नागरिकता कानून पर केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, प्रदर्शनकारियों से सुझाव मांगे
नई दिल्ली: नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) पर पूरे देश में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए प्रदर्शनकारियों से सुझाव मांगे हैं. प्रदर्शनकारियों के सुझाव पर सरकार विचार करेगी. नागरिकता कानून को लेकर देश के कई हिस्सों में आज भी प्रदर्शन हुए. उत्तर प्रदेश में गोरखपुर, फैजाबाद समेत कई शहरों से हिंसक प्रदर्शन की खबरें हैं.
जुमे की नमाज के बाद लोग सड़कों पर उतरे और नागरिकता कानून का विरोध करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. फिरोजाबाद (Firozabad) में जबरदस्त विरोध हुआ. प्रदर्शनकारियों ने यहां कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया. प्रदर्शनकारियों द्वारा करीब आधा दर्जन मोटर साइकिलों में आग लगा दी गई. हिंसा को देखते हुए लखनऊ, संभल, मेरठ,नोएडा, गाज़ियाबाद, सहारनपुर और अलीगढ़ में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. पूरे राज्य में आज धारा 144 लागू है. संवेदनशील जिले मुरादाबाद में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है. उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा मामले में कई समाजवादी नेताओं पर केस दर्ज किया गया है.
दिल्ली के नागरिकता कानून को लेकर प्रदर्शन
नागरिक संशोधन कानून और NRC के विरोध में दिल्ली के जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक प्रदर्शन जारी है. जामा मस्जिद में जुमे की नमाज़ के बाद मार्च निकला. पुलिस की ओर से सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए अए हैं. प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने दिल्ली के कुछ इलाकों में फ्लैग मार्च किया. पुलिस सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर भी कड़ी नजर रख रही है. आज इंडिया गेट और उसके आस पास दिल्ली पुलिस की एडिशनल फोर्स भी लगाई गई है.
दिल्ली में कांग्रेस की महिला कार्यकर्ताओं ने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में आज गृहमंत्री अमित शाह के घर के बाहर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन की अगुवाई पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने की..पुलिस ने सभी कार्यकर्तओं गिरफ्तार कर लिया. दिल्ली में प्रदर्शन को देखते हुए ड्रोन कैमरों के जरिए निगरानी रखी जा रही है. नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के 14 थानों में से 12 में धारा 144 लगाई गई है. हैदराबाद में नागरिकता कानून के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं। चारमीनार के पास लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया है। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और नागरिकता कानून वापस लेने की मांग की.