दूध में यूरिया और डिटर्जेंट की मिलावट !
दूध में यूरिया और डिटर्जेंट की मिलावट
सेहत को पहुंचा सकती है नुकसान, इन तरीकों से पहचानें असली-नकली दूध का अंतर
भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है क्योंकि गाय, भैंस जैसे दुधारू पशुओं की संख्या यहां सबसे ज्यादा है। 2021 में भारतीय डेयरी मार्केट लगभग 13 लाख करोड़ का था, जिसके 2027 तक लगभग 31 लाख करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।
इसका कारण ये है कि पिछले तीन दशकों में शहरीकरण और लोगों की आय बढ़ने के कारण डेयरी प्रोडक्ट्स की खपत में तेजी से इजाफा हुआ है। लेकिन दूध की बढ़ती मांग के साथ मिलावटखोर भी सक्रिय हो गए हैं।
फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा अलग-अलग राज्यों में मिलावटी दूध को रोकने को लेकर लगातार छापेमारी भी की जाती है।
इसी साल जनवरी में राजस्थान के अलवर में 3 हजार लीटर मिलावटी दूध पकड़ा गया, जो मुख्य रूप से रिफाइंड तेल से बनाया गया था। मिलावट वाला दूध सेहत के लिए काफी खतरनाक होता है।
ऐसे में बहुत जरूरी है यह जानना कि आपके घर में जो दूध आ रहा है, वह असली है या नकली।
कई बार सही जानकारी न होने की वजह से सिंथेटिक, मिलावटी दूध और शुद्ध दूध के बीच अंतर कर पाना मुश्किल होता है।
आज बात करेंगे दूध में होने वाली मिलावट की।
साथ ही जानेंगे कि-
- मिलावटी दूध पीने से किस तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं?
- नकली दूध और असली दूध के बीच के अंतर को कैसे पहचान सकते हैं?
एक्सपर्ट-
सवाल- मिलावटी दूध पीने से कौन सी बीमारियां हो सकती हैं?
जवाब- दूध एक सुपरफूड है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर उम्र के लोग इसका सेवन करते हैं। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम के अलावा विटामिन बी 12, मैग्नीशियम, मिनरल्स और फैट जैसे जरूरी न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं।
लेकिन ये सभी न्यूट्रिएंट्स तभी मिलते हैं, जब दूध अपने शुद्ध रूप में हो।
मिलावटी दूध में न केवल जीरो न्यूट्रिएंट्स होते हैं बल्कि ये शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।
मिलावटी दूध पीने से उल्टी, दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अगर कोई लंबे समय तक मिलावटी दूध पीता है तो उसकी किडनी व लिवर को भी नुकसान पहुंच सकता है।
सवाल- दूध में किस तरह की चीजें मिलाई जाती हैं?
जवाब- पहले दूध में पानी मिलाने की खबरें मिलती थीं, लेकिन पिछले कुछ सालों में दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए पानी की बजाय उसमें यूरिया, डिटर्जेंट, कास्टिक सोडा, माल्टोडेक्सट्रिन पाउडर की मात्रा बढ़ी है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है।
सवाल- दूध में इस तरह की चीजों को मिलाने का क्या कारण है?
जवाब- दूध में फैट और सॉलिड-नॉट-फैट (SNF) होता है। नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार मिलावटखोरों द्वारा दूध में इस तरह की चीजों को मिलाने की ये वजहें हैं-
- यूरिया या फर्टिलाइजर मिलाने से दूध की मात्रा के साथ ही एसएनएफ और फैट भी बढ़ जाता है।
- न्यूट्रलाइजर मिलाने से दूध में खटास पैदा नहीं होती है।
- दूध जल्दी खराब न हो, इसलिए उसमें हाइड्रोजन पेरॉक्साइड और फॉर्मालिन मिलाया जाता है।
- अमोनिया व यूरिया के कारण खराब हुए टेस्ट को ठीक करने के लिए उसमें आटा व स्टार्च मिलाया जाता है।
गाय के दूध में फैट की मात्रा 3.5 प्रतिशत और सॉलिड नॉन फैट की मात्रा 8.5 प्रतिशत होनी चाहिए। वहीं भैंस के दूध में फैट की मात्रा 5 प्रतिशत और सॉलिड नॉन फैट की मात्रा 9.5 प्रतिशत होनी चाहिए।
सवाल- दूध में यूरिया मिला है या नहीं, यह घर पर कैसे पता कर सकते हैं?
जवाब- दूध में यूरिया मिलाने का उद्देश्य SNF को बढ़ाना है। SNF बढ़ने से फैट के जरिए अधिक मुनाफा होता है। चूंकि यूरिया एक फर्टिलाइजर है, लंबे समय तक इसका सेवन करने से किडनी या लिवर की समस्या हो सकती है।
यूरिया की जांच करने के लिए एक बर्तन में थोड़ा दूध लें और उसमें सोयाबीन पाउडर डालकर अच्छे से मिला लें।
फिर एक लाल लिटमस पेपर को दूध और सोयाबीन पाउडर के घोल में पांच मिनट के लिए डुबोएं। अगर लिटमस पेपर का रंग लाल से नीला हो जाता है तो आपके दूध में यूरिया मिला हुआ है।
सवाल- दूध में डिटर्जेंट मिला है या नहीं, यह कैसे पता कर सकते हैं?
जवाब- दूध में डिटर्जेंट है या नहीं, यह पता करने के लिए एक बोतल में दूध और पानी को बराबर मात्रा में मिला लें। इसके बाद बोतल को अच्छी तरह हिलाएं। अगर घोल झागदार हो जाए या फिर गाढ़ा झाग बन जाए तो समझ लें कि दूध में डिटर्जेंट मिलाया गया है।
दूध में ऑक्सीटोसिन, फॉर्मेलिन और हाइड्रोजन पेरोक्साइड जैसी चीजों की मिलावट का पता लगाने के लिए लैब में टेस्ट करने की जरूरत होती है।
सवाल- दूध में पानी मिला है या नहीं, यह कैसे पता कर सकते हैं?
जवाब- दूध में पानी मिला है या नहीं यह जानने का सबसे आसान तरीका है कि दूध की कुछ बूंदों को किसी प्लास्टिक या किसी अन्य वस्तु के प्लेन टुकड़े पर डालें। इसके बाद इसे थोड़ा टेढ़ा करें, अगर दूध की बूंद सफेद लकीर छोड़ते हुए धीरे-धीरे बह रही हो तो इसका मतलब दूध में पानी की मिलावट नहीं है। वहीं अगर सफेद निशान न छोड़े तो इसका मतलब पानी की मिलावट की गई है।
सवाल- डेयरी से दूध खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
जवाब- जिस जगह से भी आप दूध खरीद रहे हैं, वहां इन बातों का जरूर ध्यान रखें।
जैसेकि-
- दूध निकालने वाला साफ-सफाई का ध्यान रख रहा है या नहीं।
- जिस बर्तन में दूध को रखा गया है, वह साफ है या नहीं।
- ताजे दूध में कोई गंध नहीं आती है, जबकि खराब दूध में खट्टी या अप्रिय गंध होती है।
- ताजा व शुद्ध दूध का रंग सफेद होता है, जबकि मिलावटी दूध का रंग पीला या मटमैला हो सकता है।
- ताजा दूध बहुत ज्यादा पतला भी नहीं होना चाहिए। पतले दूध में पानी मिला हो सकता है।