ग्वालियर: हर रात हादसा,..फिर भी सो रही पुलिस ?
“रफ्तार” से खूनी सड़कें छीन रहीं “लाल”
शहर की सड़कें खून से लाल हो रही हैं..क्योंकि हर रोज तेज रफ्तार और नशे की वजह से सड़क हादसे हो रहे हैं। सड़कों पर रफ्तार कहर बरपा रही है, खुलेआम शराब पीकर गाड़ी दौड़ाने वाले निर्दोषों की जान ले रहे हैं।
हर रात हादसा,..फिर भी सो रही पुलिस
- नशा करने वालों पर नहीं हो रही सख्ती
ग्वालियर: शहर की सड़कें खून से लाल हो रही हैं..क्योंकि हर रोज तेज रफ्तार और नशे की वजह से सड़क हादसे हो रहे हैं। सड़कों पर रफ्तार कहर बरपा रही है, खुलेआम शराब पीकर गाड़ी दौड़ाने वाले निर्दोषों की जान ले रहे हैं। बेखौफ रात को सड़कों पर 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से भी अधिक रफ्तार में गाड़ियां दौड़ाते हैं, क्योंकि रात में पुलिस सोती है। पुलिस का डंडा चलता है तो सिर्फ सीट बेल्ट न लगाकर 30 से 40 किमी की गति पर दिन में चलने वाले कार चालकों पर या फिर शहर की भीड़ भरे बाजार में बिना हेलमेट चलने वाले दो पहिया वाहन चालकों पर। जब तक रात में सड़कों पर उतरकर पुलिस नशा कर तेज रफ्तार में कार दौड़ाने वालों पर सख्ती नहीं करेगी, यह हादसे नहीं रुकेंगे। हाल ही में शहर में एक के बाद एक 10 ऐसे हादसे हुए, जिनमें लोगों की दर्दनाक मौत हुई। इसके बाद भी न तो थाने वाले रात में कार्रवाई के लिए सड़कों पर उतरे और ट्रैफिक पुलिस तो रात आठ बजे के बाद नजर ही नहीं आती।
रात में शहर के सिटी सेंटर में पटेल नगर, कैलाश विहार, सचिन तेंडुलकर मार्ग, कलेक्ट्रेट रोड, झांसी रोड, विक्की फैक्ट्री, शिवपुरी लिंक रोड, छप्परवाला पुल, ईदगाह, कैंसर पहाड़ी, रेसकोर्स रोड, मेला ग्राउंड के पीछे, भिंड रोड ऐसे इलाके हैं। जहां खुलेआम शराबखोरी होती है। यहां कार के अंदर लोग शराब पीते हैं। इन पर सख्ती की जरूरत है। फिर नशे में गाड़ी चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जरूरत है। अगर इन पर कार्रवाई हो तो पुलिस का खौफ लोगों में होगा और लोग नशे में गाड़ी चलाने से परहेज करेंगे। पुलिस इनके कोर्ट चालान बनाए, जिससे गाड़ियां जब्त होंगी। चौराहों पर रात नौ बजे के बाद रफ्तार में गाड़ी दौड़ाने वालों पर कार्रवाई: रात नौ बजे के बाद जब सड़कें सूनी हो जाती हैं तो रफ्तार में गाड़ियां दौड़ने लगती हैं। संकरे रास्तों पर भी कार तेज रफ्तार में निकलती हैं, गलत साइड पर कार दौड़ती नजर आती हैं। इन पर सख्ती से लगातार कार्रवाई हो जाए। चौराहों पर चेकिंग प्वाइंट लग जाए तो रफ्तार पर ब्रेक लग सकता है। रफ्तार में गाड़ी दौड़ाने वालों के लगातार चालान होंगे, गाड़ियां जब्त होंगी तो इनमें पुलिस का खौफ होगा।
लगातार बढ़ रहे हादसे
वर्ष कुल हादसे मौत
2020 1799 235
2021 1830 242
2022 2057 306
2023 1896 308
यह दुखद हादसे… हाल ही में पीएचइ्र में इंजीनियर के इकलौते बेटे की जान चली गई
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- विक्की फैक्ट्री चौराहे पर तेज रफ्तार एक्सयूवी की वजह से पीएचई के सहायक यंत्री शिशिर श्रीवास्तव के इकलौते बेटे वारिद श्रीवास्तव और उसके दोस्त ऋषभ सिंह जाट की मौत हो गई। गाड़ी इनका ही दोस्त मोहित चौहान चला रहा था, जो नशे में गाड़ी दौड़ा रहा था।
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- माधौगंज चौराहे के पास तेज रफ्तार कार ने पूरे परिवार को ही टक्कर मार दी। इसमें घायल वृद्धा तो अब तक चलने-फिरने में असमर्थ हैं। पुतली घर रोड पर तेज रफ्तार केटीएम बाइक मोड़ पर अनियंत्रित हो गई। बाइक 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में थी। हादसे में बाइक चालक सत्यम पुत्र इंदल सिंह निवासी गोरमी की मौत हो गई।
इन दर्दनाक मौत के जिम्मेदारों पर सिर्फ एफआइआर
सड़क हादसे में दूसरों की मौत के जिम्मेदारों पर पुलिस ने एफआइआर कर ली। एफआइआर करने के बाद इनकी गिरफ्तारी भी नहीं हो सकती, क्योंकि जिस धारा में एफआइआर होती है वह जमानती है। इसलिए एफआइआर से कोई सबक नहीं मिला। ऐसी घटनाओं के होने के बाद एफआइआर तो हो गई लेकिन ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए इंतजाम पुलिस ने कुछ भी नहीं किए।
शहर में रात के समय हो रहे हादसों को रोकने के लिए अब सख्ती की जाएगी। बाकायदा चेकिंग प्वाइंट लगाकर शराब पीने वाले, शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले, तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। गाड़ियां जब्त की जाएंगी। इन पर एफआइआर तक कराई जाएगी।
आइजी।