दिल्ली में जहां राष्ट्रपति भवन और संसद, वहां भी जल संकट!

दिल्ली में जहां राष्ट्रपति भवन और संसद, वहां भी जल संकट! NDMC बोला- ‘जल बोर्ड ने काटा पानी’
Delhi Water Crisis: दिल्ली बीते कई दिनों से पानी की कमी से जूझ रही है. दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार जल संकट के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटा चुकी है.
Delhi Water Crisis: भीषण गर्मी और हीटवेव से जूझ रही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गहराता जल संकट तेजी से फैलता जा रहा है. दिल्ली के कई हिस्सों के बाद अब लुटियन जोन भी जल संकट की चपेट में आ गया है. लुटियन जोन में जल संकट को लेकर एनडीएमसी के वाइस चेयरपर्सन सतीश उपाध्याय ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास, राष्ट्रपति भवन, संसद, आरएमएल हॉस्पिटल आदि हमारे इलाके में आते हैं.

सतीश उपाध्याय ने कहा कि यहां बहुत बड़ा चैलेंज है. उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड ने हमारा पानी काट दिया है. उन्होंने कहा कि हमने अल्टरनेटिव मैनेजमेंट किया है. उन्होंने बताया कि एनडीएमसी को उसकी जरूरत के हिसाब से 125 MLD की जगह केवल 70 से 80 MLD पानी ही दिल्ली जल बोर्ड दे रहा है.

दिल्ली जल संकट को लेकर राज्य की आम आदमी पार्टी की सरकार और केंद्र सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. आम आदमी पार्टी की ओर से कहा जा रहा है कि बीजेपी शासित राज्य हरियाणा की ओर से पानी नहीं दिया जा रहा है. AAP का कहना है कि हिमाचल प्रदेश से पानी छोड़ा जा रहा है, लेकिन हरियाणा उसे पूरा दिल्ली की ओर नहीं छोड़ रहा है.

इसे लेकर दिल्ली की मंत्री आतिशी ने बुधवार (19 जून) को कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में व्याप्त जल संकट के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि अगर संकट का समाधान जल्द ही नहीं किया गया तो वह 21 जून से अनिश्चितकालीन अनशन करेंगी.

आतिशी ने कहा कि हरियाणा राजधानी के हिस्से का पानी नहीं छोड़ रहा है, इसलिए दिल्ली जल संकट का सामना कर रही है. उन्होंने कहा, ‘‘कल हरियाणा ने दिल्ली के लिए 613 एमजीडी के बजाय 513 एमजीडी पानी छोड़ा. एक एमजीडी पानी 28,500 लोगों के लिए होता है. इसका अर्थ है कि 28 लाख से अधिक लोगों के लिए पानी नहीं छोड़ा गया.’’

बीजेपी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आतिशी पर पानी की चोरी और कालाबाजारी से ध्यान भटकाने के लिए नाटक करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि AAP सरकार कुछ नहीं कर रही है इसलिए उसे बर्खास्त किया जाना चाहिए.

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