नोएडा : प्रदेश में लिफ्ट एक्ट लागू, NCR के दो शहरों में 800 से ज्यादा हाइराइज इमारत !

नोएडा के 16 लाख लोगों का इंतजार खत्म
प्रदेश में लिफ्ट एक्ट लागू, NCR के दो शहरों में 800 से ज्यादा हाइराइज इमारत

यानी प्रदेश में लिफ्ट एक्ट लागू कर दिया गया है। इसमें कई लिफ्ट और ऐक्सलरेटर से संबंधित कई नियम बनाए गए है। ये नियम हो रहे हादसों पर रोक लगाएगा साथ ही लोग भी बेखौफ लिफ्ट में आ जा सकेंगे।

नोएडा प्राधिकरण का प्रशासनिक खंड का कार्यालय
नोएडा प्राधिकरण का प्रशासनिक खंड का कार्यालय

नोएडा और गाजियाबाद में हाइराइज इमारतों के बारे में जाने
इसका सबसे ज्यादा फायदा एनसीआर के शहर नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेनो वेस्ट (गौतमबुद्ध नगर) गाजियाबाद, मेरठ को होगा। क्योंकि हाइराइज इमारतों में पहला नंबर गौतमबुद्ध नगर का है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 309 ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट है।

600 से ज्यादा हाइराइज इमारत है। जिसमें करीब 4.3 लाख फ्लैट बनने है। 2.12 लाख फ्लैट में शहर की आधी से ज्यादा आबादी रह रही है। वहीं गाजियाबाद में करीब 253 हाइराइज इमारत है। जिनमें 1.80 लाख फ्लैट और करीब 7.5 लाख से अधिक लोग रहते हैं। इन सभी को फायदा होगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली। जिसके बाद विधानसभा में इस एक्ट को पास कर दिया गया। अब सभी शहरों में इसे लागू कर दिया गया है। यहां बने नियम दोनों यानी जो सोसाइटी बन चुकी है या जो निर्माणाधीन है सभी पर एक समान लागू होगा। बता दे नोएडा में ही विगत कुछ महीनों में लिफ्ट फंसने, गिरने से कई लोगों की मौत हो चुकी है।

ये चित्र नोएडा के सेक्टर-137 पारस टियारा सोसाइटी का है जहां एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी।
ये चित्र नोएडा के सेक्टर-137 पारस टियारा सोसाइटी का है जहां एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी।

अब जानते है क्या लिफ्ट और ऐस्कलेटर एक्ट के नियम

  • लिफ्ट या ऐस्कलेटर लगवाने के लिए स्वामी को संबंधित प्राधिकरण , नगर निगम से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। निजी परिसर और सार्वजनिक परिसर के लिए अलग-अलग रजिस्ट्रेशन होगा।
  • लिफ्ट या ऐस्कलेटर कमिशनिंग पूर्ण होने पर इसके उपयोग से पहले राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किसी अधिकारी को इसकी सूचना देगा।
  • एक बार संचालन शुरू होने के बाद वह लिफ्ट या ऐस्कलेटर का नियमित समय अंतराल पर अनुरक्षण कार्य कराना होगा। साथ ही एएमसी लेनी होगी। साथ ही उसे नियुक्त किए गए अधिकारी के पास जमा करनी होगी।
  • कोई खराबी आने पर तकनीकी टीम या किसी खराबी के दूर करने की दशा में एएमसी तकनीकी टीम से प्रमाण पत्र लेना होगा इसे अनुरक्षण लॉग बुक में लिखना होगा। इसे मांगे जाने पर अधिकारी के सामने प्रस्तुत करना होगा।
  • दिन प्रतिदिन के संचालन के दौरान आने वाली तकनीकी खराबी को तुरंत दूर किया जाए। जब तक ऐसी तकनीकी खराबी दूर नहीं होती उस पर उपयोग में नहीं है का डिस्प्ले लगाना होगा।
  • आपातकालीन स्थिति में किसी के फंसने और सुरक्षित बाहर निकालने के लिए साल में दो बार मॉक ड्रिल अभ्यास कराना होगा।
  • एक्ट लागू होने के छह महीने के अंदर रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करेगा।
रिवर साइड टावर में लिफ्ट गिरने से नौ लोग घायल हुए थे
रिवर साइड टावर में लिफ्ट गिरने से नौ लोग घायल हुए थे

यात्रियों की सुरक्षा के लिए ये है नियम

  • लिफ्ट में यात्रियों की सुरक्षा के लिए किसी भी खराबी की स्थिति में अंदर फंसे यात्रियों को बचाने के लिए लिफ्ट या ऐस्कलेटर में एक स्वाचालित बचाव की युक्ति लगानी होगी।
  • ये तकनीकी ऐसी होनी चाहिए कि लिफ्ट निकटतम लैंडिंग तल पर पहुंचे और लैडिंग और केज के दरवाजे खुल जाए।
  • लिफ्ट में पर्याप्त प्रकाश होना चाहिए।
  • संचार प्रणाली होनी चाहिए, आपातकालीन घंटी होनी चाहिए।
  • सार्वजनिक स्थानों पर संचालित होने वाली लिफ्ट में सीसीटीवी कैमरा लगा होना चाहिए।
  • सार्वजनिक लिफ्ट या ऐक्सलरेटर में स्वामी को दुर्घटना के लिए अनिवार्य रूप से बीमा लेना होगा। ताकि यात्रियों को जोखिम कवर मिल सके। ये राशि सरकार द्वारा मानकों के अनुरुप होगी।
  • सार्वजनिक परिसरों में लिफ्ट और ऐस्कलेटर दिव्यांगों के अनुकूल होंगे।

