भारत किन देशों के साथ करता है सैन्य अभ्यास !
भारत किन देशों के साथ करता है सैन्य अभ्यास, क्या है इसका रणनीतिक महत्व
दो देशों का आपस में मिलकर सैन्य अभ्यास करना उन दोनों देशों की सेनाओं के बीच सामरिक और परिचालन सहयोग को मजबूत करने का काम करता है.
भारत और मंगोलिया के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘नोमैडिक एलीफेंट’ की शुरुआत साल 2004 में हुई थी और पिछले एक दशक से यह संयुक्त सैन्य अभ्यास हर साल दोनों देशों में वैकल्पिक रूप से आयोजित किया जाता है.
ऐसे इस रिपोर्ट में विस्तार से जानते हैं कि भारत किन देशों के साथ सैन्य अभ्यास करता है और इसका रणनीतिक महत्व क्या है.
कोई भी देश क्यों करता है संयुक्त सैन्य अभ्यास, 3 कारण
सैन्य सहयोग और समन्वय: दो देशों का आपस में मिलकर सैन्य अभ्यास करना न सिर्फ उन दो देशों की सेनाओं के बीच सामरिक और परिचालन सहयोग को मजबूत करने का काम करता है. बल्कि, इस तरह के अभ्यासों को ज्यादातर अंतर संचालनीयता को बढ़ावा देने के लिए भी डिजाइन किया जाता है.
इन अभ्यासों के दौरान दो देश एक-दूसरे की परिचालन पद्धतियों और रणनीतियों की गहरी समझ विकसित करते हैं. इस तरह का अभ्यास खास तौर पर आम सुरक्षा चुनौतियों से निपटने और जटिल सैन्य अभियानों को करने की अपनी सामूहिक क्षमता को बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने की दोनों देशों की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है.
क्षमता निर्माण: ज्वाइंट मिलिट्री प्रैक्टिस यानी संयुक्त सैन्य अभ्यास देशों को अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने और सुधारने का अवसर भी देता है. इससे सैनिकों को अलग अलग परिस्थितियों में किस तरह तटस्थ रहना है इसकी ट्रेनिंग मिलती है.
साझा मानक और प्रोटोकॉल: संयुक्त अभ्यास से देशों को एक साझा मानक और प्रोटोकॉल विकसित करने में मदद मिलती है, जिससे युद्ध या संकट की स्थिति में वे एक-दूसरे के साथ बेहतर तरीके से काम कर सकें.
संयुक्त सैन्य अभ्यास से सेनाओं को क्या सीखने को मिलेगा
संयुक्त अभ्यास का दायरा रियलिस्टिक और विविधतापूर्ण है. इसमें आतंकवाद विरोधी अभियान, मानवीय सहायता और आपदा राहत, संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना, उच्च ऊंचाई वाले अभियान, रेगिस्तान युद्ध, शहरी युद्ध एवं जंगल युद्ध शामिल हैं.
इस अभ्यास के दौरान ड्रोन युद्ध, ग्रे ज़ोन युद्ध जैसे कई वास्तविक माहौल तैयार किए जाते हैं, इस दौरान सेना उन माहौल से कैसे निपट रहे हैं इसपर कड़ी नजर रखी जाती है और उन्हें इस माहौल में जीवित रहने का कौशल भी सिखाया जाता है.
भारत किन देशों के साथ करता है सैन्य अभियान
भारत अमेरिका, जापान समेत कई देशों के साथ अलग अलग सैन्य अभ्यास करता है, जिनमें से युद्ध अभ्यास, मालाबार, वज्र प्रहार, इंद्र, गरुड़ जैसे सैन्य अभ्यास शामिल है. ये अभ्यास देशों के बीच सैन्य सहयोग, समन्वय, और आपसी समझ को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं.
