ज्यादा स्मार्टफोन चलाना जरूरत या आदत?

ज्यादा स्मार्टफोन चलाना जरूरत या आदत? जानिए कितने घंटे फोन से चिपके रहते हैं हम, कितना गहरा है ये रिश्ता
याद है वो जमाना जब हमारा काम स्मार्टफोन के बिना भी चल जाता था? अब तो यकीन करना मुश्किल है! स्मार्टफोन हमारे जीवन से इतने जुड़ चुके हैं कि उन्हें खुद का एक हिस्सा ही मान लेना गलत नहीं होगा.

सुबह की पहली किरण के साथ आंखें खुलते ही सबसे पहले हाथ मोबाइल फोन की तरफ बढ़ता है. रात को सोने से पहले भी आखिरी नजर मोबाइल स्क्रीन पर ही पड़ती है. आज के समय में मोबाइल फोन मानवीय जीवन का अभिन्न अंग बन गया है.

भारत में लगभग 84 फीसदी स्मार्टफोन यूजर्स सुबह उठने के 15 मिनट के भीतर ही अपना फोन चेक कर लेते हैं. ये चौंकाने वाला खुलासा बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) की रिपोर्ट में हुआ है. लेकिन चिंता की बात सिर्फ इतनी ही नहीं है.

रिपोर्ट ये भी बताती है कि इंसान चलते हुए भी अपना 31 फीसदी समय स्मार्टफोन पर ही बिताता है. हैरानी की बात ये है कि हम दिन में एवरेज 80 बार अपना फोन चेक करते हैं. हम अपने स्मार्टफोन पर बिताए समय का आधा हिस्सा सिर्फ स्ट्रीमिंग कंटेंट देखने में लगाते हैं.

फोन इस्तेमाल के तरीके में क्या आया बदलाव
रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2010 में जहां हम सिर्फ दो घंटे ही फोन पर बिताते थे, वहीं 2023 में ये समय बढ़कर लगभग 4.9 घंटे तक पहुंच गया है. ये आंकड़ा सोचने पर मजबूर करता है कि कहीं हम स्मार्टफोन के दीवाने तो नहीं बन गए हैं? ये बदलाव सिर्फ समय में ही नहीं हुआ है, बल्कि फोन इस्तेमाल करने के तरीके में भी भारी बदलाव आया है. 

2010 में हम 100% समय दोस्तों और परिवार से बात करने में, टेक्स्ट मैसेज भेजने या कॉल करने में लगाते थे. लेकिन 2023 में इस पर हमारा सिर्फ 20-25% समय ही खर्च होता है. बाकी समय आप जानते ही हैं- सोशल मीडिया, रील्स, चैटिंग, ऑनलाइन गेम खेलना. कहना गलत नहीं होगा कि डिजिटल दुनिया हमें अपने चंगुल में ले चुकी है.

ज्यादा स्मार्टफोन चलाना जरूरत या आदत? जानिए कितने घंटे फोन से चिपके रहते हैं हम, कितना गहरा है ये रिश्ता

अपने स्मार्टफोन का कैसे करते हैं इस्तेमाल?
भारतीय हर दिन लगभग 4.9 घंटे तक स्मार्टफोन पर गुजारते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, आधे से ज्यादा 50-55 फीसदी समय यानी करीब 2.5 घंटे हर दिन यूजर्स ओटीटी, रील्स, वीडियोज जैसे स्ट्रीमिंग कंटेंट देखने में लगाते हैं. 20-25 फीसदी समय यानी करीब एक घंटा कॉल, टेक्स्ट, ईमेल, सोशल मीडिया और डेटिंग ऐप्स पर बिताते हैं.

  • 7-9% समय यानी करीब 30 मिनट हर दिन ट्रैवल, जॉब्स, होम डेकोर, रेसिपी सर्च करने में लगाते हैं.
  • 6-8% समय यानी करीब 20 मिनट गेम खेलने, 5-7% समय यानी 18 मिनट शॉपिंग करने में लगाते हैं.
  • 3-4% समय यानी 10 मिनट ऑनलाइन बेंकिंग, ट्रेडिंग में खर्च होता है.
  • करीब 3 मिनट का समय मोबाइल पर खबर पढ़ने में जाता है.
  • हर दिन 3 मिनट से कम समय ऑनलाइन स्टडी या कोई स्किल सीखने में लगाते हैं.

