इंदौर की ओरिएंटल यूनिवर्सिटी में रैगिंग!
जूनियर को मोबाइल पर बात करते देख सीनियर्स बोले- हमारे सामने ये सब नहीं चलेगा; पिटाई की
इंदौर में ओरिएंटल यूनिवर्सिटी में रैगिंग का मामला सामने आया है। बीफार्म में सेकेंड ईयर के स्टूडेंट की सीनियर्स ने इस बात पर रैगिंग ली कि वह उनके सामने मोबाइल पर बात कर रहा था। सीनियर्स को यह नागवार गुजरा। उन्होंने उसे कहा कि हमारे सामने यह सब नहीं चलेगा। पहले रैगिंग ली, इसके बाद कॉलेज से बाहर निकलते ही घेरकर पिटाई की। स्टूडेंट इतना डरा हुआ है कि आरोपियों के खिलाफ खुलकर बात करने में भी घबरा रहा है। छात्र ने पुलिस में शिकायत करने की बात जरूर कही है। रजिस्टार प्रदुम्न यादव का कहना है कि उन तक मामला नहीं आया है। आने पर कार्रवाई की जाएगी।
मूल रूप से सतना का रहने वाला शुभम यहां इंदौर में करोलबाग में किराए से रहकर बीफार्म सेकंड ईयर की पढ़ाई कर रहा है। वह अरबिंदो अस्पताल के पास ओरिएंटल यूनिवर्सिर्टी में पढ़ता है। शुभम को घायल हालत में एमवाय ले जाया गया था। उसका आरोप है कि वह कॉलेज कैंपस में मोबाइल पर बात कर रहा था, तभी सीनियर्स पहुंचे और उन्होंने झाड़ते हुए उसे धमकाया कि तू हमें देखकर भी मोबाइल पर बात करना बंद नहीं कर रहा। टीचर्स के आने पर वे चले गए, पर उसे कॉलेज के बाहर घेरकर पिटाई की।
सीनियर्स बोले- हमारे सामने जूनियर मोबाइल पर बात नहीं कर सकते
शुभम ने अपने सीनियर हिमांशु भारद्वाज और उसके साथियों पर मारपीट का आरोप लगाया है। शुभम का कहना है कि मंडे की शाम क्लास खत्म होने के बाद वह कैंपस के बाहर निकला, तभी हिमांशु और उसके 10-12 साथियों ने उसे बुरी तरह पीटा। हिमांशु का कहना था कि सीनियर के सामने जूनियर मोबाइल पर बात नहीं कर सकते।
ये व्यवहार रैगिंग माना जाता है
- 1). अगर संस्थान या हॉस्टल में किसी स्टूडेंट (छात्र या छात्रा) को उसके रंगरूप या पहनावे के आधार पर टिप्पणी की जाए और उसके स्वाभिमान को आहत किया जाए। उसे अजीबोगरीब नाम लेकर पुकारने और प्रताड़ित करने को भी रैगिंग की श्रेणी में आता है।
- 2). किसी स्टूडेंट को उसकी क्षेत्रीयता, भाषा या जाति के आधार पर अपमानजनक नाम लेकर पुकारना और प्रचलित करना भी रैगिंग की श्रेणी में आता है।
- 3). स्टूडेंट की नस्ल या पारिवारिक अतीत या आर्थिक पृष्ठभूमि को लेकर उसे लज्जित करना और अपमान करना रैगिंग माना जाता है।
- 4). छात्राओं खासकर नई छात्राओं को अजीबोगरीब नियमों के तहत परेशान करना या अपमानजनक टास्क देना भी रैगिंग माना जाता है।
- 5). UGC ने स्पष्ट कहा है कि यदि धर्म, जाति या क्षेत्रीयता के आधार पर किसी छात्र को मजाक से भी अपमानजनक लगता है तो उसे रैगिंग की श्रेणी में माना जाता है।
क्या मिल सकता है दंड
अगर कॉलेज रैगिंग की शिकायत करने वाले छात्रों की मदद नहीं करेगा तो पीड़ित UGC के पास शिकायत कर सकता है। दोषियों पर रैगिंग रेग्यूलेशन एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है। रैगिंग के खिलाफ सबसे कड़ी सजा दोषी को तीन साल तक सश्रम कैद है। रैगिंग विरोधी कानून की बात की जाए तो अब किसी भी कॉलेज में रैगिंग एक बड़ा अपराध है। रैगिंग का दोष साबित होने पर दोषी छात्रों को तो सजा मिलेगी ही, साथ ही संबद्ध कॉलेज पर भी कार्रवाई और उस पर आर्थिक दंड भी लगाया जा सकता है।