छलावा है BJP का ऑर्थिक मॉडल ?
‘छलावा है BJP का ऑर्थिक मॉडल’, अर्थशास्त्री परकला प्रभाकर ने कहा- मोदी का तीसरा कार्यकाल होगा ‘विनाशक’
अर्थशास्त्री परकला प्रभाकर ने हाल ही में एबीपी देशम को दिए इंटरव्यू में मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अगर मोदी सरकार एक बार फिर आती है तो देश में स्वतंत्र तरीके से चुनाव नहीं होंगे.
भारत में लोकसभा चुनावों की प्रक्रिया चल रही है. 7 चरणों के मतदान में तीन चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है. चौथे चरण के लिए कल यानी 13 मई को 12 राज्यों में वोट डाले जाएंगे. इसी बीच एबीपी देशम को राजनीतिक अर्थशास्त्री परकला प्रभाकर ने इंटरव्यू दिया है जिसमें उन्होंने मोदी सरकार और 18वीं लोकसभा चुनाव के बारे में बातें की.
परकला प्रभाकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी सरकार पर पूछे गए कई सवालों का जवाब दिया. उन्होंने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि बीजेपी तीसरी बार सत्ता में आती है तो यह किसी आपदा (Disaster) से कम नहीं होगा.
प्रभाकर ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार एक बार फिर आती है तो देश में स्वतंत्र तरीके से चुनाव नहीं होंगे. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को तानाशाह करार देते हुए कहा कि अगर इनकी पार्टी जीत जाती है तो मुझे लगता है कि अगले चुनावों में हमारे पास रूस और उत्तर कोरिया जैसे चुनाव परिणाम होंगे, जहां सत्तारूढ़ दल को 95% वोट मिलते हैं.”
दरअसल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति परकला प्रभाकर पहले भी कई बार मोदी सरकार की आलोचना कर चुके हैं. वह प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के आलोचक हैं और उन्होंने इस इंटरव्यू में भी वर्तमान सरकार के प्रदर्शन की निंदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अपने कार्यकाल के दौरान आर्थिक संकट से लेकर सामाजिक अशांति तक, सभी पहलुओं में विफल रही है. परकला प्रभाकर ने इस इंटरव्यू के दौरान देश को परेशान करने वाले विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डाला और इसके लिए सीधे तौर पर मोदी प्रशासन की नीतियों और कार्यों को जिम्मेदार ठहराया है.
क्या इस बार भी भारी बहुमत से एनडीए सत्ता में आएगी?
इस सवाल पर संदेह व्यक्त करते हुए पराकार ने भविष्यवाणी की कि इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी 220-230 सीटों के आंकड़े को पार नहीं कर पाएगी.
इसी भविष्यवाणी के बाद पराकार कहते हैं, “मोदी के शासन में, भारतीय अर्थव्यवस्था आजादी से पहले के स्तर पर पहुंच गई है. सरकार ने वादा किया था कि वह देश के अर्थव्यवस्था को समृद्धि करेंगे लेकिन, उन्होंने इस वादे को पूरा नहीं किया.
सामाजिक ताने बाने में कमी
प्रभाकर ने मोदी के नेतृत्व में भारत के सामाजिक ताने-बाने में कमी पर भी प्रकाश डाला और बढ़ते सांप्रदायिक तनाव और ध्रुवीकरण को देश के अराजकता की ओर बढ़ने का खतरनाक संकेतक बताया.
पराकार कहते हैं कि भाजपा की पिछली जीत भ्रष्टाचार के खिलाफ कहानी और यूपीए-2 सरकार के प्रति असंतोष के साथ-साथ शिक्षित मध्यम वर्ग के बीच मोदी की मजबूत छवि से प्रेरित थी. लेकिन इस बार इस पार्टी की चुनावी किस्मत 230 सीटों से अधिक होने की संभावना नहीं है.
उन्होंने कहा कि इसका सबसे प्रमुख कारण ये माना जा रहा है कि पार्टी ने जो वादे किए थे उसे पूरा करने में सफल नहीं हो पाई. इस चुनाव के मिडिल क्लास लोगों की भावना में एक विपरीत बदलाव देखा गया है. उन्होंने कहा, “भारतीय मध्यम वर्ग मोदी के प्रदर्शन से बेहद निराश है.”
