नोएडा में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की होगी जांच !
नोएडा में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की होगी जांच
गड़बड़ी मिलने पर नोटिस जारी होगा, 10 हजार का जुर्माना लगेगा
नोएडा हाइराइज इमारतों का शहर है। यहां वाटर लेवल तेजी से गिर रहा है। आगामी 10 साल में ग्राउंड वाटर लेवल की स्थिति खराब हो सकती है। औसतन सालाना डेढ़ से दो मीटर तक वाटर लेवल गिर रहा है। जिससे यहां पीने योग्य पानी नहीं बचेगा। इसे कंट्रोल करने के लिए भवन नियमावली के तहत 300 वर्गमीटर और बड़े प्लाट में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य है। ये सिस्टम यहां बनी रिहाइशी इमारत, कॉमर्शियल मॉल, होटल , स्कूल , सरकारी इमारतों में एक्टिव है या नहीं इसकी पड़ताल की जा रही है।
नोटिस के बाद 15 दिन का समय
नोएडा प्राधिकरण के पर्यावरण सेल ने इसके लिए दो टीम गठित की है। ये टीम चार दिन में नोएडा के सभी श्रेणी की प्रॉपर्टी पर जाकर रैंडम जांच करेगी। पहले चरण में 10-10 स्थानों पर जाएंगी। इसकी एक रिपोर्ट सीईओ नोएडा प्राधिकरण को दी जाएगी। जिस स्थानों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग मानकों पर काम करता नहीं पाया जाएगा। वहां नोटिस जारी किया जाएगा। नोटिस की समय 15 दिन का होगा। 16वें दिन प्रॉपर्टी मालिक पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। 17वें दिन में रोजाना 5 हजार रुपए का जुर्माना लगेगा।
एओए और आरडब्ल्यूए स्वता करे जांच
नोएडा प्राधिकरण में पर्यावरण सेल के सलाहकार गुंजन मिश्रा ने बताया कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग की जांच के लिए आदेश मिल गया है। इसकी प्रति प्राधिकरण के सभी वर्क सर्किल और सभी आरडब्ल्यूए और एओए को जारी कर दी गई है। एओए और सेक्टर के आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों से कहा गया है कि वे अपने यहां स्वयं रेन वाटर हार्वेस्टिंग की जांच कराकर रिपोर्ट सब्मिट करे।
तालाबों का कराया जा रहा जीर्णोद्धार
देखा जाए तो जनपद गौतमबुद्ध नगर में शुरुआती दौर में 1,018 तालाब थे। इसमें 67 तालाब नोएडा प्राधिकरण, 281 ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र और 277 तालाब यमुना विकास प्राधिकरण और करीब 361 तालाब ग्राम पंचायत क्षेत्र में है। विगत एक साल में तीनों प्राधिकरण क्षेत्र में कई तालाबों का जीर्णोद्धार कराया गया। जिसमें से 217 के करीब तालाबों पर अतिक्रमण था। जिसमें नोएडा में 40 तालाब शामिल है।
नोएडा का ग्राउंड वाटर लेवल
साल | नोएडा |
2017 | 19.56 |
2018 | 18.88 |
2019 | 18.96 |
2020 | 20.15 |
2021 | 23.54 |
2022 | 23.68 |
प्राधिकरण उद्यान निदेशक को जारी किया नोटिस
नोएडा के पार्क में रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लगाया गया है। जबकि वहां आरडब्ल्यूएच की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि बारिश का पानी प्राकृतिक रूप से कच्चे क्षेत्रों से होकर बहता है। यदि पार्क में ही आरडब्ल्यूएच लगाया जाता है तो पानी के साथ खाद और रासायनिक तत्व इसके साथ मिलकर भूजल को प्रदूषित करेंगे। यह यूपी भूजल अधिनियम केंद्रीय ईपीए 1986 का उल्लंघन है। वर्तमान में यहां भूजल संरक्षण अधिनियम 2019 लागू है। जिसमें सिर्फ रूफ वाटर हार्वेस्टिंग की अनुमति है। इसलिए उद्यान निदेशक को नोटिस जारी किया गया।