घर वहीं बनाएं जहां नगर निगम हर सुविधा पहुंचाए

शहर के मास्टर प्लान को जानें, घर वहीं बनाएं जहां नगर निगम हर सुविधा पहुंचाए
शहर में 2035 का मास्टर प्लान लागू हो चुका है। शहर का विस्तार किस तरह से हो उसमें कौन-कौन सी सुविधाओं और बातों का ध्यान रखा जाए इसका जिक्र है। यदि आप किसी कालोनी में घर बनाने जा रहे हैं तो एक बार मास्टर प्लान को जरूर जानें।
Hello Naidunia: शहर के मास्टर प्लान को जानें, घर वहीं बनाएं जहां नगर निगम हर सुविधा पहुंचाए
  1. शहर में 2035 का मास्टर प्लान लागू हो चुका है
  2. मास्टर प्लान में लोगों से जुड़ी सुविधाओं और बातों का ध्यान रखा जाएगा
यह कहना था टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के ज्वाइंट डायरेक्टर कृष्णकांत कुशवाह का। जिन्होंने हेलो नईदुनिया कार्यक्रम में पाठकों के सवालों का जवाब देते हुए कही। कुशवाह ने कहा कि घर वहीं बनाना चाहिए जहां पर आपको नगर निगम से सभी प्रकार की सुविधाएं मिल सकें। इसी तरह से मैरिज गार्डन, बैंकेट हाल या फिर होटल धर्मशाला खोल रहे हैं तो नगर निगम और टीएंडसीपी से अनुमति लें। जहां पर भी घर ले रहे हैं तो आप एक बात का ध्यान रखें कि जिस कालोनी में घर बनवा रहे हैं वहां पर सड़क की चौड़ाई कम से कम साढ़े सात मीटर हो, लेकिन कालोनी की लंबाई के हिसाब से सड़क की चौड़ाई भी बढ़ी हो और दस फीसद स्थान पर पार्क हो मिलाकर मास्टर प्लान में पास हो।
हेलो  टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के ज्वाइंट डायरेक्टर कृष्णकांत कुशवाह ने सवालों के दिए जवाब

प्रश्न: एक हेक्टेयर का कार्यालय प्लाट है शापिंग काम्प्लेक्स बनाना चाहती हूं तो क्या करना चाहिए। अल्का, लश्कर

जवाब: आपका जो प्लाट है वह मास्टर प्लान के अनुरूप डेवलप करना होगा। 40 प्रतिशत क्षेत्र को कवर्ड कर सकते हैं बाकी के 60 प्रतिशत क्षेत्र में आप क्लब हाउस आदि बना सकते हैं। भूमि विकास नियम 2012 के 42 के हिसाब से रोड की चौड़ाई, ऊंचाई के हिसाब से डेवलप करने दिया जाता है।

प्रश्न: पुरानी छावनी क्षेत्र में एक कच्ची कालोनी में दो प्लाट बनवा रहा हूं। उसके लिए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से परमिशन लेना है तो क्या करना होगा। बंटी सिकरवार

जवाब: कच्ची कालोनी में टीएंडसीपी एवं नगर निगम भवन बनाने के लिए अनुमति नहीं देता। जिस स्थान का टीएंडसीपी से ले आउट पास है वहां पर नगर निगम भवन निर्माण की अनुमति देता है। यदि जिस स्थान का भूमि उपयोग मास्टर प्लान के हिसाब से आवासी है तो टीएंडसीपी आपको विकास अनुज्ञा दे सकता है। लोगों में भ्रम है कि एग्रीकल्चर भूमि का डायवर्जन आवासीय या वाणिज्य में करा लेते हैं तो ऐसी भूमियों पर टीएंडसीपी एवं नगर निगम परमिशन नहीं देता।

प्रश्न: टीएंडसीपी से अनुमति से कैसे ले सकते हैं। अरविंद सिंह, ग्वालियर

जवाब: आवासीय क्षेत्र में विकास शुल्क साढ़े सात रुपये प्रति स्क्वायर मीटर और वाणिज्य के लिए 15 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर के हिसाब से शुल्क लिया जाता है। अनुमति के लिए किसी भी आर्केटेक्ट/ प्लानर के द्वारा टीएंडसीपी के आनलाइन पोर्टल डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.डीटीसीपी.एमपी.जीओव्ही.इन/अल्पास पर एप्लाई करें। 15 से 20 दिन में विकास अनुज्ञा अनुमति प्राप्त कर सकते हैं।

प्रश्न: शहर के नजदीक ही मेरे पास दो बीघा जमीन है। मैं उस पर मैरिज गार्डन खोल सकता हूं क्या तो मुझे अनुमति कैसे मिलेगी। राजू शर्मा, कंपू

जवाब: मैरिज गार्डन खोलने के लिए एक लाख वर्ग मीटर जगह की आवश्यकता होती है, जो पांच बीघा जमीन के बराबर है। यदि ढाई बीघा जमीन हो तो आप मांगलिक कार्य के उपयोग में ले सकते है उसके लिए अनुमति मिल जाएगी। अनुमति आपको टीएंडसीपी के साथ नगर निगम से भी लेना अनिवार्य है ।

प्रश्न: गुढ़ागुढ़ी का नाके पर एक कच्ची कालोनी कट रही है उसमें प्लाट लेना चाहिए। राहुल पांडे, गुढ़ागुढ़ी का नाका

जवाब: कच्ची कालोनी मतलब अवैध कालोनी होती है। कच्ची कालोनी में नगर निगम से मिलने वाली सुविधाओं का अभाव रहेगा। आपको परेशानियों का सामना हमेशा करना पड़ेगा और जगह अवैध होने से शासन इसके खिलाफ कभी भी एक्शन ले सकती है और बने हुए घर तोड़ सकती है।

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