रजिस्ट्रेशन की अवधि इस प्रकार से होगी

  • प्रत्येक रजिस्ट्रेशन की अवधि लिफ्ट या ऐस्कलेटर के संपूर्ण जीवनकाल के लिए होगी। यदि विद्यमान लिफ्ट या ऐस्कलेटर में कोई परिवर्तन किया जाता है तो नया रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा।
  • यदि लिफ्ट को शिफ्ट भी किया जाता है तो उसके लिए नया रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
  • विनिर्माता द्वारा बताई गई समयावधि के बाद लिफ्ट और ऐस्कलेटर को अन इन्स्टॉल करना होगा।
नोएडा सेक्टर-39 के जिला अस्पताल की लिफ्ट में 2 साल का बच्चा समेत 6 लोग 30 मिनट तक फंसे रहे।
नोएडा सेक्टर-39 के जिला अस्पताल की लिफ्ट में 2 साल का बच्चा समेत 6 लोग 30 मिनट तक फंसे रहे।

दुर्घटना होने की स्थिति में क्या होगा नियम

लिफ्ट या ऐस्कलेटर के संचालन के दौरान किसी दुर्घटना के परिणामस्वरुप कोई जन हानि या पशु नुकसान होती है, तो लिफ्ट स्वामी को जिला मजिस्ट्रेट या संबंधित पुलिस थाने में 24 घंटे के अंदर सूचना देनी होगी।

इसके बाद बिना तकनीकी रिपोर्ट लिए लिफ्ट का संचालन नहीं किया जाएगा। ये जांच कार्यकारी मजिस्ट्रेट और विद्युत निरीक्षक के द्वारा की जाएगी। जिला मजिस्ट्रेट इसकी जांच के लिए एक समयावधि तय करेगा। इसकी एक अलग लॉग बुक रखी जाएगी।

अब जानते है नोएडा ग्रेटर नोएडा में हाल ही में हुए हादसे

  • दिसंबर 2023 नोएडा के सेक्टर-125 में शुक्रवार को रिवर साइड टावर में लिफ्ट गिरने का मामला सामने आया है। लिफ्ट 8वें फ्लोर से गिरी। इसमें 9 लोग सवार थे। पांच को चोट लगी है। इनको नोएडा के जेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
  • दो नवंबर को फेस-टू के सेक्टर-110 में यथार्थ अस्पताल में गिर गई। इस लिफ्ट में सामान ले जाने का काम किया जाता था। घटना के दौरान अस्पताल में काम करने वाले चार लोग मौजूद थे। तार टूटने से लिफ्ट झटके से नीचे गिरी।
  • 15 सितंबर ग्रेटर नोएडा में बड़ा हादसा हुआ था। ड्रीम वैली प्रोजेक्ट में निर्माणाधीन साइट पर लिफ्ट गिरने से नौ मजदूरों की मौत हो गई थी।
  • 3 अगस्त को नोएडा के सेक्टर-137 स्थित पारस टियरा सोसाइटी में लिफ्ट गिरने से एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई है।
  • अप्रैल में नोएडा के रीजेंटा होटल में ओवरलोडिंग होने से लिफ्ट के टूटने से कुल नौ लोग घायल हो गए। छह लोगों को मामूली चोट आई है, जबकि तीन लोगों के फ्रैंक्चर हो गया था।
15 सितंबर ग्रेटर नोएडा में बड़ा हादसा हुआ था। ड्रीम वैली प्रोजेक्ट में निर्माणाधीन साइट पर लिफ्ट गिरने से नौ मजदूरों की मौत हो गई थी।
15 सितंबर ग्रेटर नोएडा में बड़ा हादसा हुआ था। ड्रीम वैली प्रोजेक्ट में निर्माणाधीन साइट पर लिफ्ट गिरने से नौ मजदूरों की मौत हो गई थी।

गाजियाबाद में हुए हादसे

  • 29 अक्टूबर 2022 सिद्धार्थ विहार स्थित प्रतीक ग्रैंड सोसाइटी में पांचवी मंजिल से नीचे गिरी लिफ्ट, बच्ची घायल हुई।
  • एक अगस्त 2022 इंदिरापुरम स्थित शिप्रा कृष्णा विस्टा सोसाइटी में लिफ्ट खराब होने से आधे घंटे तक फंसे रहे बुजुर्ग दंपती।
  • 21 मई 2023 राज नगर एक्सटेंशन स्थित ओरा काय मेरा सोसाइटी की लिफ्ट गिरने से बच्चा और बुजुर्ग महिला समेत परिवार के छह लोग घायल।

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