जानें कम उम्र में ही बच्चों को क्यों लग रहा चश्मा ?
जानें कम उम्र में ही बच्चों को क्यों लग रहा चश्मा, क्या है कारण, क्या है इसका उपाय
बच्चे जब पढ़ने बैठे तो उन्हें पर्याप्त रोशनी में पढ़ने को कहें.कंप्यूटर या टीवी स्क्रीन का उपयोग करते समय कम से कम 20 इंच की दूरी बनाने के लिए प्रोत्साहित करें.
Child Eye Care: आजकल कम उम्र में ही बच्चों को चश्मा लग जाता है. यह समस्या तेजी से बढ़ रही है और इसके कई कारण भी हैं. स्मार्टफोन का बढ़ता इस्तेमाल, धूप का ज्यादा संपर्क, खानपान में पोषक तत्वों की कमी जैसे कई कारण से बच्चों की आंखों में समस्याएं (Kids Eyes Care) बढ़ रही हैं. ऐसे में अगर आंखों में समय-समय पर दर्द हो, धूप में पलके झपकाएं, पढ़ने में दिक्कत जैसी प्रॉब्लम हो तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे आंखों में चश्मा लगने की नौबत आ सकती है. ऐसे में डॉक्टर 10 ऐसे उपाय बता रहे हैं, जिसकी वजह से आप बच्चों की आंखों पर चश्मा चढ़ने से बचा सकते हैं.
बच्चों की देखभाल के 10 उपाय
1. नियमित रूप से बच्चों की आंखों की जांच करवाते रहना चाहिए. इससे आंखों की समस्याओं का समय रहते पता चल जाएगा और इलाज में मदद मिलेगी.
2. बच्चों का खानपान हेल्दी बनाएं. फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन खाने में दें.
3. बच्चों को रात में कम से कम 9 से 11 घंटे की नींद लेनी चाहिए. इससे उनकी आंखों को आराम मिल जाता है और थकान कम होने में मदद मिलती है.
4. रोजाना के हिसाब से बच्चों का टीवी, कम्प्यूटर या स्मार्टफोन देखना कम करें. वरना तनाव बढ़ सकता है और समस्याएं भी.
5. बच्चों को नियमित तौर पर एक्सरसाइज करने के लिए प्रोत्साहित करें. इससे आंखों को स्वस्थ बनाने में मदद मिलेगी.
6. बच्चे जब भी बाहर जाएं तो उन्हें धूप का चश्मा पहनने को कहें. इससे आंखें सूरज की हानिकारण किरणों से बच जाएंगी.
7. बच्चों को 20-30 मिनट में 20 सेकंड के लिए कम से कम 20 फीट की दूर की चीजों को देखने को कहें. इससे आंखों को आराम मिलेगा.
8. बच्चों को आंखों को रगड़ने से बचाएं. वरना जलन और सूजन की समस्या हो सकती है.
9. अगर बच्चे चश्मा पहन रहे हैं तो उन्हें इसका इस्तेमाल नियमित तौर पर करने को कहें.
10. बच्चों को आंखों की कोई समस्या है तो समय रहते डॉक्टर को दिखाएं और उनकी सलाह माने.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.