तमिलनाडु जहरीली शराब केस में 56 मौतें …
तमिलनाडु जहरीली शराब केस में 56 मौतें …
कल्लाकुरिची मेडिकल कॉलेज में सबसे ज्यादा 30 मौतें; भाजपा बोली- ये हत्या, कांग्रेस-DMK चुप क्यों हैं
तमिलनाडु के कल्लाकुरिची जिले में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या रविवार (23 जून) को 56 हो गई। आज जारी हुई जिला प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक कुल 216 लोगों को चार अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। सबसे ज्यादा मौतें कल्लाकुरिची मेडिकल कॉलेज में हुईं, जहां 31 लोग मारे गए और 108 लोगों का इलाज जारी है।
पुडुचेरी के जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (JIPMER) में 17 मरीजों का इलाज चल रहा। 3 की मौत हो गई है। विलुपुरम मेडिकल कॉलेज में भर्ती 4 लोगों की मौत हो चुकी है। अन्य 4 का इलाज जारी है। सलेम मेडिकल कॉलेज में 30 लोगों का इलाज जारी है, यहां 18 लोगों की जान गई है। मरने वालों में 51 पुरुष हैं।
वहीं, भाजपा प्रवक्ता और पुरी से सांसद संबित पात्रा ने रविवार को कहा कि तमिलनाडु के करुणापुरम गांव में जहरीली शराब के कारण घटी त्रासदी बेहद दुखद है। यहां अनुसूचित जाति के लोग ज्यादा रहते हैं। 56 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और कई की हालत गंभीर है। कांग्रेस पार्टी और उसके गठबंधन के नेता इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं?
घटना से जुड़ी तस्वीरें…
राज्य सरकार के विरोध में भाजपा का प्रदर्शन
वहीं, राज्य में भाजपा कार्यकर्ताओं ने शनिवार को कल्लाकुरिची शराब त्रासदी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के निदेशक एस रविवर्मन ने शनिवार को कल्लाकुरिची सरकारी अस्पताल का दौरा किया।
इधर, तमिलनाडु सरकार ने त्रासदी की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। जांच का नेतृत्व मद्रास उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी गोकुलदास करेंगे। न्यायमूर्ति गोकुलदास तीन महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपेंगे।
तमिलनाडु के CM एमके स्टालिन ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए और अस्पताल में भर्ती लोगों को 50 हजार के मुआवजे की घोषणा की है।
तमिलनाडु पुलिस की CB-CID जांच सौपीं गई है। SP शांताराम के नेतृत्व में यह जांच शुरू हो गई है। कल्लाकुरिची कलेक्टर के अनुसार शराब त्रासदी में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
केरल के आबकारी मंत्री ने अधिकारियों को रेड मारने का कहा
पड़ोसी राज्य तमिलनाडु की घटना को ध्यान में रखते हुए केरल सरकार के आबकारी मंत्री एमबी राजेश ने शनिवार को अधिकारियों की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई। उन्होंने अधिकारियों को नकली शराब बनाने और बेचे जाने की जांच के आदेश दिए। उन्होंने पूरे राज्य में सघन चैकिंग और छापेमारी तेज करने का निर्देश दिया।
मंत्री राजेश ने विभाग के अधिकारियों को सभी चेकपोस्ट और बॉर्डर वाले इलाके में नजर रखने को कहा है। राजेश ने एक बयान में कहा कि आवश्यक चेकपोस्ट पर अतिरिक्त कर्मियों को तैनात किया गया है और बाहर से राज्य में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों पर नजर रखी जाएगी और संदिग्ध वाहनों की जांच की जाएगी।
केरल में मलप्पुरम और कोल्लम जिलों के इलाकों में विषेश निगरानी के आदेश दिए गए हैं। इन इलाकों में पहले नकली शराब के कई मामले सामने आ चुके हैं। मिनिस्टर राजेश ने जनता से भी सहयोग का अनुरोध किया है।
2008 में जहरीली शराब से 180 लोगों की मौत हुई थी
तमिलनाडु में जहरीली शराब से पहले भी कई बार मौत की घटनाएं हुई हैं। तमिलनाडु के कृष्णागिरि और कर्नाटक के कोलार के सीमावर्ती गांवों में मई 2008 में जहरीली शराब से लगभग 180 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें से 60 कृष्णागिरी जिले और बाकी कोलार और बेंगलुरु के थे। कई लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई थी।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRP) के आंकड़ों के अनुसार, तमिलनाडु में जहरीली शराब से साल 2020 में 20 और 2021 में छह मौतें हुईं। 2023 में राज्य के विल्लुपुरम और चेंगलपट्टू जिलों में लगभग 22 लोगों की जहरीली शराब से मौत हो गई थी।
जानिए शराब मौत कैसे बनती है…
- शराब जहरीली कैसे बन जाती है: कच्ची शराब को जब ज्यादा नशीला बनाने के लिए कैमिकल मिलाते हैं तो ये जहरीली हो जाती है। देसी शराब बनाने के लिए पहले गुड़, शीरा से लहान तैयार करते हैं और फिर इस मिट्टी में दबा दिया जाता है। इसे ज्यादा नशीला बनाने के लिए इसमें यूरिया, बेसरमबेल और ऑक्सीटोसिन मिलाते हैं। यही मिलावट मौत का कारण बनती है।
- क्यों देसी शराब पीने से हो जाती है मौत: देसी शराब में अमोनियम नाइट्रेट (यूरिया) और ऑक्सीटोसिन मिलाने से मेथेनॉल (मिथाइल एल्कोहल) बन जाता है। यही बाद में मौत का कारण बनता है। मेथेनॉल की अधिकता से शराब टॉक्सिक बन जाती है। इसके बाद मेथेनॉल जब शरीर में मेटाबोलाइज होता है तो वो फार्मेल्डिहाइड बनाता है और बाद में फॉर्मिक एसिड बन जाता है, जो कि जहर है। इसके शरीर में जाते ही ब्रेन और आंख सबसे पहले प्रभावित होती हैं। इसके बाद बॉडी के दूसरे ऑर्गन काम करना बंद कर देते हैं और व्यक्ति की मौत हो जाती है।
- मेथेनॉल की कितनी मात्रा खतरनाक होती है: 15 से 500 ML तक की मात्रा लेने पर व्यक्ति की मौत हो जाती है। ऑक्सीटोसिन से नपुंसकता और नर्वस सिस्टम से जुड़ी बीमारियों का खतरा रहता है। आंखों की रोशनी भी जा सकती है।
- जहरीली शराब पीने वाले का इलाज क्या है : इसका इलाज भी शराब (ऐथेनॉल) ही है। इसके अलावा फॉमीपीजोल दवा भी कारगर है। मेथेनॉल के जहर का इलाज एथेनॉल है। जहरीली शराब के एंटीडोट के तौर पर टैबलेट भी मिलते हैं, लेकिन भारत में इनकी उपलब्धता कम है। जहरीली शराब पीने वाले व्यक्ति को तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाने की जरूरत होती है। इसके बाद जहर को शरीर से निकालने के लिए मरीज का डायलिसिस भी करना पड़ सकता है। मरीज का सिर्फ सपोर्टिव इलाज ही होता है। जैसे- ऑक्सीटोसिन को ठीक करना और मेथाइल एल्कोहल के लिए एंटीडोट देना। कई बार मरीज के पेट की धुलाई (स्टमक वॉश) भी मददगार हो सकता है, लेकिन यदि उसे भर्ती कराने में देर हो गई है तो इसका कोई फायदा नहीं है।