बिंज वॉचिंग की नई लत, इसके प्रभावों पर भी दुनिया बंटी हुई है
आप में से ज्यादातर ने ‘मनी हाइस्ट’ या ‘सेक्रेड गेम्स’ या ‘स्ट्रेंजर थिंग्स’ देखी होगी। इन लोकप्रिय वेब सीरीज के नए सीजन का बेसब्री से इंतजार होता है। नया सीजन आते ही तमाम एपिसोड्स देख लेने, सोशल मीडिया पर रायशुमारी करने और इनके पात्रों से जुड़े मीम बनाने की लोगों में होड़ मच जाती है। स्ट्रेंजर थिंग्स के दूसरे सीजन का तो आलम ये था कि रिलीज होते ही पहले ही दिन 3,61,000 लोगों ने सारे एपिसोड्स देख डाले थे।
नील्सन के सर्वेक्षण में यह जानकारी सामने आई थी। एक सिटिंग में पूरा सीजन देखने का यह जुनून ‘बिंज वॉचिंग’ कहलाता है। एक जमाना था, जब महाभारत-रामायण के अगले एपिसोड के लिए टीवी दर्शकों को कम-से-कम एक हफ्ता तो इंतजार कराता ही था। तकनीकी विकास ने उस जमाने को नॉस्टेलजिया में बदल दिया है। अब ना सिर्फ देखने के लिए बहुतायत कंटेंट एकसाथ मौजूद है बल्कि देखने का तरीका भी बदला है।
यह बदलाव इंटरनेट के जरिए ओटीटी प्लेटफॉर्म से मुमकिन हुआ है। जब जी चाहे आप अपना पसंदीदा शो, वेब सीरीज़ और फिल्में ही नहीं, क्रिकेट-फुटबॉल के लाइव मुकाबले भी देख सकते हैं। इस सहूलियत ने बिंज वॉचिंग का दौर शुरू किया है। इसमें दिमाग उसी तरीके से काम करता है, जैसे वीडियो गेम खेलते हुए। दिमाग को रिवॉर्ड देने वाला हिस्सा सक्रिय हो जाता है और डोपामाइन हॉर्मोन रिलीज होता है।
बिंज वॉचिंग को मनोरंजन की दुनिया में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। यह 2003 से चलन में है, लेकिन इसे लोकप्रियता 2013 में मिली, जब नेटफ्लिक्स ने अपनी प्रसिद्ध वेब सीरीज़ ‘हाउस ऑफ कार्ड्स’ के पहले सीजन के सभी 13 एपिसोड एकसाथ रिलीज कर दिए। लोगों ने तब बिना वक्त गंवाए पूरा सीजन देख डाला। नेटफ्लिक्स ने अमेरिका में एक सर्वे किया था।
इसमें सामने आया था कि इसके 61% यूजर एक ही सिटिंग में दो से छह एपिसोड देख लेते हैं और एक हफ्ते में पूरा सीजन खत्म कर देते हैं। हालांकि बिंज वॉचिंग में असल बूम आया कोरोना काल में। लॉकडाउन की वजह से बाहर आवाजाही बंद हुई और सिनेमाहॉल पर ताले लटके, तो ओटीटी प्लेटफॉर्म पर ‘मल्टीप्लेक्स’ खुल गए। नई-नई फिल्मों के साथ-साथ अनगिनत वेब सीरीज अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर रिलीज की गईं।
इससे लोगों के बीच बिंज वॉचिंग का क्रेज इस कदर बढ़ गया कि कोरोना के मामले थमने और लॉकडाउन खुलने के बावजूद ना सिर्फ ओटीटी प्लेटफॉर्म की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है बल्कि उन पर रिलीज होने वाली फिल्मों और वेब सीरीज के कंटेंट में भी विविधता आई है। देंत्सु एजिस नेटवर्क (डीएएन) के सर्वेक्षण में पाया गया कि लॉकडाउन के दौरान 49 फीसदी भारतीय युवाओं ने दिन में 2 से 3 घंटे बिंज वॉचिंग के लिए दिए।
यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि फिल्म, वेब सीरीज, मैच या रियलिटी शोज से बनी मनोरंजन की बड़ी दुनिया का मरकज़ अब लगभग सात इंच की मोबाइल की स्क्रीन है। लोग लगाव से और लगातार पसंदीदा कंटेंट बिंज वॉच कर रहे हैं। विशेषज्ञ बिंज वॉचिंग से सेहत पर पड़ने वाले असर (शारीरिक और मानसिक) को लेकर बंटे हुए हैं। हार्वर्ड हेल्थ के मुताबिक इससे मोटापा बढ़ रहा है। लेकिन बिंज वॉचिंग के इस नए फिनोमिना से शायद ही किसी को इनकार है।
(ये लेखक के अपने विचार हैं)