नई दिल्ली। Rajya Sabha Election 2024 राज्यसभा की 15 सीटों के लिए उत्तर प्रदेश कोटे की 10, कर्नाटक की चार और हिमाचल प्रदेश की एक सीट के लिए आज चुनाव होगा। इससे पहले 41 सीटों के लिए सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश में 10 सीटों के लिए कुल 11 प्रत्याशी मैदान में हैं जिनमें आठ भाजपा और तीन सपा के हैं। भाजपा ने आठवें प्रत्याशी के रूप में संजय सेठ को उतारकर चुनाव को और रोचक बना दिया है। दसवीं सीट के लिए क्रास वोटिंग तय है, जिसके लिए दोनों पक्षों से प्रयास होगा।

जनता नहीं करती वोट

दरअसल, आम चुनाव के इतर राज्यसभा में जाने वाले सांसदों का चुनाव जनता नहीं करती है। इन सांसदों का चुनाव जनता द्वारा चुने गए सांसद करते हैं। 

सांसदों की सीटें कम, कार्यकाल ज्यादा

राज्यसभा एक स्थायी सदन होता है, जिस तरह लोकसभा भंग हो सकती है उस तरह राज्यसभा भंग नहीं होती। लोकसभा के मुकाबले राज्यसभा में सीटें कम होती है। संविधान के अनुच्छेद 80 के अनुसार, राज्यसभा में सांसदों की कुल संख्या 250 हो सकती है। 

इन 250 में से 238 सदस्य राज्य या केंद्र शासित प्रदेशों से चुने जाते हैं, वहीं शेष 12 सांसद देश के प्रतिष्ठित व्यक्ति हो सकते हैं, जिन्हें राष्ट्रपति नामित करते हैं। हालांकि, फिलहाल सदन में ये आंकड़ा 245 सांसदों का है। राज्यसभा सांसद का कार्यकाल भी 6 साल का होता है।

राज्यसभा चुनाव में इन फॉर्मूले का होता है उपयोग 
  • राज्यसभा सांसद का चुनाव एक फॉर्मूले के तहत होता है। इसमें एक सांसद को कितने वोटों की जरूरत है, ये पहले से तय होता है।
  • दरअसल, इसमें एक विधानसभा के कुल विधायकों की संख्या को 100 से गुणा किया जाता है और इसे राज्य की कुल राज्यसभा सीटों में +1 जोड़कर भाग किया जाता है।
  • जो संख्या आती है उसमें एक जोड़ने के बाद, वो एक राज्य में राज्यसभा सीट जीतने के लिए वोट की संख्या होती है।
  • ये है फॉर्मूला: विधानसभा के कुल विधायकों की संख्या x 100/(राज्यसभा की सीटें+1)= +1
ये है प्रक्रिया

राज्यसभा चुनाव कोई गुप्त मतदान नहीं होता और न इसमें ईवीएम का प्रयोग होता। यहां हर उम्मीदवार के नाम के आगे एक से चार तक का नंबर लिखा होता है। विधायकों को वरीयता के आधार पर उसपर निशान लगाना होता है।