ग्वालियर : मिलावट से लड़ाई को पलीता ?

मिलावट से लड़ाई को पलीता …
त्योहार पर भी सैंपलिंग नहीं, शिवरात्रि पर ही हजारों क्विंटल मावा प्रसाद में खपाया

मिलावट से जंग का नारा देने वाले अफसर त्योहार पर भी मिलावट के खिलाफ टीम को मैदान में नहीं उतार पा रहे हैं। शिवरात्रि पर हजारों क्विंटल मावा की मिठाइयां तैयार होकर बिक गईं, लेकिन फूड सेफ्टी टीम ने कहीं भी सैंपलिंग या जांच की कार्रवाई नहीं की। शिव मंदिरों के अलावा मिठाई की दुकानों पर भी शुक्रवार को अच्छी ग्राहकी हुई। वहीं, होली का त्योहार नजदीक आने के साथ ही ग्वालियर में अंचल से आने वाला मावा रफ्तार पकड़ गया है। मुरैना, भिंड के साथ ग्वालियर के देहात से राेज शहर के मोर बाजार में पहले की तुलना में ज्यादा मावा आ रहा है।

लेकिन इस मावा की जांच-सैंपलिंग नहीं हो रही। ये जिम्मेदारी संभालने वाले फूड सेफ्टी विभाग की टीम दूध, दही और पनीर की ही सैंपलिंग कर रही है। स्थिति यह है कि पिछले महीने जब 15 दिन तक विशेष चेकिंग अभियान चला तो भी मोर बाजार में प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई।

सुबह 4 से 6 बजे ही आ जाता है मावा, चेकिंग सुबह 10 के बाद

एंट्री प्वाइंट: भिंड, मुरैना के विभिन्न क्षेत्रों से ग्वालियर में दूध, मावा और दूध से बने प्रॉडक्ट आते हैं। जिनमें अधिकांश आयटम मिलावटी सामग्री से तैयार कर लाए जाते हैं। इसलिए शहर में एंट्री प्वाइंट पर चेकिंग की व्यवस्था शुरू की गई थी और जब तक यह व्यवस्था चली, तब तक न सिर्फ मिलावटी दूध, मावा बल्कि मिल्क केक और बर्फी समेत दूसरी मिठाइयों भी बड़ी मात्रा में पकड़ी गईं।

बाजार-फैक्ट्री: महाराज बाड़े के पास मावा मोर बाजार स्थापित है। जहां अंचल में कई जगह से मावा तैयार होकर आता है। बाजार में मावा सुबह 4 से 6 बजे पहुंचता है जबकि टीम 10 बजे के बाद बाजार में निकलती है। वहीं हजीरा, गोल पहाडि़या, सिकंदर कंपू में फूड प्रोडक्ट के फैक्ट्री हैं जहां कार्रवाई नहीं होती।

धार्मिक स्थल: शहर के धार्मिक स्थलों पर भी फूड सेफ्टी विभाग की टीम सैंपलिंग के लिए नहीं पहुंचती। जबकि, मावा से बनी मिठाइयों सबसे ज्यादा इन स्थानों पर बिकती हैं। महाशिवरात्रि पर्व पर भी शहर के शिव मंदिरों पर बड़ी मात्रा में प्रसाद के तौर पर मिठाइयों बिकी। लेकिन न तो पहले और न शिवरात्रि के दिन टीम ने कोई सैंपलिंग इन स्थानों पर की। शिवरात्रि वाले दिन टीम सैंपलिंग के लिए नहीं निकली।

मावा की कार्रवाई सूचना मिलने पर करते हैं
ऐसा नहीं है सैंपल लेते वक्त टीम सभी फूड प्रॉडक्ट की सैंपलिंग पर फोकस करती है। जहां तक बात मावा की है, उसके लिए कई बार सूचना के आधार पर कार्रवाई की जाती है। टीम को लेकर मावा, मिठाई पर प्रभावी कार्रवाई कराई जाएगी। इस संबंध में टीम को निर्देशित करूंगा।
 सीएमएचओ

ग्वालियर सहित 9 जिलों को मिली एक-एक स्पॉट टेस्टिंग किट

हाई कोर्ट में 13 को होनी है सुनवाई दूध व दूध से बने उत्पादों में मिलावट की जांच के लिए मप्र शासन ने आखिरकार स्पॉट टेस्टिंग किट खरीदना शुरू कर दी है। मप्र हाई कोर्ट की सख्ती के बाद ग्वालियर सहित नौ जिलों में एक-एक किट वितरित भी कर दी गई है। इसके साथ ही 300 किट बहुत जल्द मिल जाएंगी। इसके लिए कुल 30 लाख रुपए खर्च किए गए हैं।

दरअसल, एडवोकेट उमेेश बौहरे की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने मोबाइल वैन और अन्य उपकरण खरीदने की बात कही थी। इसी तारतम्य में ये सारी कवायद की जा रही है। इस याचिका पर अगली सुनवाई 13 मार्च को प्रस्तावित है। इसलिए 9 जिलों को यह किट प्रदान की गई है।

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