नोएडा : किसानों को फर्जी तरीके से बांटा 117 करोड़ मुआवजा !

किसानों को फर्जी तरीके से बांटा 117 करोड़ मुआवजा …
SIT ने 1198 फाइलों की जांच की,  20 प्रकरण में मिली अनियमितता

नोएडा प्राधिकरण में मुआवजा वितरण मामले में एसआईटी की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। तीन अधिकारियों ने मिलकर प्राधिकरण को करीब 117 करोड़ रुपए राजस्व का नुकसान पहुंचाया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार एसआईटी ने नोएडा प्राधिकरण में 1 अप्रैल 2009 से 2023 तक कुल 15 सालों के मुआवजा वितरण संबंधित कुल 1198 फाइलों को खंगाला। जिसमें कुल 20 मामलों में मुआवजा वितरित करने में अनियमितता बरती गई। हालांकि बाकी प्रकरणों में मुआवजा वितरण सही पाया गया।

एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में शुरुआत में 12 और बाद में 8 नए प्रकरण सामने आए थे। जिनमें मुआवजा अधिक दिया गया। एसआईटी ने रिपोर्ट में लिखा कि नोएडा प्राधिकरण पर कोई विधिक बाध्यता नहीं थी। न्याय का संतुलन नोएडा प्राधिकरण के पक्ष में था फिर भी काश्त कारों से समझौता किया गया। नोएडा प्राधिकरण के विधि विभाग के कनिष्ट सहायक , सहायक विधि अधिकारी और विधि अधिकारी द्वारा तथ्यों को छिपाकर किसानों से मिली भगत करके अतिरिक्त रकम दी गई।

दरअसल, गेझा-तिलपताबाद के मुआवजा वितरण की अनियमितताएं की बात सामने आने पर यह जांच शुरू हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 14 सितंबर 2023 को नोएडा प्राधिकरण व शासन को फटकार लगाते हुए कहा था कि यह गड़बड़ी सिर्फ विधि अधिकारी स्तर के नहीं कर सकते। इसकी विस्तृत जांच होनी चाहिए। फिर प्रदेश सरकार ने एसआईटी का गठन किया था। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश सरकार ने इस मामले में बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के चेयरमैन हेमंत राव की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की थी। जिसके बाद ये जांच हुई।

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