अतिक्रमण की जमीन पर किसानों की आबादी का होगा निपटारा !

अतिक्रमण की जमीन पर किसानों की आबादी का होगा निपटारा
नोएडा में सैटेलाइट इमेज की ली जाएगी मदद, हर गांव में लगाया जाएगा कैंप
नोएडा प्राधिकरण के इस प्लान के बारे में जानकारी देते सीईओ लोकेश एम….

नोएडा के गांवों में सबसे बड़ी समस्या आबादी निपटारा की है। अतिक्रमण अभियान के तहत अधिकतर मामलों में प्राधिकरण का दस्ता इसी कारण से वापस लौटा है कि ये किसानों की आबादी की जमीन है। इसे परिसीमन में निर्धारित किया गया है।

प्राधिकरण इसका सर्वे कराएगी। किसी गांव में कितनी जमीन आबादी की है और कितना अतिक्रमण किया गया है। ये सर्वे आबादी नियमावली 2011 के अनुसार किया जाएगा। अभियान गांव-गांव में कैंप लगाकर किया जाएगा।

इसकी एक बड़ी वजह अतिक्रमण के साथ कोर्ट केस भी है। नोएडा में हजारों की संख्या की मामले कोर्ट में सिर्फ आबादी निपटारा से संबंधित हैं जो अभी तक लंबित हैं। प्राधिकरण के ओएसडी महेंद्र प्रसाद ने बताया कि आबादी निपटारा के लिए नोएडा प्राधिकरण का भूलेख विभाग गांव-गांव अभियान शुरू करने जा रहा है।

कांफ्रेंस के दौरान सीईओ लोकेश एम, एसीईओ वंदना त्रिपाठी व अन्य अधिकारी
कांफ्रेंस के दौरान सीईओ लोकेश एम, एसीईओ वंदना त्रिपाठी व अन्य अधिकारी

बदौली बांगर से होगी शुरुआत, पहला कैंप यहीं लगेगा
बदौली बांगर गांव से मंगलवार से शुरू होगी। जिसमें किसानों का वर्ष 2011 के हिसाब से आबादी का निपटारा 450 वर्ग मीटर से किया जाएगा। किसानों के सभी दस्तावेजों की पड़ताल होगी। जिससे उसकी आबादी का निपटारा किया जा सके।

यह भी देखा जाएगा कि उसकी कितनी जमीन अधिगृहीत हुई है, उसमें कितने खातेदार शामिल रहे हैं। किस-किस को कितना फायदा मिल चुका है। किसका मामला कोर्ट में है और इनको कितना मुआवजा दिया जा चुका है।

हाइलेवल कमेटी के सामने रखी जाएगी रिपोर्ट
हालांकि भारतीय किसान परिषद की ओर से लगातार मांग की जा रही है उनकी आबादी को 450 वर्गमीटर से बढ़ाकर 1000 वर्गमीटर किया जाए। इस मांग के लिए एक हाई लेवल कमेटी बनी है। सर्वे के ये दस्तावेज भी इस हाइलेवल कमेटी के सामने रखे जाएंगे।

इसके बाद तय किया जाएगा कि आबादी को विस्तारित किया जाए या किसानों की मांग जाएज है या नहीं। कई और भी मांग है जिनको प्राधिकरण बोर्ड से अप्रूव कर शासन को भेजा गया है।

मांगों को लेकर हाल ही में किसानों ने किया था प्रदर्शन
मांगों को लेकर हाल ही में किसानों ने किया था प्रदर्शन

सैटलाइट इमेज की ली जाएगी मदद
आबादी निपटारा के लिए प्राधिकरण सेट लाइट इमेज का सहारा लेगी। ये इमेज नियमावली 2011 के तहत कराई गई थी। अब दोबारा से सेट लाइट इमेज ली जा सकती है। ताकि आबादी निपटारा के समय ली गई सैटलाइट इमेज से नई इमेज का मिलान कराया जा सके। इससे गांव में कहा कहा अतिक्रमण है इसकी पुष्टि हो सकेगी। ये प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो जाएगी।

नोएडा प्राधिकरण का प्रशासनिक खंड का कार्यालय
नोएडा प्राधिकरण का प्रशासनिक खंड का कार्यालय

गांवों में लगाए जाएंगे कैंप
1976 में नोएडा को 81 गांवों की जमीन पर बसाया गया था। इन्ही 81 गांवों में कैंप लगाकर आबादी का निपटारा किया जाएगा। ओएसडी ने ये भी बताया कि जिन जमीनों का मुआवजा उठा लिया गया है वहां अतिक्रमण न के बराबर है। लेकिन जो जमीन प्राधिकरण की अधिसूचित है। या जिसका मुआवजा किसानों ने नहीं उठाया वहीं पर अतिक्रमण की समस्या सबसे ज्यादा है। आबादी निपटारा के दौरान ये स्थिति भी स्पष्ट हो जाएगी।

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