भोपाल … पांच माह में 743 वाहन चोरी ?
शहर में बढ़ रहा वाहन चोरियों का ग्राफ, पांच माह में 743 वाहन चोरी
इस साल सूने मकानों में सेंधमारी और सादा चोरी समेत, सवा चार सौ एफआइआर दर्ज। क्राइम ब्रांच, थानों की पुलिस पड़ी सुस्त। मिसरोद, कोलार जैसे इलाकों में सक्रिय हैं बाहरी गिरोह।
भोपाल। राजधानी में वाहन चोरी की घटनाओं का ग्राफ एक बार फिर से बढ़ रहा है। इस साल जनवरी से लेकर मई तक लोगों के 743 वाहन चोरी हो चुके हैं। इसके अलावा मकानों में सेंधमारी की 277 घटनाओं के साथ 242 चोरी की घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं। हाल के दिनों में हमीदिया अस्पताल, बागसेवनिया स्थित एम्स के पार्किंग स्थल वाहन चोरी के हाटस्पाट बनकर उभरे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि चोरी की घटनाएं सीसीटीवी में कैद होने के बाद भी चोर गिरोह की गिरफ्तारी तो छोड़ दीजिए, वह उनकी पहचान तक नहीं पुलिस नहीं कर पा रही है। मिसरोद और कोलार में आठ-दस सदस्यों का एक बड़ा गिरोह सक्रिय है। यह गिरोह छह मकानों को अपना निशाना बना चुका है। लेकिन पुलिस चुप्पी साधकर बैठी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस समय शहर में बाहरी गिरोह सक्रिय होकर वारदात कर रहा है। पुलिस की टीमें उनके पीछे लगी हैं।
क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के मुताबिक इन दिनों बाहरी गिरोह भोपाल में सक्रिय होकर वारदात कर रहे हैं, उनकी पहचान करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन दिक्कत यह आ रही है कि पुलिस कमिश्नरी में अलग-अलग जोन बन जाने के बाद संबंधित थाने की पुलिस थाने खुद ही जांच कर रही है और अब क्राइम ब्रांच को सीधे उनके क्षेत्र के आपराधिक प्रकरण में दखल देने में व्यावहारिक समस्याएं आती है। वह खुद ही सूने मकान में चोरी , सादा चोरी और वाहन चोरी के जांच कर रही है। आरोपितों को पकड़कर क्राइम ब्रांच उनको ही सौंपना पड़ता है, जबकि पहले क्राइम ब्रांच खुद पूछताछ करती तो आरोपित कई अहम जानकारी देते थे। थाने में इस प्रकार के अपराधों की जांच के अलावा ला एंड आर्डर की ड्यूटी भी रहती है। उसके अलावा रोजाना लोगों के काम भी रहते हैं। इस कारण उनको फोकस ज्यादा नहीं रह पता है।
वाहन चोर बाइक पर तीन लोगों की सवारी करके शहर में घुसते हैं, छात्र या युवा पेशेवर की ड्रेस पहनकर और दोपहिया वाहन चुराकर भाग जाते हैं। एमपी नगर और टीटी नगर जैसे बाजार क्षेत्रों में पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं की है, जिससे ग्राहक असुरक्षित हैं। बस में मोबाइल फोन चोरी और चेन स्नेचिंग के मामलों में भी वृद्धि हुई है। चोर भीड़भाड़ वाले बाजारों, लो-फ्लोर बसों और साप्ताहिक हाटों में लोगों को निशाना बना रहे हैं। मोबाइल छीनने की अधिकांश वारदातें ‘मोबाइल गुमा’ के तौर पर दर्ज की जा रही हैं
24 घंटे में पांच लाख के वाहन चोरी
राजधानी में पिछले 24 घंटे में पांच लाख कीमत के नौ वाहन चोरी हो चुके हैं। इसके अलावा कटारा हिल्स , गांधीनगर और चूनाभट्टी में सूने मकानों के ताले तोड़कर लाखों रुपये कीमत का सामान चुरा लिया गया है। इन वारदात में पुलिस के खाली हाथ है
चोरी की वारदात करने वाले पूर्व में अधिकांश गिरोह गिरफ्तार किए गए हैं। बाकी आरोपितों पर पुलिस काम कर रही है। जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
– श्रद्धा तिवारी, डीसीपी,
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