शताब्दीपुरम में जिन खदानों के गड्ढे … खदानों के भर दिए थे गड्ढे दोबारा कैसे हुए पता नहीं
ठेकेदारों के अजब-गजब जवाब, कहा- खदानों के भर दिए थे गड्ढे दोबारा कैसे हुए पता नहीं
शताब्दीपुरम में जिन खदानों के गड्ढे भरने के लिए कलेक्टर ने खदान पट्टा धारकों को नोटिस जारी किए थे उन्होनें अपने जवाब में अजब-गजब तर्क दिए हैं। ठेकेदारों का कहना है कि उन्होनें गड्ढे भरे तो थे लेकिन फिर कैसे खदानों में दोबारा गड्ढे हो गए, पता नहीं।
- शताब्दीपुरम के पास पत्थर की खदानों के ठेकेदारों ने कलेक्टर के नोटिस के दिए जवाब
- खनिज विभाग जवाब से संतुष्ट नहीं, ठेकेदारों ने नहीं दिए सही तर्क
ग्वालियर। शताब्दीपुरम में जिन खदानों के गड्ढे भरने के लिए कलेक्टर ने खदान पट्टा धारकों को नोटिस जारी किए थे उन्होनें अपने जवाब में अजब-गजब तर्क दिए हैं। ठेकेदारों का कहना है कि उन्होनें गड्ढे भरे तो थे लेकिन फिर कैसे खदानों में दोबारा गड्ढे हो गए, पता नहीं। वहीं गड्ढों के भराव को लेकर यह भी तर्क दिया है उन्हें हाई कोर्ट के निर्देश पर शासन की ओर से जो एक्सटेंशन दिया गया था उसका पालन ही नहीं हुआ। ठेकेदारों ने 22 माह का एक्सटेंशन मिलना बताया है।
अभी कुछ ठेकेदारों की अपील शासन के समक्ष भी चल रही है। खनिज विभाग के अधिकारियों को ठेकेदारों के यह जवाब संतोषजनक नहीं लगे हैं, इसको लेकर अब कलेक्टर रुचिका चौहान के साथ चर्चा की जाएगी। बता दें कि खनिज विभाग के संचालक अनुराग चौधरी ने शताब्दीपुरम खदानों का लेकर ठेकेदारों को गडढे भरने को लेकर आदेश दिए थे। इस सख्ती के बाद ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान ने खदान संचालकों को नोटिस जारी कर कहा था कि वे नियमों के अनुसार खदानों के गड्ढे भरवाएं, जिससे कोई जनहानि न हो। यह भी कहा गया कि अगर ठेकेदारों की ओर से गड्ढे नहीं भरवाए जाते हैं तो ठेकेदारों की संपत्ती कुर्क कर कार्रवाई की जाएगी। शताब्दीपुरम के मऊ इलाके से सटी यह खदानें हैं जिनको लेकर सालों से विवादित स्थिति चली आ रही है।
लगभग 15 साल से इन खदानों के गड्ढे ऐसे ही पड़े हैं। खनिज विभाग पहले भी जारी कर चुका नोटिस: शताब्दीपुरम की खदानों के पटटाधारकों को खनिज विभाग भी पहले नोटिस जारी कर चुका है। दो साल पहले यह नोटिस जारी किए गए थे लेकिन ठेकेदारों ने न कोई संतोषजनक जवाब दिया, न जिला प्रशासन इनपर कार्रवाई कर सका। इस मामले में ठेकेदारों पर जुर्माना भी लगाया जा चुका है। कलेक्टर की ओर से जारी किए गए नोटिस के जवाब में ठेकेदारों ने कहा कि 2018 तक खदान संचालक की अनुमति थी, जिसके बाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद शासन के समक्ष मामला पहुंचा। शासन ने 22 माह का एक्सटेंशन खदानों को चलाने के लिए दिया था लेकिन यह कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी। अब इसी का हवाला ठेकेदारों ने दिया है। इनमें रामनिवास शर्मा, गीता शर्मा, बृजेश शर्मा, कुलदीप गौर व श्याम शर्मा की खदानें हैं।
शताब्दीपुरम में खदानों के गडढे भरने के मामले में नोटिस जारी किए गए थे जिसके बाद ठेकेदारों ने खदान संचालन को लेकर अमल न हो पाने का कारण बताया है और गडढे भरने को लेकर यह भी बताया कि गडढे उनके द्वारा भरवाए गए थे। इसको लेकर वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की जाएगी।
-प्रदीप भूरिया, जिला खनिज अधिकारी, ग्वालियर।