्राधिकरण की इस समिति को लगता है कि सोसाइटी में स्ट्रक्चर ऑडिट की आवश्यकता है तो ही वो एओए या बिल्डर को आगे की प्रक्रिया के लिए अप्रूवल देंगे। एक बार अप्रूवल मिलने के बाद आवेदन कर्ता प्राधिकरण के चुने हुए पैनल में किसी एक से स्ट्रक्चर ऑडिट करवा सकता है। अब तक नोएडा प्राधिकरण में आठ सोसाइटी ने स्ट्रक्चर ऑडिट के लिए आवेदन किए है। इसमें से अब एक भी सोसाइटी का निरीक्षण नहीं किया जा सका है। बताया गया कि जल्द ही टीम आठों सोसाइटी में जाकर उसका फिजिकल दौरा कर सकती है।
नोएडा में करीब 100 सोसाइटी है। जिनमें 400 हाइराइज इमारत है। सवाल ये है कि इन इमारतों की मजबूती कितनी है। इनमें से अधिकांश इमारतों को बने हुए पांच साल से ज्यादा हो गए। प्राधिकरण का दावा है यहां बनी इमारत रैक्टर स्केल 7 और 8 तक का झटका झेल सकती है। हालांकि इनके लिए प्राधिकरण ने ऑप्शन दिए है। जिन इमारतों की लाइफ पांच साल हो चुकी है। आरडब्ल्यूए या एओए भी इन एजेंसियों से स्ट्रक्चर ऑडिट करवा सकती है। इसका खर्चा उन्हें खुद देना होगा।
बता दे नोएडा सिस्मिक जोन-4 में आता है। यानी ये एरिया भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील माना जाता है। इसको लेकर नोएडा में बनाए जा रहे प्रोजेक्ट , सड़क और इमारत सिस्मिक जोन-5 के हिसाब से बनाई जा रही है। हालांकि नोएडा के बायर्स की ओर हमेशा स्ट्रक्चर को लेकर शिकायत की जाती रही है। इसके लिए प्राधिकरण ने एक कमेटी का गठन किया है। जो स्ट्रक्चर ऑडिट के दौरान ये तय करेगी कि इमारत में माइनर इफेक्ट है या मेजर इसकी के बाद ऑडिट होगा और मरम्मत होगी।
प्राधिकरण के पैनल में शामिल एजेंसियां जो करेंगी स्ट्रक्चर ऑडिट
- आईआईटी कानपुर
- एमएनआईटी प्रयागराज
- बिट्स पिलानी
- एनआईटी जयपुर
- सीबीआरआई रुड़की