नीचे दिए गए ग्राफिक्स में जानते हैं कि भारत किस किस देशों के साथ सैन्य अभियान कर रहा है…
भारतीय नौसेना के सैन्य अभ्यास के बारे में भी जानिये
सेना के तरह ही समुद्री सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना भी अलग अलग देशों के साथ कई संयुक्त अभ्यास आयोजित करती है. इन अभ्यासों को दो देशों की सेनाओं के बीच आपसी समझ, सैन्य सहयोग और समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है.
इन प्रमुख नौसैनिक अभ्यासों की सूची में मालाबार शामिल है. इस सैन्य अभ्यास में भारत के साथ अमेरिका, जापान, और ऑस्ट्रेलिया के नौसैनिक शामिल होते हैं. मालाबार सैन्य अभ्यास का उद्देश्य समुद्री सुरक्षा, संयुक्त संचालन क्षमता और सामरिक समन्वय को बढ़ाना है.
वरुणा: इस नौसैनिक अभ्यास में भारत का भागीदार फ्रांस होता है और इस सैन्य अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त संचालन क्षमता, समन्वित रक्षा और समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देना है.
सिम्बेक्स: इसमें भारत के साथ सिंगापुर के नौसेना शामिल होते है और इस नौसेना का उद्देश्य समुद्री युद्ध कौशल, संचालन क्षमता और सामरिक सहयोग को बढ़ाना है.
इंद्रा नेवी: भारत रूस के साथ मिलकर इंद्रा नेवी सैन्य अभ्यास करता है. इस सैन्य अभ्यास का उद्देश्य समुद्री सुरक्षा, संचालन क्षमता और द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना है. ठीक इसी तरह कई देशों के साथ भारत अलग अलग अभ्यासों में शामिल होता रहा है. नीचे ग्राफिक्स आप डिटेल में देख पाएंगे की भारत किन देशों के साथ किस सैन्य अभ्यास का हिस्सा है.
भारत में कहां कहां होता है सैन्य अभ्यास
थलसेना अभ्यास
उत्तर प्रदेश के बबीना में ज्यादातर भारतीय सेना और अमेरिकी सेना के बीच युद्ध अभ्यास करवाया जाता है. इसके अलावा राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में भारत और रूस के बीच इंद्र अभ्यास होता है. वहीं पुणे, महाराष्ट्र में विभिन्न संयुक्त सैन्य अभ्यास आयोजित किए जाते हैं. राजस्थान के बीकानेर में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच द्विपक्षीय अभ्यास होते हैं.
नौसेना अभ्यास
आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में सिम्बेक्स (SIMBEX) और अन्य नौसैनिक अभ्यास होते हैं. वहीं केरल के कोच्ची में वरुणा और अन्य संयुक्त नौसैनिक अभ्यास होते हैं. मुम्बई, महाराष्ट्र में भी कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय नौसैनिक अभ्यास होते हैं, जैसे कि मालाबार
वायुसेना अभ्यास
ग्वालियर के मध्य प्रदेश में यहां गरुड़ जैसे वायु सेना अभ्यास आयोजित होते हैं. इसके अलावा राजस्थान के जोधपुर में भी कई अलग अलग द्विपक्षीय वायुसेना अभ्यास होते हैं. पश्चिम बंगाल का कलाइकुंडा भी कई संयुक्त वायुसेना अभ्यास आयोजित किए जाने के लिए जाना जाता है.
त्रि-सेवाओं अभ्यास
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में कई त्रि-सेवाओं अभ्यास होते हैं, जिसमें सेना, नौसेना, और वायुसेना सभी शामिल हैं.
अन्य प्रमुख स्थान:
लेह-लद्दाख: यहां उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में संयुक्त अभ्यास आयोजित किए जाते हैं.
सियाचिन ग्लेशियर: यहां भी उच्च ऊंचाई और कठिन मौसम परिस्थितियों में अभ्यास होते हैं.
गोवा: यहां नौसेना और वायुसेना के संयुक्त अभ्यास होते हैं.