60% भारतीयों में मैग्नीशियम की कमी …?
60% भारतीयों में मैग्नीशियम की कमी …?
ये हमारी हार्टबीट चलाता है, लेकिन इस जादुई मिनरल को हम कितना कम जानते हैं
मैग्नीशियम का नाम तो सुना होगा। स्कूल में केमिस्ट्री की किताब में पढ़ा होगा। मेंडिलीव की पीरियॉडिक टेबल में मैग्नीशियम का सिंबल Mg भी याद किया होगा। लेकिन ये जानने में बहुत देर लग गई कि हमारे शरीर को स्वस्थ और सक्रिय बनाए रखने में जिन मिनरल्स की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है, उनमें एक जरूरी नाम मैग्नीशियम का भी है।
मैग्नीशियम हमारे शरीर की कहानी में एक ऐसा किरदार है, जिसकी भूमिका को भुला दिया गया या उसे वो तवज्जो नहीं मिली, जिसका वो हकदार था।
में शरीर के लिए बेहद जरूरी मिनरल मैग्नीशियम के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-
- मैग्नीशियम हमारे शरीर में क्या काम करता है?
- इसकी कमी से किस तरह की बीमारियां हो सकती हैं?
- संतुलित भोजन से मैग्नीशियम की जरूरत को कैसे पूरा किया जा सकता है?
शरीर के लिए कितना जरूरी है मैग्नीशियम?
एक स्वस्थ मानव शरीर के लिए मैग्नीशियम उतना ही जरूरी है, जितना कि एक हरे-भरे पेड़ के लिए मिट्टी। नीचे दिए प्वॉइंटर से समझिए-
- मैग्नीशियम कोई मामूली मिनरल नहीं। वैज्ञानिक इसे मास्टर मिनरल कहते हैं।
- मैग्नीशियम हमारे शरीर में चौथा सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला मिनरल है।
- हमारा शरीर खरबों कोशिकाओं से मिलकर बना है और हरेक कोशिका में मैग्नीशियम होता है।
- मैग्नीशियम के बगैर कोई कोशिका अपना कामकाज ठीक से नहीं कर सकती।
- डीएनए बनाने से लेकर तकरीबन 600 जरूरी सेलुलर रिएक्शंस मैग्नीशियम के बगैर पूरे नहीं हो सकते।
- यह हमारी नींद, मूड और एक्सरसाइज परफॉर्मेंस को बूस्ट करता है।
- ब्लड शुगर लेवल को रेगुलेट करने में भी इसकी बड़ी भूमिका है।
- अगर हमारे शरीर में मैग्नीशियम की कमी हो जाए तो हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कोरोनरी आर्टरी डिजीज और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी क्रॉनिक डिजीज हो सकती हैं।
मैग्नीशियम हमारे शरीर के लिए कितना जरूरी है, नीचे ग्राफिक में देखते हैं।
भारत में 60% लोगों के शरीर में कम है मैग्नीशियम
इतना जरूरी होने के बावजूद अमेरिका में 68 फीसदी लोग मैग्नीशियम की निर्धारित डेली खुराक से कम खाते हैं। भारत के आंकड़े भी इससे बहुत अलग नहीं हैं। जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में करीब 60% लोग अपनी डाइट में मैग्नीशियम की डेली जरूरत को पूरा नहीं कर रहे हैं।
नीचे दिए ग्राफिक में देखिए कि किस उम्र में हमारे शरीर की मैग्नीशियम रिक्वायरमेंट कितनी होती है-
अब मैग्नीशियम के फंक्शन को डीटेल में समझते हैं-
ब्रेन फंक्शनिंग के लिए जरूरी है मैग्नीशियम
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक मैग्नीशियम हमारे मस्तिष्क और शरीर के बीच संकेतों के प्रसार में अहम भूमिका निभाता है। हमारी नर्व सेल्स में एन-मिथाइल-डी-एस्पार्टेट (NMDA) रिसेप्टर्स होते हैं और मैग्नीशियम इनके लिए गेटकीपर का काम करता है। ये रिसेप्टर्स मस्तिष्क के विकास, मैमोरी और भी कुछ नया सीखने के काम में मदद करते हैं।
अगर इन रिसेप्टर्स के पास कोई ऐसा मैसेज आता है, जो बहुत जरूरी नहीं है तो मैग्नीशियम ही इन्हें ट्रिगर होने से रोकता है। अगर शरीर में मैग्नीशियम की कमी हो तो नर्व सेल्स ज्यादा उत्तेजित रहती हैं और उत्तेजना में डैमेज भी हो सकती हैं। इससे मस्तिष्क को नुकसान हो सकता है।
हेल्दी हार्ट बीट के लिए जरूरी है मैग्नीशियम
दिल की धड़कन स्वस्थ बनाए रखने में मैग्नीशियम महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक यह काम कैल्शियम और मैग्नीशियम मिलकर करते हैं। जब हमारे हार्ट की मसल्स सेल में कैल्शियम जाता है तो इन्हें संकुचित करता है, जबकि मैग्नीशियम इसके विपरीत इन्हें फिर से पुरानी स्थिति में लेकर आता है। हमारी हार्ट सेल्स में कैल्शियम और मैग्नीशियम की यह गति ही दिल की धड़कन को स्वस्थ बनाए रखती है।
अगर मैग्नीशियम का सेवन कम करेंगे तो अकेले कैल्शियम इन सेल्स को अधिक संकुचित कर सकता है। इससे दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है, जो जानलेवा भी हो सकती है।
मैग्नीशियम के हेल्थ बेनिफिट्स
अगर प्रतिदिन मैग्नीशियम की रिकमंडेड मात्रा ली जाए तो शरीर स्वस्थ रहता है।
नीचे ग्राफिक में देखिए मैग्नीशियम के हेल्थ बेनिफिट्स।
मैग्नीशियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखता है
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया भर में करीब 160 करोड़ लोग हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे हैं।
- दिलचस्प बात यह है कि नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक स्टडी के मुताबिक शरीर में मैग्नीशियम की संतुलित मात्रा होने से ब्लड प्रेशर कम हो सकता है।
- इसी स्टडी में पता चला कि हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे जो लोग प्रतिदिन 450 मिलीग्राम मैग्नीशियम खा रहे थे, उनके सिस्टोलिक और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर में क्रमशः 20.4 और 8.7 की गिरावट देखी गई।
दिल की बीमारियों का खतरा टलता है
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक जिन लोगों में मैग्नीशियम का स्तर सबसे कम था, उनमें हार्ट डिजीज के कारण मृत्यु का जोखिम सबसे अधिक था। जबकि इसके ठीक विपरीत मैग्नीशियम की पूर्ति होने पर हार्ट डिजीज का जोखिम कम होता गया। मैग्नीशियम में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है और यह ब्लड क्लॉट्स बनने से भी रोकता है। इसके अलावा हार्ट मसल्स को आराम करने का मौका देता है।
खाने की इन चीजों में होता है सबसे ज्यादा मैग्नीशियम
मैग्नीशियम हमारे शरीर के लिए क्यों और कितना जरूरी है, किस उम्र में हमारे शरीर को कितने मैग्नीशियम की जरूरत होती है, ये सारी बातें जानने के बाद अगला सबसे अहम सवाल ये है कि मैग्नीशियम की जरूरत को पूरा करने के लिए किन-किन चीजों का सेवन करें।
तो नीचे ग्राफिक में देखिए कि किन फूड आइटम्स में कितना मैग्नीशियम होता है और शरीर में इसका संतुलन बनाए रखने के लिए इन चीजों को अपनी डेली डाइट में जरूर शामिल करिए।