आगरा-ग्वालियर : हाइवे गड्ढों से भरा, टोल टैक्स वसूली लक्ष्य 307 करोड़ रुपए

 हाइवे गड्ढों से भरा, टोल टैक्स वसूली लक्ष्य 307 करोड़ रुपए
आगरा-ग्वालियर राजमार्ग क्रमांक तीन पर मुरैना के छोंदा टोल प्लाजा पर आगामी एक वर्ष के लिए 164 करोड़ रुपए और ग्वालियर-झांसी हाइवे क्रमांक एनएच 44 पर मेहरा टोल प्लाजा पर 143 करोड़ रुपए का टोल वसूलने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इन दोनों ही राजमार्गों का इस्तेमाल ग्वालियर-चंबल संभाग के विभिन्न जिलों के अलावा उत्तर प्रदेश के आगरा और झांसी सहित अन्य जिलों के वाहन चालक करते हैं।
Potholes in Highway: हाइवे गड्ढों से भरा, टोल टैक्स वसूली लक्ष्य 307 करोड़ रुपएहाइवे का सांकेतिक चित्र
  1. मुरैना के छोंदा प्लाजा से 164 और ग्वालियर के मेहरा प्लाजा पर एक साल में वसूलेंगे 143 करोड़ रुपए
  2. ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के कारण अटका है ग्वालियर-आगरा हाइवे की मरम्मत का काम
  3. दोनों ही हाइवे की मरम्मत का ध्यान नहीं रखा जा रहा है

नेशनल हाइवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) के अधिकारी अगले एक साल के अंदर दो राज्यों के वाहन चालकों से 307 करोड़ रुपए की वसूली की तैयारी कर रहे हैं। एनएचएआइ के अधिकारियों ने वर्तमान आगरा-ग्वालियर राजमार्ग क्रमांक तीन पर मुरैना के छोंदा टोल प्लाजा पर आगामी एक वर्ष के लिए 164 करोड़ रुपए और ग्वालियर-झांसी हाइवे क्रमांक एनएच 44 पर मेहरा टोल प्लाजा पर 143 करोड़ रुपए का टोल वसूलने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

इन दोनों ही राजमार्गों का इस्तेमाल ग्वालियर-चंबल संभाग के विभिन्न जिलों के अलावा उत्तर प्रदेश के आगरा और झांसी सहित अन्य जिलों के वाहन चालक करते हैं। इन दोनों ही टोल प्लाजा पर वसूली के लिए नई एजेंसियों का चयन किया जाना है और इसके लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। यह स्थिति तब है, जबकि इन दोनों ही हाइवे की मरम्मत का ध्यान नहीं रखा जा रहा है और वाहन चालक गड्ढों के बीच से निकलने को मजबूर हो रहे हैं।

दरअसल, ग्वालियर-आगरा हाइवे की मरम्मत और रखरखाव के लिए एनएचएआइ द्वारा लगभग 400 करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं, लेकिन इसका टेंडर सिक्स लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के साथ में जोड़ दिया गया है यानी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे का निर्माण और पुराने हाइवे की मरम्मत एक ही कंपनी द्वारा की जाएगी। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के निर्माण का टेंडर गत जनवरी माह से जारी है, लेकिन केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी न मिलने के कारण प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही है।

यही कारण है कि वर्तमान हाइवे पर सिर्फ बहुत जरूरत पड़ने पर ही मरम्मत हो पा रही है। इसके उलट वाहन चालकों से टोल वसूली लगातार चल रही है। ग्वालियर से आगरा के बीच चलने वाले मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के वाहन चालकों को गड्ढों भरे हाइवे पर टोल अदा करना पड़ रहा है। कमोबेश यही स्थिति ग्वालियर-झांसी हाइवे की भी है। यहां भी निरावली से लेकर मेहरा के बीच में हाइवे पर गड्ढे नजर आते हैं।

ये लगता है टोल
मेहरा टोल प्लाजा

वाहन सिंगल जर्नी डबल जर्नी

कार/जीप/वैन 100 रुपए 145

लाइट कामर्शियल वाहन 160 235

बस/ट्रक 330 495

तीन चक्का वाहन 360 495

चार से छह चक्का वाहन 520 780

छौंदा टोल प्लाजा

कार/जीप/वैन 95 रुपए 145

लाइट कामर्शियल वाहन 155 230

बस/ट्रक 325 485

तीन चक्का वाहन 350 530

चार से छह चक्का वाहन 505 760

बानमोर से रायरू के बीच ज्यादा दिक्कत
  • वर्तमान में ग्वालियर-आगरा हाइवे पर बानमोर से रायरू के बीच में ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यहां बार-बार होने वाले गड्ढे भरकर सड़क का लेवल ऊंचा-नीचा हो चुका है। यही कारण है कि यहां वाहन डगमगाते हुए चलते नजर आते हैं। इसके अलावा गहरे गड्ढे हो चुके हैं।
  • मुरैना सिटी पार करने के बाद धौलपुर के आगे भी हाइवे पर गड्ढों की भरमार है। यहां भी मरम्मत का काम ठीक से नहीं चल पा रहा है और वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद हाइवे की मरम्मत का टेंडर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के साथ जोड़ दिया गया है।

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