ग्वालियर : सरकारी जमीन पर सिंधिया के ट्रस्ट की आपत्ति बिजली कंपनी ने बदला मोनोपोल लाइन का रूट
अप्रैल 2025 तक और बढ़ा इंतजार:सरकारी जमीन पर सिंधिया के ट्रस्ट की आपत्ति बिजली कंपनी ने बदला मोनोपोल लाइन का रूट
सरकारी रिकॉर्ड में शासकीय तौर पर दर्ज सड़क से सटी जमीन पर सिंधिया परिवार के ट्रस्ट की आपत्ति के करीब 14 महीने बाद॑ (जून 2023 से लंबित) अब पावर ट्रांसमिशन कंपनी मोनोपोल लाइन का रूट बदल रही है। झांसी रोड से माधव नगर, बसंत विहार होते हुए नगर निगम म्यूजियम के पास निर्माणाधीन गैस इंसुलेटेड स्विच गियर (जीआईएस) सब स्टेशन के लिए ये लाइन लाई जा रही थी, लेकिन ट्रस्ट ने माधव नगर के बाहर की जमीन को अपना बताते हुए कंपनी का काम रोक दिया था। अब कंपनी ये मोनोपोल लाइन सामने की ओर स्थित एजी ऑफिस बिल्डिंग के बाहर से आरओबी पार कराते हुए बसंत विहार रोड तक ले जाएगी। हाल ही में आयोजित बिजली कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों की हुई एक बैठक में इस पर निर्णय ले लिया गया है और जल्द ही इसके लिए नए सिरे से काम शुरू किया जाएगा।
बदलाव का असर… प्रोजेक्ट पर 8 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च होंगे
1 खर्चा: 100 करोड़ की लागत से बन रहे जीआईएस सब स्टेशन के लिए झांसी रोड से 132 केवी की सप्लाई लाइन मोनोपोल के जरिए लाई जा रही है। 39 मोनोपोल लगना प्रस्तावित थे, जिनमें 29 पोल 21-21 मीटर की ऊंचाई के हैं। अब 21 मीटर वाले 4 मोनोपोल और बढ़ाने पड़ रहे हैं। ऐसे में 8 करोड़ का नया खर्च बढ़ेगा।
2 रूट: सिंधिया ट्रस्ट की आपत्ति के बाद कंपनी ने बेशक रूट बदलने का निर्णय ले लिया हो। लेकिन इस नए रूट में भी कई अडंगे सामने आएंगे। क्योंकि, एजी ऑफिस साइट से ये लाइन लाने पर उसे रेल आेवर ब्रिज के ऊपर से लाना होगा और फिर रंगमहल गार्डन के सामने की पट्टी पर जगह को लेकर समस्या पैदा हो सकती है।
3 नुकसान: इस प्रोजेक्ट का पिछले वर्ष अगस्त-सितंबर तक पूरा होना था। लेकिन मोनोपोल के लिए जमीन और बिजली कंपनी व नगर निगम के बीच चले विवाद के कारण प्रोजेक्ट अब तक पूरा नहीं हो सका है। जानकारी के अनुसार यदि अब भी मोनोपोल का काम शुरू होता है तो भी प्रोजेक्ट अगले वर्ष अप्रैल तक पूरा हो सकेगा। मतलब साफ है कि इन सब विवादों के कारण एक ऐसा प्रोजेक्ट करीब 2 साल लेट हो रहा है।
रिकॉर्ड में सड़क दर्ज, ट्रस्ट का दावा- जमीन हमारी
- सिंधिया राजपरिवार के ट्रस्टों का काम देखने वाले विजय फालके का कहना है कि माधव नगर के बाहर की उक्त जमीन महल के ट्रस्ट के नाम दर्ज है। उक्त जमीन पर हमारा अधिपत्य है, हमारी जमीन पर कैसे मोनोपोल लग सकता है।

- राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में माधव नगर के बाहर की जमीन सर्वे नंबर 1069 व 1074 में क्रमश: 0.2300 व 0.1360 हेक्टेयर होकर शासकीय सड़क दर्ज है। कॉलम नंबर 12 में जमीन पीडब्ल्यूडी के नाम दर्ज है।
यह होगा फायदा
- जीआईएस सब स्टेशन तैयार होने के बाद फॉल्ट को जल्दी ढूढ़ा जा सकेगा।
- ओवरलोडेड की समस्या से राहत मिलेगी।
- बिजली सप्लाई सिस्टम अपग्रेड होने से वोल्टेड से समस्या का समाधान हो जाएगा।
जमीन हमारी इसलिए आपत्ति
माधव नगर के बाहर की जमीन हमारे ट्रस्ट की है। इसलिए बिजली कंपनी के सामने आपत्ति लगाई गई थी कि वे हमारी जमीन पर मोनोपोल खड़ा न करें। इसलिए दूसरे रास्ते का विकल्प तलाशने के लिए कहा गया था।
– विजय फालके, सिंधिया ट्रस्ट पदाधिकारी
दूसरे रूट से ले जाएंगे लाइन
जीआईएस सब स्टेशन की मोनोपोल लाइन के रूट में कुछ बाधाएं आ रही हैं इसलिए माधवनगर से फूलबाग तक दूसरे रूट से यह सप्लाई लाइन ले जाई जाएगी।-इंजी. , एमडी मप्र पावर ट्रांसमिशन कंपनी, जबलपुर