18 से 24 साल के युवा 35 साल से ऊपर के लोगों की तुलना में इंस्टाग्राम रील्स और यूट्यूब शॉर्ट्स जैसे छोटे वीडियो देखने में सबसे ज्यादा समय बिताते हैं. रिपोर्ट ये भी बताती है कि हर दूसरी बार जब हम फोन उठाते हैं, तो जरूरत से ज्यादा आदत के चलते उठाते हैं. 

स्मार्टफोन हर बार उठाने का क्या होता है मकसद?
कभी गौर किया है कि आप दिनभर कितनी बार अपना स्मार्टफोन उठाते हैं? और हर बार उठाने का कोई ठोस मकसद होता है या यूं ही आदतन हाथ बढ़ जाता है? रिपोर्ट के मुताबिक, हर दूसरी बार हम बिना सोचे-समझे ही फोन उठा लेते हैं.

  • 45-50 फीसदी बार फोन उठाते समय यूजर्स को पता होता है कि उनका मकसद क्या है. उन्हें क्या काम करना है.
  • 5-10 फीसदी बार यूजर्स फोन तब उठाते हैं जब कोई जरूरी काम करना होता है, लेकिन ये काम पूरी तरह साफ नहीं होता है. 
  • 45-50 फीसदी बार फोन उठाते समय कोई खास मकसद नहीं होता है. बस आदतन जेब में हाथ गया या ऐसे ही फोन उठा लिया और चेक करने लगे.

ये आंकड़े बताते हैं कि स्मार्टफोन हमारे जीवन में कितना रच-बस गया है. कभी जरूरत, कभी मनोरंजन, कभी आदत हम हर पल उसी के आसपास घूमते रहते हैं.

दुनिया में भारत का कौन-सा स्थान
स्मार्टफोन इस्तेमाल के मामले में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है. ZDNet की रिपोर्ट के अनुसार, ब्राजील के लोग दुनिया में सबसे ज्यादा मोबाइल चलाते हैं. यहां के लोग एवरेज हर दिन 5.4 घंटे मोबाइल इस्तेमाल करते हैं. फिर दूसरे नंबर पर इंडोनेशिया है, यहां लोग रोजाना 5.3 घंटे मोबाइल पर बिताते हैं. 

ज्यादा स्मार्टफोन चलाना जरूरत या आदत? जानिए कितने घंटे फोन से चिपके रहते हैं हम, कितना गहरा है ये रिश्ता

भारत में हर साल स्मार्टफोन की सेल कितनी
साल 2022 में भारत का स्मार्टफोन बाजार निराशाजनक रहा था. अंतर्राष्ट्रीय डेटा कार्पोरेशन (IDC) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में 144 मिलियन (14.4 करोड़) स्मार्टफोन की डिवाइस बिकी. ये आंकड़ा इससे पिछले साल की तुलना में 10 फीसदी कम था और 2019 के बाद सबसे कम सेल थी. 2022 के आखिरी तिमाही में तो और भी गिरावट देखी गई थी. 27 फीसदी गिरावट के साथ 30 मिलियन (3 करोड़) यूनिट ही बिक पाए.

2022 में 5G स्मार्टफोन बाजार में भी गिरावट आई. कुल 50 मिलियन 5G स्मार्टफोन बिके, जिनका एवरेज सेलिंग प्राइज (एएसपी) 2021 में 431 डॉलर से घटकर 2022 में 395 डॉलर हो गया. 

प्रीमियम स्मार्टफोन बाजार में धूम
भारतीय स्मार्टफोन बाजार बदल रहा है. पहले जहां सस्ते और किफायती फोन का बोलबाला था, अब लोग प्रीमियम फीचर्स और बेहतर अनुभव के लिए थोड़ा ज्यादा खर्च करने को भी तैयार हैं. छोटे शहरों में भी इसी तरह का बदलाव देखा जा रहा है.

30 हजार रुपये से ऊपर वाले महंगे प्रीमियम स्मार्टफोन हर साल 40% से भी ज्यादा तेजी से बिक रहे हैं. अमेजन इंडिया के निदेशक रंजीत बाबू ने बताया कि अमेजन पर 70% स्मार्टफोन की बिक्री टियर 1 शहरों के बाहर हो रही है. यानी छोटे शहरों में ऑनलाइन स्मार्टफोन खरीद का बाजार तेजी से बढ़ रहा है.

बाजार में बड़े बदलाव की वजह है – आसान किस्त (EMI) की सुविधा, पुराने फोन को एक्सचेंज करने का ऑप्शन और अभी खरीदो बाद में चुकाओ वाली स्कीम. अभी देश में करीब 35-40% स्मार्टफोन ऐसे ही आसान फाइनेंसिंग स्कीमों के जरिए बिक रहे हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *