पहले लोकसभा चुनाव के बाद से 71,246 उम्मीदवार अपनी जमानत जब्त करवा चुके

 पहले लोकसभा चुनाव के बाद से 71,246 उम्मीदवार अपनी जमानत जब्त करवा चुके, जानें 2019 में क्या हुआ था
Lok Sabha Elections: जो उम्मीदवार चुनाव में कुल वैध वोटों का कम से कम छठा हिस्सा हासिल नहीं कर पाते हैं, उनकी जमा राशि जब्त हो जाती है। सामान्य उम्मीदवारों के लिए जमा राशि 25,000 रुपये और एससी/एसटी समुदायों के उम्मीदवारों के लिए 12,500 रुपये है।

Lok Sabha elections: Rise in number of candidates losing security deposit over the years

देश में लोकसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है। 19 अप्रैल से सात चरणों में मतदान होगा। नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे। इस बीच चुनाव आयोग के आंकड़े सामने आए हैं जिनसे पता चलता है कि पिछले कुछ वर्षों में जमानत राशि खोने वाले उम्मीदवारों की संख्या काफी बढ़ी है। 1951-52 में पहले लोकसभा चुनाव के बाद से 71,000 से अधिक उम्मीदवारों की जमानत जब हो चुकी है। 

देश में लोकसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है। 19 अप्रैल से सात चरणों में मतदान होगा। नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे। इस बीच चुनाव आयोग के आंकड़े सामने आए हैं जिनसे पता चलता है कि पिछले कुछ वर्षों में जमानत राशि खोने वाले उम्मीदवारों की संख्या काफी बढ़ी है। 1951-52 में पहले लोकसभा चुनाव के बाद से 71,000 से अधिक उम्मीदवारों की जमानत जब हो चुकी है। 

लोकसभा चुनाव 2024
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जमानत राशि को लेकर आंकड़े क्या कहते हैं?
पहले लोकसभा चुनाव के बाद से चुनाव लड़ने वाले 91,160 उम्मीदवारों में से 71,246 की जमानत जब्त हो गई है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि अब लोकसभा चुनाव लड़ने वाले 78 प्रतिशत उम्मीदवार अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए हैं।

1951-52 के शुरुआती लोकसभा चुनावों में 1,874 उम्मीदवारों में से 745 (लगभग 40 प्रतिशत) की जमानत जब्त हो गई। बाद के लोकसभा चुनावों में और भी ज्यादा संख्या में उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई है। 1996 में 11वीं लोकसभा चुनावों के दौरान 13,952 में से 12,688 उम्मीदवारों (91 प्रतिशत) की जमानत जब्त हो गई। इस चुनाव में लोकसभा सीटों के लिए सबसे अधिक संख्या में उम्मीदवार मैदान में उतरे थे।

1991-92 में 8,749 उम्मीदवारों में से 7,539 (91 प्रतिशत) ने अपनी जमानत राशि खो दी। 2009 में 8,070 में से 6,829 या 85 प्रतिशत उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई। 2014 में 8,251 में से 7,000 या 84 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपनी जमानत खो दी।

पिछले लोकसभा चुनाव के आंकड़े क्या थे?
2019 के चुनावों में प्रमुख राजनीतिक दलों में बसपा की सबसे अधिक सीटों पर जमानत जब्त हुई थी। उसके 383 में से 345 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। इसके बाद कांग्रेस के 421 में से 148 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। भाजपा के 436 में से 51 उम्मीदवार और सीपीआई के 49 में से 41 उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा सके थे।
राष्ट्रीय दलों का क्या हाल है?
1951-52 के पहले लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय दलों के 1,217 उम्मीदवारों में से 344 (28 प्रतिशत) की जमानत जब्त हो गई। 1957 के अगले चुनावों में इसमें सुधार हुआ जब 919 उम्मीदवारों में से केवल 130 (14 प्रतिशत) उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।

1977 के चुनावों में राष्ट्रीय पार्टियों का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन देखने को मिला। इन पार्टियों के 1,060 उम्मीदवारों में से केवल 100 (9 प्रतिशत) की जमानत जब्त हुई थी। 2009 का आम चुनाव राष्ट्रीय पार्टियों के उम्मीदवारों के लिए उतना अच्छा साबित नहीं। इस चुनाव में लगभग हर दूसरे उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई। 2009 में राष्ट्रीय दलों के 1,623 उम्मीदवारों में से 779 की जमानत जब्त हो गई थी।

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