इंदौर : जहां धन-वहां गन : 3 साल में कारोबारियों के साथ हुए 506 अपराध ?

3 साल में कारोबारियों के साथ हुए 506 अपराध …
जहां धन-वहां गन: व्यापारियों में भी बंदूक का क्रेज, इंदौर में 35% लाइसेंस उन्हीं के पास 

नेताओं और अन्य प्रभावशाली लोगों के बाद अब कारोबारियों में भी बंदूक का क्रेज देखने को मिल रहा है। इंदौर में 35 फीसदी गन लाइसेंस व्यापारियों के नाम पर हैं। हालांकि इसके पीछे असुरक्षा की भावना भी है, क्योंकि पिछले तीन सालों में शहर के व्यापारियों के साथ करीब 506 अपराध दर्ज हुए हैं। इनमें लूट, मारपीट, डकैती जैसे संगीन अपराध भी शामिल हैं। तीन वर्षों में कारोबारियों ने 346 शस्त्र लाइसेंस लिए हैं। भास्कर की पड़ताल में सामने आया कि शस्त्र लाइसेंस लेने वालों में पेट्रोल पंप मालिक, प्राॅपर्टी ब्रोक्रर, खनिज कारोबारी व ठेकेदार अधिक हैं। व्यापारियों का कहना है कि कैश कारोबार ज्यादा होने से भय रहता है।

केस-1

विपिन केवट का बिजनेस मप्र के अलावा उप्र में भी है। उनकी कंपनी मैनपाॅवर सप्लाई का काम करती है। कुछ समय पहले उन्हें रीवा से धमकियां मिली। प्रतिद्वं​द्वियों ने काम बंद कराने के लिए बाउंसर तक भेज दिए। इसके बाद केवट ने आत्मरक्षा के लिए इंदौर कलेक्टर कार्यालय में शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन किया।

केस-2

बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करने वाले वीरेंद्र शर्मा के भाई विदेश में हैं। उनका उप्र के महोबा में गिट्‌टी-बोल्डर का क्रशर प्लांट हैं। वीरेंद्र बताते हैं, एक बार बैतूल के पास दो गाड़ियां उनके वाहन का पीछा करने लगीं। वे किसी तरह बचकर निकले। इसके बाद से लगने लगा कि आत्मरक्षा के लिए रिवॉल्वर लेना जरूरी हो गया है।

  • 11,336 लाइसेंस हैं इंदौर जिले में, इनमें 50% रोजगार के लिए
  • 346 लाइसेंस 3 साल में कारोबारियों ने लिए
  • 506 वारदातें हुईं कारोबारियों के साथ, उनके घर या प्रतिष्ठान में

चुनावी साल में बढ़े रिवॉल्वर धारी

जिले में हर साल औसतन 42 रिवाॅल्वर या पिस्तौल ली जा रही हैं। चुनावी साल में रिवाॅल्वर के लाइसेंस बढ़ जाते हैं। 2013 32 तो 2018 में 57 लाइसेंस बने। 2023 में सर्वाधिक 93 लाइसेंस जारी हुए।

एक्सपर्ट व्यू -लूट आदि की घटनाएं बढ़ रही हैं

यह बात सही है कि लूट आदि की घटनाएं बढ़ रही हैं, इसलिए सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होना जरूरी हो गया है। अब जो जितना प्रभावशाली है उसे शस्त्रों की जरूरत पड़ रही है।- सेवानिवृत्त अपर कलेक्टर

भले ही व्यापारी लाइसेंस ले लें, लेकिन मैंने कभी यह नहीं पाया कि लूट या चोरी में उन्होंने शस्त्र चलाकर अपना बचाव किया हो।
 कमिश्नर

लूट, हत्या व अन्य अपराध की घटनाएं जिस तरह से बढ़ रही हैं, उन्हें देखते हुए आत्मरक्षा के लिए शस्त्र की जरूरत भी बढ़ रही है।
 शस्त्र डीलर, इंदौर

आवेदक का रिकाॅर्ड व जरूरत देखकर ही लाइसेंस जारी करते हैं। इसकी जानकारी पोर्टल पर भी ऑनलाइन की जा रही है।
अपर कलेक्टर

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