भाजपा का आर्थिक मॉडल एक भ्रम है
प्रभाकर ने इस इंटरव्यू के दौरान “प्राचीन गौरव और रंगीन भविष्य” पर जोर देकर वर्तमान समस्याओं से जनता का ध्यान हटाने की बीजेपी की रणनीति की भी जमकर आलोचना की. उन्होंने कहा, “बीजेपी ने देश की जनता के बीच लगातार गौरवशाली अतीत और एक आशाजनक भविष्य की तस्वीरें खींची हैं, जो प्रभावी रूप से वर्तमान समस्याओं से ध्यान भटका रही हैं.”
भाजपा के आर्थिक मॉडल का स्पष्ट मूल्यांकन करते हुए, प्रभाकर ने सरकार के आर्थिक विकास और दलितों के उत्थान के दावों पर गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने बीजेपी पर आर्थिक सफलता की “झूठी कहानी” बनाने के लिए आंकड़ों में हेरफेर करने का आरोप लगाया है. प्रभाकर ने सरकार के दावों की विश्वसनीयता को चुनौती देते हुए कहा, “बीजेपी अपने एजेंडे के अनुरूप संख्याओं को तोड़-मरोड़ रही है.”
उन्होंने कहा कि आधिकारिक आंकड़ों और जमीनी हकीकत के बीच जमीन आसमान का अंतर है. प्रभाकर ने कहा कि अगर देश में गरीबी सचमुच कम हुई है, जैसा कि बीजेपी का दावा है, तो हम 83 करोड़ लोगों, यानी आबादी के इतने बड़े हिस्से, को खाद्यान्न क्यों बांट कर रहे हैं?”
इसके अलावा, प्रभाकर ने वैश्विक स्तर पर भारत की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के बावजूद प्रति व्यक्ति आय में महत्वपूर्ण वृद्धि की कमी पर चिंता जताई. उन्होंने सवाल उठाया कि अगर भारतीय अर्थव्यवस्था सचमुच चमक रही है, तो प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि क्यों नहीं हो रही है?
इलेक्टोरल बॉन्ड: दुनिया का सबसे बड़ा स्कैम
प्रभाकर ने चुनावी बांड योजना को “दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला” करार दिया, और सरकार पर राजनीतिक फंडिंग की आड़ में “जबरन वसूली” रणनीति में शामिल होने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि सरकार जानबूझकर उद्योगपतियों को धमका रही है और चुनावी बांड योजना के जरिए पैसे वसूल रही है.”
अर्थशास्त्री ने विवादास्पद चुनावी बांड योजना पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर सरकार की प्रतिक्रिया पर निराशा व्यक्त की. उन्होंने कहा, “इस सरकार को चुनावी बांड पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों पर शर्म आनी चाहिए।” उन्होंने कहा, “अगर उनमें ईमानदारी है, तो उन्हें सरकार छोड़ देनी चाहिए. “
जान से मारने की धमकी
प्रभाकर ने इसी इंटरव्यू में यह भी खुलासा किया कि नरेंद्र मोदी के खिलाफ मुखर होने के कारण उन्हें जान से मारने की धमकी वाले कॉल का सामना करना पड़ता है. उन्होंने गुजरात में एक मीटिंग आयोजित करने के दौरान हुई परेशानियों की कहानी सुनाते हुए कहा, “मेरे शुभचिंतकों ने सुझाव दिया था कि मैं गुजरात न आऊं क्योंकि उन्हें जानकारी मिली थी कि उस बैठक में मुझ पर हमला हो सकता है. ” हालांकि, प्रभाकर ने बावजूद इसके अहमदाबाद की अपनी यात्रा रद्द नहीं की. इस यात्रा के दौरान वह उस बैठक में शामिल भी हुए और मोदी शासन के खिलाफ बात भी की.
आंध्र प्रदेश के एक राजनीतिक परिवार से आने वाले सामाजिक-राजनीतिक टिप्पणीकार प्रभाकर ने अतीत में भाजपा के साथ मिलकर काम किया है. हालाँकि, पिछले कई वर्षों से वह नरेंद्र मोदी की नीतियों के मुखर आलोचक रहे हैं.