जेयू में 66 पद खाली, सिर्फ 27 पर निकाली वैकेंसी

जेयू में 66 पद खाली, सिर्फ 27 पर निकाली वैकेंसी
12 साल में तीसरी भर्ती संकट में, क्योंकि…जो विभाग है ही नहीं, उसी के नाम से निकाल दी वैकेंसी

जीवाजी यूनिवर्सिटी ने विभिन्न विभागों में 27 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती का विज्ञापन 10 मार्च को जारी किया था, उसमें आवेदन भी जमा किए जा चुके हैं लेकिन अब इसमें नई गड़बड़ी सामने आई है। जिस विभाग का नाम 15 साल पहले यानि 2009 में बदला जा चुका है अब उसी विभाग के नाम से विज्ञापन निकाल दिया गया है। ऐसा करने से रोस्टर (आरक्षण के अनुसार पद वितरण) गड़बड़ा गया है।

इस गड़बड़ी की वजह से भर्ती प्रक्रिया लटक सकती है। इससे पहले भी दो बार विज्ञापन निकाला जा चुका है लेकिन रोस्टर तथा अन्य छोटी-छाेटी खामियों की वजह से उन विज्ञापनों को निरस्त करना पड़ा। 12 साल बाद असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती की उम्मीद थी लेकिन अब यह मामला भी लटक सकता है।

2015 के बाद तीसरी बार विज्ञापन निकाला

शिक्षक भर्ती की कोशिश में 2015 के बाद से अब तक तीसरी बार विज्ञापन निकाला गया है। दो बार मामला न्यायालय में जाने की वजह से भर्ती नहीं हो पाई थी। इस बार सिर्फ असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था, लेकिन इसमें संख्या 2021 में निकाले गए विज्ञापन से भी कम है। उस समय 29 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती के प्रक्रिया शुरू की गई थी, उसके साथ ही प्रोफेसर के 14 और एसोसिएट प्रोफेसर के 22 पदों पर भर्ती निकाली गई थी। लेकिन इस बार सिर्फ 27 असिस्टेंट प्रोफेसरों के पदों पर ही भर्ती की जा रही है।

यह हुई गड़बड़ी, अब संज्ञान में आई तो हड़कंप

10 मार्च को जारी किए गए विज्ञापन के अनुसार पहले नंबर पर एडल्ट एजुकेशन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के एक पद पर भर्ती निकाली गई है। यह भर्ती रोस्टर के अनुसार अनुसूचित जनजाति (एसटी) के खाते में गई है। वर्ष 2009 में एक अधिसूचना जारी की गई थी, इसमें लिखा गया था कि विश्व विद्यालय अनुदान आयोग से प्राप्त 11 वीं पंचवर्षीय योजना के दिशा-निर्देशों के आधार पर यूनिवर्सिटी में संचालित सतत् शिक्षा अध्ययनशाला (इसे एडल्ट एजुकेशन कहा जाता था) का नाम परिवर्तित कर आजीवन शिक्षा प्रसार एवं समाजकार्य अध्ययनशाला कर दिया गया।

ऐसे समझें कानूनी पेंच

  • अब विभाग के वर्तमान नाम से विज्ञापन जारी किया जाता है अथवा बदलाव किया जाता है तो पदों के अनुसार रोस्टर (आरक्षण के अनुसार पदों का वितरण) में बदलाव होगा और अभी विभाग की जो एक असिस्टेंट प्रोफेसर की पोस्ट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है वह किसी और वर्ग के लिए जा सकती है।
  • सभी पदों का विज्ञापन एक साथ जारी किया गया है ऐसी स्थिति में अगर एक विभाग के पद जारी करने में गलती हुई है और इसकी वजह से बदलाव होता है तो पूरा विज्ञापन निरस्त करना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में भर्ती प्रक्रिया निरस्त होगी अथवा इसमें देरी होगी।
  • इससे पहले भी दो बार रोस्टर की वजह से न्यायालय में भर्ती का मामला पहुंच चुका है। अब तीसरी बार भी यही स्थिति बन रही है।

अभी इन पदों पर भर्ती

जीवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन ने अभी जो 27 पदों पर भर्ती निकाली गई है उसमें 7 पद अनारक्षित, 8 पद अनुसूचित जनजाति के लिए, 6 पद अनुसूचित जाति के लिए और 6 पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निकाले गए हैं। ये पद पिछली पदों से कम हैं।

ऐसे निकले पुराने विज्ञापन, बदली संख्या

जेयू में 2015 से अब तक निकाले गए भर्ती विज्ञापनों में पदों की संख्या लगातार बदलती रही है। इसकी वजह कभी रोस्टर बताया जा रहा है तो कभी विभागों में छात्रों की संख्या। 2015 में प्रोफेसर के 13, एसोसिएट प्रोफेसर के 13 तथा असिस्टेंट प्रोफेसर के 21 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। 2021 में प्रोफेसर के 14, एसोसिएट प्रोफेसर के 22 तथा असिस्टेंट प्रोफेसर के 29 पदों पर भर्ती प्रक्रिया की गई थी, जो निरस्त हो गई। वर्ष 2022 में बैकलॉग पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया था, यह भी निरस्त हो गई।

गैर शैक्षणिक पदों पर भर्ती

गैर शैक्षणिक पद डायरेक्टर फिजिकल एजुकेशन, असिस्टेंट डायरेक्टर ​फिजिकल एजुकेशन और लाइब्रेरियन तथा असिस्टेंट लाइब्रेरियन के पदों पर भर्ती निकाली गई थी। इन पदों पर आवेदन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है स्क्रूटनी चल रही है आचार संहिता समाप्त होने के बाद इन पदों पर भर्ती की उम्मीद है।

मामले का परीक्षण कराया जा रहा है

विभागाध्यक्ष ने नोटशीट के जरिए विभाग के नाम परिवर्तन संबंधी यह तथ्य ध्यान में लाया है, इसका परीक्षण कराया जा रहा है। परीक्षण के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
….रजिस्ट्रार, जीवाजी यूनिवर्सिटी

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