भोपाल : 255 कॉलोनियों को माना है अवैध ?

255 कॉलोनियों को माना है अवैध
डेढ़ साल में 250 अवैध कॉलोनियों के खिलाफ FIR, न किसी कॉलोनाइजर पर कार्रवाई, न लोगों को राहत मिली

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राजधानी में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में कॉलोनाइजराँ ने एक हजार से अधिक अवैध कालोनियां विकसित कर दी हैं। खुलासा फर्स्ट इनकी करतूतों सहित अवैध कॉलोनियों के विरुद्ध मुहिम चलाते हुए समाचारों का प्रकाशन कर रहा है। कलेक्टर  कौशलेंद्रविक्रम सिंह ने खुलासा फर्स्ट  को बताया छह अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई हो चुकी है। 255 पर एफआईआर की गई है। सर्वे किया जा रहा है। संख्या और बढ़ेगी। सभी अवैध कॉलोनियों पर सख्त कार्रवाई होगी। 

यहां उल्लेख करना जरूरी है इस प्रकार की कार्रवाई दूसरे चरण में अक्सर अवैध वसूली का माध्यम बन जाती है और तीसरे चरण में पॉलीटिकल प्रेशर के कारण बंद हो जाती है। देखना रोचक होगा कलेक्टर दूसरे और तीसरे चरण में क्या करते हैं? जानकारी के अनुसार सभी एसडीएम ने अवैध कॉलोनाइजरों को नोटिस देना शुरू कर दिया है। पहले जिनके आदेश बन जाएंगे, उन्हें नोटिस भेजे जाएंगे। इनके आधार पर कुछ समय दिया जाएगा, जिनमें वे कॉलोनी संबंधी जरूरी अनुमति जैसे कॉलोनाइजर का पंजीयन, डायवर्शन, टीएंडसीपी, रेरा और अन्य सभी दस्तावेज प्रस्तुत कर सकें। दस्तावेज प्रस्तुत कर देते हैं तो बच जाएंगे और नहीं करते हैं तो नियमानुसार कार्रवाई शुरू होगी ।

प्रशासन के रिकॉर्ड में 576 अवैध कॉलोनियां
जिला प्रशासन के रिकॉर्ड में 576 अवैध कॉलोनियां है। इनमें से 321 को नियमित किया जा चुका है जबकि 255 के खिलाफ एफआइआर दर्ज हो चुकी है। प्रशासन के सर्वे में बीते डेढ़ वर्ष में तीन सौ कॉलोनियां नई मिली हैं जबकि हकीकत में नगरीय सीमा और ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग एक हजार अवैध कॉलोनियां विकसित हो चुकी हैं।

अवैध कॉलोनियों का क्या होगा?
कॉलोनी का अधिग्रहण किया जाएगा। ग्रामीण में जिला प्रशासन और नगरीय क्षेत्र में नगर निगम कार्रवाई करेगा। कॉलोनाइजर पर एफआइआर दर्ज कराई जाएगी, बचे हुए प्लॉटों से प्राप्त राशि से सड़क, सीवेज, पानी, बिजली आदि सुविधाएं उपल्ब्ध कराई जाएंगी। घर बना चुके रहवासी विकास शुल्क जमा कर प्रॉपर्टी के दस्तावेज बनवा सकेंगे।

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  • फाइल फोटो - Dainik Bhaskar

राजधानी में नई अवैध कॉलोनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की बात कही जा रही है। जिला प्रशासन ने 250 से ज्यादा अवैध कॉलोनियों के खिलाफ नोटिस जारी करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। बताते हैं कि कॉलोनाइजर के खिलाफ एफआईआर करने के साथ ही कॉलोनी को राजसात किया जाएगा।

ऐसे में सवाल उठता है कि पहले बीते डेढ़ साल में 250 अवैध कॉलोनियों के कॉलोनाइजर के खिलाफ शहर के अलग-अलग पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। हालांकि अब तक न तो कॉलोनाइजरों के खिलाफ कार्रवाई ही हो सकी और न ही यहां रहने वाले लोगों को कोई राहत मिली है। नई व्यवस्था में भी इन कॉलोनियों को कोई लाभ नहीं मिलेगा।

रजिस्ट्री में किसान और खरीदार, बच जाते हैं अवैध कॉलोनाइजर

रिटायर्ड अधिकारियों का कहना है कि असल में अवैध कॉलोनी में प्लॉट या मकान लेने वाले आम लोग होते हैं। इसके अलावा जमीन किसान के नाम होती है। अवैध कॉलोनाइजर किसान से जमीन लेकर उस पर प्लॉट काट देते हैं। रजिस्ट्री में भी किसान और खरीदने वाले का नाम होता है। राजस्व के रिकॉर्ड में कहीं भी इस तरह के कॉलोनाइजर नहीं आते हैं। इसका फायदा उठाकर वे बच जाते हैं।

एफआईआर से कुछ नहीं होता : खान

रिटायर्ड सीएसपी सलीम खान का कहना है कि राजस्व से जुड़े मामलों की प्रोसेस बहुत जटिल है। सिर्फ एफआईआर करने से कुछ नहीं होता है। इसके लिए पहले जिला प्रशासन को संबंधित जमीन का पूरा रिकॉर्ड दस्तावेज के रूप में उपलब्ध कराना होता है।

नगर निगम, टीएंडसीपी और अन्य विभाग जो जरूरी अनुमति देते हैं, उनसे भी संबंधित रिकॉर्ड मिलना चाहिए। उसके विश्लेषण के बाद ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की प्रभावी संभावना बनती है। रिकॉर्ड और साक्ष्य कमजोर होने पर केस बहुत लंबे चलते हैं।

ये पुलिस की जिम्मेदारी : कुमार

रिटायर्ड एडिशनल कलेक्टर रवि कुमार का इस संबंध में कहना है कि कानूनी तौर पर अवैध कॉलोनाइजर के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। अगर एफआईआर हो गई है, तो पुलिस जांच पूरी करे। केस से संबंधित जो भी दस्तावेज चाहिए, वह राजस्व और अन्य संबंधित विभागों से लें। एफआईआर होने के बाद आगे जांच की पूरी जिम्मेदारी पुलिस की है।

255 कॉलोनियों को माना है अवैध

भोपाल में सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार साल 2022 तक अवैध कॉलोनियों की संख्या 576 है। इनमें से 31 दिसंबर 2016 के पहले की 320 कॉलोनियों को वैध किया जा चुका है। साल 2016 के बाद अस्तित्व में आई 255 कॉलोनियों को पूरी तरह अवैध माना गया है। साल 2023 के अंत तक इन सभी 255 कॉलोनियों पर एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। नए सर्वे में एफआईआर होने वाली कॉलोनी को भी शामिल किया जाएगा।

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