इंदौर : बिना टीएंडसीपी कॉलोनी काटकर बेचने वालों की अब एसडीएम भी करेंगे जांच, होगी कार्रवाई
कलेक्टर ने ली बैठक:बिना टीएंडसीपी कॉलोनी काटकर बेचने वालों की अब एसडीएम भी करेंगे जांच, होगी कार्रवाई
अवैध कॉलोनी बसाने वालों के साथ अब अवैध कॉलोनी में प्लॉट बेचने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। अवैध कॉलोनाइजेशन पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी। कलेक्टर ने अवैध कॉलोनाइजेशन पर रोक लगाने के लिए सोमवार को सभी एसडीएम और अन्य राजस्व अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
सोमवार को बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए जिले में यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी अवैध कॉलोनी की बसाहट नहीं हो। अवैध कॉलोनी बसाने वालों के साथ ही नागरिकों को अवैध प्लॉट बेचने वाले ब्रोकर्स सहित अन्य लोगों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाए। यह ध्यान रखें कि अवैध कॉलोनी में नागरिकों के बसने के पहले ही कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कृषि भूमि को छोटे-छोटे प्लॉट के रूप में विक्रय नहीं होने दें।
यह देखा जाता है कि कृषि भूस्वामियों द्वारा कृषि भूमि को छोटे-छोटे प्लॉट के रूप में विभाजित कर विक्रय कर दिया जाता है। इससे यह प्लॉट अवैध कॉलोनी के रूप में हो जाते हैं। इससे प्लॉटधारकों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं और बड़ी समस्या सामने आती है। एक एकड़ से कम भूमि का पंजीयन प्लॉट के रूप में नहीं किया जाए।
टीएंडसीपी से मंजूर नक्शों की एंट्री खसरों में जरूर हो
विकास अनुमति व टीएंडसीपी से मंजूर खसरों में अनिवार्य एंट्री करें। जगह-जगह रास्तों में ब्रोकरों द्वारा होर्डिंग/गुमटियां/कैनोपी लगाकर लोगों को भ्रमित कर अवैध प्लॉट का विक्रय किया जा रहा है। इस पर रोक लगाएं। ऐसे लोगों से विकास अनुमति व रेरा की अनुमति भी देखें।
रेरा में पंजीकृत एजेंट द्वारा ही कॉलोनियों के प्लॉट की बुकिंग की जा सकती है। नवीन विकास अनुमतियों में रेरा नियमों व ग्राम पंचायत नियम 2014 के प्रावधानों का भी पालन कराया जाए। राजस्व अधिकारी देखें कि किसी भी कॉलोनी में रास्ते संबंधी विवाद नहीं हो। कॉलोनियों एवं ग्रामीणों के मध्य रास्ते संबंधी विवाद का निपटारा किया जाए।