भारत से नौकरों को स्विट्जरलैंड ले जाकर शोषण करती थी ये इंडियन बिजनेस फैमिली !
भारत से नौकरों को स्विट्जरलैंड ले जाकर शोषण करती थी ये इंडियन बिजनेस फैमिली, अब जेल में काटना होंगे 4.5 साल
क्या आप अपने घर में काम करने वाले नौकरों के साथ अच्छा व्यवहार करते हैं? एक भारतीय बिजनेस फैमिली ने ऐसा नहीं किया और अब इस परिवार के 4 सदस्यों को 4.5 साल जेल की सजा मिली है. ये बिजनेस फैमिली ब्रिटेन के सबसे अमीर परिवारों में से एक है.
आपके घर में साफ-सफाई करने से लेकर खाना बनाने के लिए अगर कोई घरेलू सहायक आता है, तो उसके साथ मानवीय व्यवहार बहुत जरूरी है. आपने ‘ये मेरा इंडिया’ नाम की फिल्म में नौकरानी बनी सीमा विश्वास के साथ उनकी मालकिन बनी सारिका के खराब व्यवहार को देखा होगा. इसी तरह के एक मामले से जुड़ी बड़ी खबर ये है एक अरबपति भारतीय बिजनेस फैमिली को अपने नौकरों का शोषण करने के लिए 4.5 साल तक जेल की सजा सुनाई गई. ब्रिटेन में रहने वाले इस परिवार के 4 सदस्यों को जेल में समय बिताना होगा.
शोषण, दुर्व्यवहार और मानव तस्करी तक के आरोप
हिंदुजा परिवार पर आरोप है कि वह भारत से घरेलू सहायकों को अपने जेनेवा मेंशन में काम करने के लिए लेकर आते थे. एक बार उनके स्विट्जरलैंड पहुंचने के बाद उनके पासपोर्ट जबरन जब्त कर लेते थे. नौकरों को घर से बाहर जाने की आजादी ना के बराबर थी, साथ ही उन्हें पैसा भी बहुत कम दिया जाता था.
जेनेवा की एक अदालत में इस मामले की सुनवाई के दौरान हिंदुजा परिवार पर घरेलू सहायकों का शोषण करने और दुर्व्यवहार करने के आरोप में दोष सिद्ध हो गए और उन्हें 4.5 साल तक जेल की सजा सुनाई गई है. इस मामले उन पर लगे मानव तस्करी के आरोपों से उन्हें बरी कर दिया गया है.
कोर्ट के बाहर समझौते के बावजूद अदालत ने सुनाई सजा
47 अरब डॉलर की संपत्ति के मालिक हिंदुजा परिवार पर जिन तीन घरेलू सहायकों ने शोषण के आरोप लगाए थे. उनके और परिवार के बीच कोर्ट के बाहर सेटलमेंट होना लगभग तय हो गया था, फिर भी मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत ने सुनवाई करना जारी रखा.
काम 18 घंटे, सैलरी कुत्तों के खर्च से कम
इस मामले की सुनवाई के दौरान कई रूह कंपाने वाली जानकारियां सामने आईं. हिंदुजा परिवार के मेंशन में नौकरों का काम करने वाले स्टाफ के अधिकतर लोग अशिक्षित थे. उनसे 18-18 घंटे तक काम लिया जाता था. वहीं सैलरी के नाम पर उन्हें 250 से 450 डॉलर प्रतिमाह ( 20,000 से 35,000 रुपए प्रति माह) मिलते थे. ये स्विट्जरलैंड के हिसाब से बहुत कम सैलरी है. इतना ही नहीं उन्हें स्विट्जरलैंड की फ्रैंक मुद्रा के बजाय भारतीय रुपए में भुगतान करते थे. इससे अधिक खर्च हिंदुजा परिवार हर महीने अपने कुत्तों पर कर देता था.